कॉमनवेल्थ गेम्स में कितना आता है खर्च? 20 साल बाद 2030 में भारत करेगा इसकी मेजबानी, लाखों रोजगार के मिलेंगे अवसर
भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी मिल गई है. अहमदाबाद को इसके लिए होस्ट सिटी चुना गया है. 20 साल बाद भारत कॉमनवेल्थ की मेजबानी करते हुए दिखाई देगा. जिससे लाखों नौकरियों के अवसर भी मिलेंगे. इसके अलावा गेम्स पर कई हजार करोड़ रुपये का खर्च भी होगा.;
भारत को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी सौंप दी गई है ग्लास्गो में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स की बैठक में अहमदाबाद को आधिकारिक रूप से 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स का होस्ट घोषित कर दिया गया. यह निर्णय भारत के लिए खेल जगत में एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है, क्योंकि देश लगभग 2 दशक बाद फिर से इन खेलों का आयोजन करेगा. जिसमें फिर से कई हजार करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. वैसे हर कॉमनवेल्थ गेम्स का खर्च अलग-अलग होता है.
इस बैठक में संयुक्त सचिव (खेल) कुणाल, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी.टी. उषा और गुजरात के खेल मंत्री हर्ष संघवी समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों शामिल हुए. यह आयोजन देश के खेल बुनियादी ढांचे और अंतरराष्ट्रीय पहचान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला माना जा रहा है.
साल 2010 में भारत ने की थी मेजबानी
भारत ने इससे पहले साल 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी. रिपोर्ट के मुताबिक जिन पर लगभग 70,000 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जबकि शुरुआती अनुमान लगभग 1,600 करोड़ रुपये का था. कॉमनवेल्थ देशों की सूची में शामिल 72 देश शामिल हैं. जो हर चार साल में होने वाले इन खेलों में हिस्सा लेते हैं.
किन चीजों पर होता है खर्च?
कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान स्टेडियम और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर, गेम्स विलेज, परिवहन और शहर का इन्फ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा और आयोजन, प्रबंधन और तकनीक पर खर्च होता है. जिसमें एथलीटों और अधिकारियों के रहने की सुविधाएं से लेकर नए स्टेडियम, स्विमिंग एरेना, इंडोर कॉम्प्लेक्स, रेनोवेशन आदि शामिल रहते हैं. अंतरराष्ट्रीय आयोजन होने की वजह से सुरक्षा पर बड़ा खर्च होता है.
अहमदाबाद को क्यों चुना गया?
राष्ट्रमंडल खेल के अंतरिम अध्यक्ष डॉ. डोनाल्ड रुकारे ने बताया कि भारत और नाइजीरिया दोनों के होस्टिंग के लिए उत्सुक थे, लेकिन 2030 होस्टिंग के लिए अहमदाबाद को चुना गया. हाल के महीनों में अहमदाबाद ने कई बड़े इंटरनेशनल इवेंट्स जैसे राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप, एशियाई एक्वेटिक्स चैंपियनशिप, AFC U-17 एशियाई कप 2026 क्वालीफायर की सफल मेजबानी की है.
सरदार पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनेगा खेलों का केंद्र
अहमदाबाद में तैयार हो रहा सरदार वल्लभभाई पटेल खेल परिसर इन खेलों का मुख्य स्थल होगा. इसमें दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियमों में गिना जाने वाला नरेन्द्र मोदी स्टेडियम शामिल है. इसके साथ ही परिसर में स्विमिंग एरेना, नया फुटबॉल स्टेडियम, इनडोर खेल सुविधाओं के दो प्रमुख मैदान और 3,000 लोगों की क्षमता वाला आधुनिक खेल गांव भी विकसित किए जा रहे हैं.
ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 का बजट किया कम
ग्लास्गो में 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स के बजट को काफी कम कर दिया गया है. आयोजन को शहर के 12 किमी के दायरे में रखने की योजना है और कुल बजट 114 मिलियन पाउंड (लगभग 1300 करोड़ रुपये) तक सीमित रखा गया है. बजट कटौती का असर खेलों पर पड़ा है, जिसके चलते कुश्ती, निशानेबाजी, बैडमिंटन और हॉकी जैसे महत्वपूर्ण खेलों को बाहर कर दिया गया. भारत ने इसका विरोध किया था क्योंकि इससे उसकी पदक संभावनाएं गंभीर रूप से प्रभावित होती है. ऐसे में उम्मीद है कि भारत 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स में इन सभी खेलों को शामिल करेगा, जिससे फिर कॉमनवेल्थ गेम्स के बजट में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.
2030 गेम्स से लाखों रोजगारों की उम्मीद
साल 2030 में भारत कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करेगा जिससे देश में लाखों रोजगार पैदा होंगे. यह अनुमान 2010 गेम्स के अनुभव पर आधारित है, जब एसोचैम की रिपोर्ट में करीब 2.5 लाख से अधिक रोजगार का पूर्वानुमान लगाया गया था. इस बार, अहमदाबाद के विशाल बुनियादी ढांचे और विविध परियोजनाओं को देखते हुए रोजगार के अवसरों का दायरा और बड़ा होने की उम्मीद है.
किन सेक्टर्स में होगी सबसे अधिक भर्ती?
- विमानन उद्योग
- हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन
- सिविल इंजीनियरिंग
- ईको-टूरिज्म
- स्वास्थ्य सेवाएं
- सुरक्षा और इवेंट मैनेजमेंट
- स्वच्छता और तकनीकी सेवाएं