गिल से सुंदर तक... 18 टेस्ट में आजमाए गए 7 बल्लेबाज, फिर भी नहीं मिल रहा नंबर 3 का विकल्प, कैसे गुवाहाटी टेस्ट में मिलेगी जीत?
भारत की लगातार बिगड़ती टेस्ट बल्लेबाज़ी का सबसे बड़ा कारण नज़र आ रहा है- नंबर 3 पोज़िशन पर लगातार बदलाव. गौतम गंभीर के कार्यकाल में 18 टेस्ट में सात बल्लेबाज़ों को आज़माया गया, लेकिन कोई स्थायी विकल्प नहीं मिला. शुभमन गिल के कप्तान बनने के बाद उनका नंबर बदलना, सूर्यकुमार जैसे विकल्पों की कमी और वॉशिंगटन सुंदर जैसे गैर-टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज़ों को प्रमोट करना बहस का मुद्दा बन गया है. गुवाहाटी टेस्ट से पहले टीम इंडिया के लिए नंबर 3 को स्थिर करना बेहद जरूरी हो गया है, वरना टेस्ट में गिरती धार और बढ़ सकती है.;
India vs South Africa Guwahati Test Match No 3 Batting Position: भारत की टेस्ट टीम इन दिनों घरेलू मैदान पर जिस संकट से जूझ रही है, उसका सबसे बड़ा और कम चर्चा किया गया कारण अब साफ़ तौर पर सामने आया है - नंबर 3 की पोज़िशन पर लगातार प्रयोग... ईडन गार्डन्स में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में वॉशिंगटन सुंदर को वन-डाउन भेजे जाने के बाद यह बहस और तेज हो गई. टर्निंग ट्रैक पर भारतीय बल्लेबाज़ी के बुरी तरह ढहने और छह घरेलू मैचों में चौथी हार ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर टीम मैनेजमेंट की योजना क्या है...
शनिवार से गुवाहाटी अपने पहले टेस्ट की मेजबानी करने जा रहा है. यह मुकाबला भारत के लिए सीरीज में वापसी की जरूरी उम्मीद लेकर आएगा. लेकिन पिच, टर्न और बल्लेबाज़ी फ्लॉप से कहीं बड़ा मुद्दा अब निगाहों में है- पिछले 18 टेस्ट में सात अलग-अलग खिलाड़ियों को नंबर 3 पर आज़माना... यह सिलसिला पिछले साल जुलाई में शुरू हुआ, जब राहुल द्रविड़ की जगह गौतम गंभीर ने कोचिंग की कमान संभाली.
गंभीर का रिकॉर्ड
गंभीर के कार्यकाल में भारत ने 18 टेस्ट खेले, जिसमें से 7 में जीत और 8 में हार मिली. वहीं, 2 मैच ड्रॉ रहे.
- घर में रिकॉर्ड: 4 जीत - 4 हार
- बाहर का रिकॉर्ड: 3 जीत- 5 हार - 2 ड्रॉ
लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात की कि टीम टेस्ट क्रिकेट की सबसे महत्वपूर्ण पोज़िशन को लेकर स्थिरता क्यों नहीं ला पा रही.
गिल से शुरू हुई कहानी, लेकिन कप्तानी के साथ बदला क्रम
शुभमन गिल ने गंभीर के कार्यकाल की शुरुआत में नंबर 3 पर खेलना शुरू किया था. उन्होंने वहां 7 मैच में 401 रन बनाए, औसत 33.42, एक शतक के साथ... लेकिन विराट कोहली और रोहित शर्मा के संन्यास के बाद वे कप्तान बने और खुद को नंबर 4 पर शिफ्ट कर लिया. इससे टीम फिर असमंजस में पड़ गई.
साई सुदर्शन ने निभाई भूमिका, पर अचानक बदलाव
इसके बाद साई सुदर्शन को नंबर 3 का ‘लॉजिकल विकल्प’ माना गया. उन्होंने वहां 5 टेस्ट खेले, 273 रन बनाए, औसत 30.33, दो अर्धशतक लगाए. इसके बावजूद ईडन गार्डन्स टेस्ट में उन्हें ड्रॉप कर वॉशिंगटन सुंदर को भेजा गया, जिससे चयन पर फिर सवाल उठने लगे.
कोहली, करुण नायर, राहुल और पड्डिकल- प्रयोग जारी रहा
गौर करने वाली बात यह भी है कि गंभीर के समय में कई खिलाड़ियों को एक-एक या दो मैच के लिए नंबर 3 पर आज़माया गया;
- विराट कोहली – 1 टेस्ट (डक और 70)
- करुण नायर – 2 टेस्ट (111 रन, औसत 27.75)
- देवदत्त पड्डिकल – 1 टेस्ट (0 और 25)
- KL राहुल – 1 टेस्ट (24 और 0)
- वॉशिंगटन सुंदर – 1 टेस्ट (29 और 31)
सुंदर के प्रदर्शन को कठिन पिच पर अच्छा माना गया, लेकिन उनकी नियुक्ति ने यह संकेत साफ़ कर दिया कि टीम के पास इस स्लॉट के लिए कोई तय विकल्प नहीं.
इतिहास से बिल्कुल उलटी दिशा
भारत ने दशकों तक नंबर 3 पर गजब की स्थिरता देखी है- पहले राहुल द्रविड़, फिर चेतेश्वर पुजारा ने वर्षों तक यह पोज़िशन संभाली... आज वही जगह टीम की सबसे बड़ी कमजोरी बन गई है. गंभीर के दौर में यह ‘म्यूज़िकल चेयर्स’ न सिर्फ योजना पर सवाल उठा रहा है, बल्कि बल्लेबाज़ी के संतुलन, आत्मविश्वास और रणनीति पर भी प्रभाव डाल रहा है...
गुवाहाटी में निगाहें एक ही सवाल पर - नंबर 3 कौन?
भारत पहले ही घर में चार हार झेल चुका है, कप्तान बदले, बल्लेबाज़ी कमजोर पड़ी, और अब टीम का सबसे महत्वपूर्ण स्लॉट लगातार अस्थिर है. गुवाहाटी में टीम किसे नंबर 3 पर उतारेगी- यह सिर्फ रणनीतिक फैसला नहीं होगा, बल्कि भारत की टेस्ट बल्लेबाज़ी की रीढ़ को दोबारा मजबूत करने की दिशा में पहला कदम भी होगा. टीम मैनेजमेंट क्या फिर प्रयोग करेगा या अब स्थिरता चुनेगा-यही आने वाले दिनों की सबसे बड़ी कहानी होगी.