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धारा 163 लागू, सड़कों पर इंडियन आर्मी... वेस्ट कार्बी आंगलोंग में हिंसा के बाद कड़ा पहरा, जानें कैसे हैं हालात

असम के वेस्ट करबी अंग्लोंग जिले में दो समुदायों करबी और बिहारी के बीच जमीन के अवैध कब्जे को लेकर हुई हिंसा ने इलाके में भारी तनाव पैदा कर दिया है. पिछले दो दिनों में हुई झड़पों में दो लोगों की मौत और लगभग 70 लोग घायल हो गए, जिनमें 60 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल हैं. स्थानीय प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए भारतीय सेना की मदद ली है और स्थिति को शांत करने के प्रयास तेज कर दिए हैं.

धारा 163 लागू, सड़कों पर इंडियन आर्मी... वेस्ट कार्बी आंगलोंग में हिंसा के बाद कड़ा पहरा, जानें कैसे हैं हालात
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( Image Source:  ANI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Published on: 25 Dec 2025 2:46 PM

असम के वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिले में भड़की हिंसा के बाद अब प्रशासन ने पूरे इलाके को सख्त निगरानी में ले लिया है. सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 163 लागू कर दी गई है और हालात को काबू में रखने के लिए इंडियन आर्मी को सड़कों पर उतारा गया है.

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सेना की मौजूदगी और पुलिस की चौकसी के चलते संवेदनशील इलाकों में आवाजाही पर नजर रखी जा रही है, ताकि दोबारा कोई अप्रिय स्थिति न बन सके. पिछले दो दिनों में हुई झड़पों, आगजनी और पथराव के बाद हालात अभी भी पूरी तरह सामान्य नहीं हैं, लेकिन हालिया कदमों से स्थिति धीरे-धीरे स्थिर होती दिख रही है.

सेना की तैनाती और फ्लैग मार्च

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों की पहल पर स्थानीय प्रशासन ने सेना की मदद ली. इसके बाद भारतीय सेना ने वेस्ट करबी अंग्लोंग के संवेदनशील इलाकों में अपने दलों की तैनाती की, जिनमें प्रति दल करीब 60 से 80 सैनिक शामिल हैं. बुधवार को इन सैनिकों ने प्रभावित क्षेत्रों में फ्लैग मार्च कर लोगों में सुरक्षा का भरोसा दिलाने की कोशिश की. रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने साफ किया कि शांति और व्यवस्था कायम रखने के उद्देश्य से नागरिक प्रशासन के आग्रह पर सेना को बुलाया गया है.

इलाके में 163 लागू

हिंसक हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को सख्त कदम उठाने पड़े, जिसके तहत भीड़ पर लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता की धारा 163 भी लागू कर दी गई. राज्य के पुलिस महानिदेशक हर्मीत सिंह ने बताया कि फिलहाल सबसे अहम लक्ष्य स्थिति को नियंत्रण में लाना है, इसके बाद हिंसा और तोड़फोड़ में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए हौजाई स्थित स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाने में छह से सात एम्बुलेंस लगाई गईं.

हिंसा का कारण और प्रदर्शनकारियों की मांग

तनाव उस वक्त उग्र रूप ले बैठा, जब दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए और तोड़फोड़ शुरू हो गई. हालात संभालने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने हस्तक्षेप किया, लेकिन देखते ही देखते दोनों ओर से पत्थर फेंके जाने लगे. आंदोलन कर रहे लोगों का कहना है कि प्रोफेशनल ग्रेज़िंग रिज़र्व (PGR) और विलेज ग्रेज़िंग रिज़र्व (VGR) की भूमि पर बसे कथित अवैध निवासियों को हटाया जाए, जिनमें बड़ी संख्या बिहार से आए लोगों की बताई जा रही है.

हालात अभी भी तनावपूर्ण

प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की लगातार निगरानी के बावजूद क्षेत्र में स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाई है. सेना और पुलिस की साझा मौजूदगी से हालात में कुछ हद तक नियंत्रण जरूर आया है, लेकिन प्रशासन और स्थानीय लोगों की निगाहें अब भी संवेदनशील इलाकों पर बनी हुई हैं. नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना फिलहाल सबसे बड़ी जिम्मेदारी के रूप में सामने आया है.

असम न्‍यूज
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