मेरे हाथ में होता तो महिला क्रिकेट होने ही नहीं देता... भारत की वर्ल्ड कप जीत के बाद पूर्व BCCI अध्यक्ष का विवादित बयान हुआ वायरल
भारत की महिला टीम की ऐतिहासिक वर्ल्ड कप जीत के बाद एन. श्रीनिवासन का महिलाओं के क्रिकेट पर पुराना विवादित बयान फिर चर्चा में है. डायना एडुल्जी ने दावा किया था कि श्रीनिवासन महिला क्रिकेट को बढ़ावा नहीं देना चाहते थे. दूसरी तरफ हरमनप्रीत कौर ने आलोचकों को संतुलन और टीम भावना का संदेश दिया. शैफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा के शानदार प्रदर्शन से भारत ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर कब्जा जमाया.;
India Women World Cup victory, N Srinivasan women cricket comment: भारतीय महिला क्रिकेट टीम द्वारा पहली बार महिला वर्ल्ड कप जीतने के बाद देशभर में जश्न का माहौल है. इसी बीच पूर्व BCCI अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन का एक पुराना विवादित बयान फिर सुर्खियों में आ गया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि वह 'भारत में महिला क्रिकेट को कभी आगे नहीं बढ़ने देंगे.”
दिग्गज पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी ने यह खुलासा साल 2017 में एक कार्यक्रम के दौरान किया था. यह वही वर्ष था जब हरमनप्रीत कौर ने वनडे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक 171 रन बनाए थे. डायना ने बताया था कि 2011 में श्रीनिवासन के BCCI अध्यक्ष बनने के बाद जब वह उन्हें बधाई देने वानखेड़े स्टेडियम गईं, तो श्रीनिवासन ने उनसे कहा, “अगर मेरे हाथ में होता तो मैं महिलाओं का क्रिकेट भारत में होने ही नहीं देता.”
'पुरुष प्रधान मानसिकता' वाला संगठन रहा है BCCI
एडुल्जी ने यह भी कहा था कि BCCI शुरू से ही 'पुरुष प्रधान मानसिकता' वाला संगठन रहा है और महिला क्रिकेट को अहमियत देने में हमेशा हिचकिचाहट दिखाई गई. उनके मुताबिक, “BCCI नहीं चाहता था कि महिलाएं इस खेल में अपनी जगह बनाएँ या फैसले करें.”
फाइनल में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराया
इस ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने मैदान में अपने खेल से जवाब दिया. फाइनल में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराते हुए पहली बार वर्ल्ड कप अपने नाम किया. शैफाली वर्मा ने शानदार 87 रन बनाए, जबकि दीप्ति शर्मा ने गेंदबाजी में कमाल करते हुए 5 विकेट झटके.
आलोचना भी जीवन का हिस्सा है: हरमनप्रीत कौर
दूसरी ओर, कप्तान हरमनप्रीत कौर ने खिताबी जीत के बाद आलोचकों पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि आलोचना भी जीवन का हिस्सा है और यह आत्मविश्वास को संतुलित रखती है. उन्होंने कहा, “जब अच्छी चीज़ें होती हैं तो ज़्यादा ऊंचा मत उड़ो, और जब चीज़ें खराब हों तो नीचे मत गिरो. बैलेंस बनाए रखना ही सबसे बड़ी कुंजी है.”
हरमनप्रीत ने यह भी कहा कि टीम को हमेशा साथ रहकर मुश्किल समय में एक-दूसरे का मनोबल बढ़ाना चाहिए. उनकी यह सोच अब उस टीम की पहचान बन गई है जिसने दुनिया को साबित कर दिया है कि भारतीय महिला क्रिकेट अब किसी से कम नहीं.