T20 इंटरनेशनल क्रिकेट से क्यों लिया संन्यास? विराट कोहली ने खुद किया खुलासा
विराट कोहली ने आखिरकार टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की वजह बताई है. उन्होंने कहा कि 2024 वर्ल्ड कप जीतकर एक सपने को पूरा किया और यह सही समय था इस फॉर्मेट को अलविदा कहने का... कोहली का मानना है कि उनके लिए अब युवाओं को जगह देने का समय आ गया है. उन्होंने इस निर्णय को सोच-समझकर लिया और इसे अपने करियर के सबसे संतोषजनक मोमेंट्स में से एक बताया.;
Virat Kohli on Retirement from T20 International Cricket: भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने आखिरकार टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की वजह का खुलासा किया है. कोहली ने कहा कि जब उन्होंने भारत के लिए T20 वर्ल्ड कप जीत लिया, तब उन्हें लगा कि यही वह क्षण है, जब वह संतोष के साथ इस फॉर्मेट को अलविदा कह सकते हैं. यह एक ऐसा सपना था जिसे उन्होंने वर्षों से जिया था- भारत को टी20 चैंपियन बनते देखना... और जब वह सपना पूरा हुआ, तो उनके लिए इससे बेहतर विदाई की कल्पना करना मुश्किल था.
विराट कोहली ने स्वीकार किया कि शरीर और दिमाग पर लगातार क्रिकेट खेलने का असर होता है. वह अब खुद को सीमित करना चाहते थे, ताकि वह बाकी फॉर्मेट्स में अधिक योगदान दे सकें. कोहली ने इस फैसले को अचानक नहीं, बल्कि सोच-समझकर लिया. उन्होंने कहा कि वह खुद को कभी टीम पर बोझ नहीं बनने देना चाहते थे, खासकर तब जब भारत के पास शानदार युवा टैलेंट आ रहा है जो टी20 क्रिकेट के लिए पूरी तरह तैयार है.
'भारत की जीत ही सबसे अहम है'
कोहली के इस संन्यास के पीछे एक बड़ी बात यह भी थी कि वे हमेशा 'टीम फर्स्ट' सोच रखते हैं. उन्होंने टीम को जगह देने के लिए अपने करियर के इस चैप्टर को खत्म करना बेहतर समझा. उनके अनुसार, भारत की जीत ही सबसे अहम है, और अगर युवाओं को मौका देकर टीम और मजबूत बनती है तो यह सही दिशा है.
संन्यास के बाद कोहली को मिला आत्मिक संतोष
कोहली ने यह भी बताया कि संन्यास के बाद उन्हें आत्मिक संतोष मिला है. वर्ल्ड कप ट्रॉफी हाथ में लेकर उन्होंने जो भावनाएं महसूस कीं, वह हर खिलाड़ी के करियर का शिखर होती हैं. उन्होंने अपने फैसले को गर्व और सम्मान के साथ लिया, न कि किसी दबाव या विवाद के चलते.
फैंस के लिए यह जरूर भावुक पल था, लेकिन कोहली के शब्दों में एक परिपक्व क्रिकेटर की सोच झलकती है- जो जानता है कि कब रुकना है और कैसे अपनी विरासत को सम्मान के साथ समाप्त करना है. उनके इस फैसले को क्रिकेट जगत ने भी सराहा है, क्योंकि कोहली ने सिर्फ एक युग का अंत नहीं किया, बल्कि आने वाले खिलाड़ियों को एक आदर्श भी दिया है कि खेल सिर्फ रन और रिकॉर्ड्स से नहीं, बल्कि टाइमिंग और टीम स्पिरिट से भी चलता है.
अब टेस्ट और वनडे पर फोकस
अब कोहली टेस्ट और वनडे क्रिकेट पर फोकस कर रहे है. साथ ही, IPL में भी सक्रिय रहेंगे, लेकिन टी20 इंटरनेशनल को उन्होंने एक जीत के शिखर पर छोड़ा- यही उनकी पहचान है और शायद हमेशा रहेगी. आने वाले समय में वे सीनियर खिलाड़ी के तौर पर युवाओं के मार्गदर्शक भी रहेंगे.