स्वाभिमान को ठेस या BCCI का दबाव, Ro-Ko ने टेस्ट से क्यों लिया संन्यास? जानिए अंदर की कहानी

विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ने भारतीय क्रिकेट के एक स्वर्णिम युग का अंत कर दिया. रोहित को चयनकर्ताओं द्वारा बाहर किया जाना लगभग तय था, जबकि विराट ने खुद संन्यास का फैसला किया, भले ही बोर्ड ने उन्हें रुकने को कहा था. दोनों की हालिया फॉर्म में गिरावट और टीम में युवाओं को मौका देने की नीति इस बदलाव की वजह बनी. शांत विदाई ने करोड़ों फैन्स की आंखें नम कर दीं.;

( Image Source:  ANI )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 12 May 2025 5:11 PM IST

मेरा क्रिकेट छोड़ने का कोई इरादा नहीं है. अभी रन नहीं आ रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि 5 महीने बाद भी नहीं आएंगे. मैं कड़ी मेहनत करता रहूंगा... यह लाइन रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में खुद को प्लेइंग 11 से बाहर करने के फैसले के बाद संन्यास को लेकर लगाए जा रहे अटकलों को खारिज करते हुए कही थी... रोहित ने फरवरी-मार्च में हुई चैंपियंस ट्रॉफी में अपनी कप्तानी में टीम को खिताबी जीत दिलाई... आईपीएल में भी वे अच्छा खेल रहे थे... फिर ऐसा क्या हो गया है कि उन्हें 7 मई को इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए अपने संन्यास का एलान करना पड़ गया? हिटमैन के बाद विराट कोहली ने भी 12 मई को टेस्ट से रिटायरमेंट का एलान कर दिया.

रो-को के नाम से मशहूर रोहित शर्मा और विराट कोहली के अचानक बैक टू बैक संन्यास लेने के फैसले ने क्रिकेट फैन्स को हैरान कर दिया है. आखिर आईपीएल 2025 के बीच में ऐसा क्या हो गया कि दोनों दिग्गज खिलाड़ियों ने संन्यास का एलान कर दिया? आइए, इसके पीछे की इनसाइड स्टोरी के बारे में आपको बताते हैं...

रोहित और कोहली की हालिया फॉर्म में गिरावट

  • सूत्रों के अनुसार, बीसीसीआई ने रोहित को पहले ही सूचित कर दिया था कि उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में शामिल नहीं किया जाएगा. उनके हालिया टेस्ट प्रदर्शन में गिरावट आई थी, जिससे चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम से बाहर रखने का निर्णय लिया.
  • रोहित की कप्तानी में भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के हाथ घरेलू टेस्ट सीरीज में 0-3 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. रोहित ने इस सीरीज में 91 रन बनाए, जिसमें 52 रन की सर्वोच्च पारी शामिल थी.
  • रोहित की कप्तानी में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 10 साल बाद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी गंवानी पड़ी. इस टेस्ट सीरीज में रोहित ने 3 मैचों में 31 रन बनाए, जिसमें वे केवल एक बार डबल डिजिट के स्कोर (10 रन) तक पहुंच पाए थे. यही नहीं, रोहित ने सिडनी में खेले गए अंतिम और पांचवें टेस्ट मैच से खुद को बाहर रखने का फैसला किया, जिससे उनके रिटायरमेंट की अटकलें लगनी शुरू हो गईं.
  • विराट कोहली की बात करें तो उनके संन्यास की घोषणा से पहले बीसीसीआई ने उन्हें इंग्लैंड दौरे तक रुकने का सुझाव दिया था, लेकिन उन्होंने अपने निर्णय पर अडिग रहते हुए संन्यास की घोषणा की. उनका हालिया टेस्ट फॉर्म भी चिंता का विषय था, जिससे उन्होंने यह कठिन निर्णय लिया.
  • ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कोहली ने पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट में नॉटआउट 100 रन जरूर बनाए, लेकिन इसके बाद उनका बल्ला खामोश रहा. उन्होंने अगले 4 टेस्ट में कुल 85 रन बनाए.
  • न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भी कोहली का बल्ला खामोश रहा. यही वजह है कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार किसी टीम ने भारत को उसी की धरती पर तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 3-0 से हराया था. इस सीरीज में कोहली ने केवल 93 रन बनाए थे.
  • कोहली ने पिछले 10 टेस्ट मैचों में 22.47 की औसत से 382 रन बनाए, जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल हैं. वहीं, रोहित ने 8 टेस्ट मैचों की 15 पारियों में केवल 164 रन बनाए, जिसमें उनका औसत 10.93 रहा. इस दौरान उन्होंने केवल एक अर्धशतक बनाया.
  • कोहली और रोहित का बल्ला रणजी ट्रॉफी में भी खामोश रहा. कोहली रेलवे के खिलाफ पहली पारी में 6 रन ही बना सके. वहीं, रोहित शर्मा ने जम्मू-कश्मीर के खिलाफ पहली पारी में 3, जबकि दूसरी पारी में 28 रन बनाए.

टीम प्रबंधन की रणनीति

टीम के नए हेड कोच गौतम गंभीर और चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने टीम में युवा खिलाड़ियों को मौका देने की रणनीति अपनाई. उन्होंने महसूस किया कि रोहित और विराट की हालिया फॉर्म को देखते हुए, टीम को आगे बढ़ाने के लिए नए खिलाड़ियों को मौका देना जरूरी है. इस फैसले में बीसीसीआई के एक पूर्व अधिकारी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिन्होंने दोनों खिलाड़ियों से बातचीत कर उन्हें टीम की योजना से अवगत कराया.

कोहली के स्वाभिमान को पहुंची ठेस

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह खबर सामने आई थी कि कोहली टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी करना चाहते हैं. बंद कमरे की खबर के लीक होने से कोहली के स्वाभिमान को काफी ठेस पहुंची. इसे सह पाना उनके लिए मुश्किल हो गया. यही वजह है कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का एलान कर दिया. इससे पहले, गाबा टेस्ट के दौरान टीम इंडिया के महान स्पिनरों में से एक रविचंद्रन अश्विन को स्पष्ट शब्दों में कहा गया था कि अब उनका सेलेक्शन पिच के हिसाब से किया जाएगा, जिससे वे काफी आहत हुए थे और संन्यास लेने पर मजबूर हो गए.

मैनेजमेंट का सख्त फैसला

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 7 मई को एक बैठक हुई थी, जिसमें मैनेजमेंट की तरफ से विराट कोहली और रोहित शर्मा को स्पष्ट शब्दों में कह दिया गया था कि उनकी जगह अब टेस्ट टीम में नहीं बनती है. इसके तुरंत बाद रोहित ने संन्यास का एलान कर दिया. टीम मैनेजमेंट में इस बात को लेकर चर्चा हुई थी कि कोहली और कोच के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था. यही वजह है कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का एलान कर दिया.

एक युग का समापन

रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के साथ ही भारतीय क्रिकेट के एक स्वर्णिम युग का समापन हुआ. दोनों खिलाड़ियों ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और उनकी विदाई ने क्रिकेट प्रेमियों को भावुक कर दिया. अब टीम इंडिया एक नए युग की ओर अग्रसर है, जहां युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा.

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