UP में SIR की प्रकिया पूरी, 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम कटे; 31 दिसंबर को जारी होगी फाइनल ड्राफ्ट वोटर लिस्ट
उत्तर प्रदेश में SIR की तारीख तीसरी बार नहीं बढ़ाई गई है, जिससे अब यह प्रक्रिया अब खत्म हो गई है. वर्तमान मतदाता सूची में कुल 15.44 करोड़ नाम हैं, जिनमें से लगभग 2.89 करोड़ नाम हटाए जाएंगे क्योंकि वे स्थानांतरित, मृतक, डुप्लीकेट, अनुपस्थित या अन्य श्रेणियों में पाए गए हैं. इसके अलावा 1.11 करोड़ वोटरों को नोटिस भेजे जाएंगे ताकि वे आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत कर सकें और अपनी पहचान सत्यापित कर सकें. आखिरी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 31 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी.
UP Special Intensive Revision 2025, 2.89 crore voters deleted: उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की तारीख तीसरी बार नहीं बढ़ाई गई है और इससे जुड़े गणना प्रपत्रों का काम पूरा हो गया है, जिससे मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर बदलाव होने वाले हैं. वर्तमान मतदाता सूची में कुल 15.44 करोड़ नाम हैं, लेकिन अब इनमें से लगभग 2.89 करोड़ नाम हटाए जाएंगे.
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चुनाव आयोग ने इस बार एसआईआर प्रक्रिया की समय सीमा नहीं बढ़ाने का फैसला किया है, जबकि इससे पहले दो बार इसे बढ़ाया जा चुका था. अब एसआईआर कार्य चरण पूरा हो चुका है और मुंहज़बान बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और बूथ लेवल एजेंट (BLA) ने मिलकर घर-घर जाकर मतदाताओं के विवरण को सत्यापित किया है.
46 लाख मृतक मतदाता
जो 2.89 करोड़ नाम हटेंगे, उन मतदाताओं को विभाग ने श्रेणियों में विभाजित किया है- जिसमें 1.26 करोड़ स्थानांतरित मतदाता, 46 लाख मृतक, 23.70 लाख डुप्लीकेट प्रविष्टियां, 83.73 लाख अनुपस्थित मतदाता और 9.57 लाख अन्य श्रेणी के नाम शामिल हैं.
1.11 करोड़ वोटरों को भेजा जाएगा नोटिस
इसी क्रम में लगभग 1.11 करोड़ वोटरों को नोटिस भेजा जाएगा, ताकि वे आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत कर अपनी पहचान और पंजीकरण को सत्यापित कर सकें। एक बार नोटिस चक्र पूरा होने के बाद उन पर निर्णय लिया जाएगा कि उनका नाम सूची में बने या हटे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि 31 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी. इसी सूची पर 31 दिसंबर से 30 जनवरी 2026 तक मतदाता दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं. इसके बाद 21 फरवरी 2026 तक नोटिस चरण के अंतर्गत दावों और आपत्तियों पर निर्णय लिया जाएगा, और 28 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी जाएगी.
2003 की मतदाता सूची से वर्तमान सूची की मैपिंग का कार्य भी पूरा
बीएलओ और बीएलए के सहयोग से सही और अपडेट डेटा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक जांच की गई है ताकि कोई भी मतदाता अनजाने में हट न जाए. साथ ही, वर्ष 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान सूची की मैपिंग का कार्य भी पूरा हो चुका है, जिसमें करीब 91 प्रतिशत मतदाताओं का मिलान किया जा चुका है. ऐसे मतदाताओं के नाम फिर से जांच के बाद सूची में रखे जाएंगे.
अगले चरण में, नोटिस प्राप्त मतदाता अपनी पहचान के दस्तावेज़ निर्वाचन आयोग को जमा कर सकते हैं, ताकि उनका नाम सूची में बनाए रखा जा सके. इस व्यापक प्रक्रिया से मतदाता सूची को साफ, सटीक और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए विश्वसनीय बनाया जाएगा.





