IND vs ENG: शुभमन का कप्तानी पंच, भारत जीत से बस 7 विकेट दूर; अब निर्णायक वार के लिए तैयार है गिल की सेना

एजबेस्टन टेस्ट में शुभमन गिल की ऐतिहासिक बल्लेबाज़ी और कप्तानी के चलते भारत ने इंग्लैंड के सामने 608 रनों का विशाल लक्ष्य रखा है. गिल ने मैच में दोहरा शतक और एक शतक लगाकर कुल 430 रन बनाए, जो टेस्ट इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत योग है. मोहम्मद सिराज और आकाश दीप की घातक गेंदबाज़ी ने इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को बिखेर दिया. अब पांचवें दिन भारत को जीत के लिए सिर्फ सात विकेट चाहिए, जबकि इंग्लैंड की बैज़बॉल रणनीति दबाव में है.;

( Image Source:  BCCI )
By :  अभिजीत श्रीवास्तव
Updated On : 6 July 2025 3:37 PM IST

लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर तीसरा टेस्ट खेलने से पहले भारत को सीरीज़ को बराबरी पर लाने के लिए एजबेस्टन टेस्ट के अंतिम दिन विकेट लेने वाली केवल सात गेंदों की ज़रूरत है. मैच के चौथे दिन कप्तान शुभमन गिल ने पहले बल्लेबाज़ी और फिर अपनी कप्तानी फ़ैसले का जो नमूना दिखाया उसने इंग्लैंड के हौसले पस्त कर रखे हैं. गिल के निर्णायक फ़ैसले की वजह से भारत ने 608 रनों का विशाल लक्ष्य रखा और फिर मोहम्मद सिराज और आकाश दीप ने अपनी गेंदबाज़ी कौशल का जबरदस्त नमूना दिखाया और इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को झकझोर कर रख दिया.

एक ऐसे मुक़ाबले में जहां दोनों ही टीमों के बाकी सभी तेज़ गेंदबाज़ विकेट लेने के लिए जूझते नज़र आए, मोहम्मद सिराज और आकाश दीप ने अलग ही छाप छोड़ी. जब भी वो रन-अप लेकर दौड़ते हैं मानो ऐसा लगता हो जैसे विकेट झटक कर ही लौटेंगे. इन्हीं दोनों ने अब तक इस मैच में भारत की झोली में आए सभी 13 विकेट आपस में बांटे हैं.

पारी देर से समाप्त करना गिल की सूझबूझ

चौथे दिन जब शुभमन और रवींद्र जडेजा बल्लेबाज़ी कर रहे थे और भारत का स्कोर 500 रनों से ऊपर जाने लगा तो यह चर्चा ज़ोर पकड़ने लगी कि भारत पारी कब घोषित करेगा. दरअसल, पिछले तीन सालों के दौरान बैज़बॉल नीति (चौथी पारी में तेज़ बल्लेबाज़ी की नीति) अपनाते हुए इंग्लैंड ने, बारिश से प्रभावित मैचों को छोड़कर, ऐसे सभी मुक़ाबले जीते हैं जिसमें उसे चौथी पारी में 378 रन तक का लक्ष्य दिया गया. पर क्या अब तक तीन विकेट गंवा चुकी इंग्लैंड पांचवें दिन 536 रनों को चेज़ करने की कोशिश में उतरेगी या अपने आक्रामक बल्लेबाज़ी के रुख़ को धीमा करेगी और यह मान लेगी की जीत संभव नहीं है? यहां यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि इंग्लैंड की टीम पहली पारी में केवल 84 रन पर पांच विकेट गंवाने के बावजूद अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी में बदलाव नहीं लाई थी और 4.54 की औसत से 407 रन बना दिए थे.

गिल का रिकॉर्ड तोड़ कारनामा

भारत जीता तो, यह बतौर कप्तान शुभमन गिल की पहली जीत होगी. गिल ने पहली पारी में रिकॉर्ड तोड़ 269 रन बनाए तो दूसरी पारी में भी 161 रनों की बेमिसाल पारी खेली. गिल ने इस सीरीज़ में अब तक सबसे अधिक तीन शतक जमाए हैं, जो उनके टेस्ट करियर की आठवीं सेंचुरी है. उन्होंने पहली पारी में अपनी 269 रनों की पारी के दौरान तो कई रिकॉर्ड तोड़े ही दूसरी पारी के शतक से भी कई और रिकॉर्ड तोड़ने का कारनामा किया.

 

एक टेस्ट मैच में दोहरा शतक और डेढ़ सौ से अधिक रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर

गिल एक टेस्ट मैच में दोहरा शतक और डेढ़ सौ से अधिक रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर बने हैं. वहीं गिल टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में केवल दूसरे ऐसे बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने एक ही टेस्ट मैच में 150+ की दो पारी खेली है. उनसे पहले ऐसा 1980 में एलन बॉर्डर ने पाकिस्‍तान के ख़िलाफ़ लाहौर टेस्ट में 150* और 153 रन बनाकर किया था. गिल टेस्ट क्रिकेट के उन 9 बल्लेबाज़ों में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने एक टेस्ट में शतक और दोहरा शतक जमाने का कारनामा किया है. भारत के सुनील गावस्कर भी ऐसा कर चुके हैं.

एक मैच में 430 रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज

हालांकि दोहरा शतक और डेढ़ सौ रन बनाकर गिल का रिकॉर्ड अब नई ऊंचाई पर है. एजबेस्टन में उनके बल्ले से कुल 430 रन निकले और वो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में केवल दूसरे ऐसे बल्लेबाज़ बने जिन्होंने एक मैच में 430 रन बनाए हों. उनसे अधिक रन इंग्लैंड के ग्राहम गूच के नाम है, जिन्होंने 1990 में भारत के ख़िलाफ़ लॉर्ड्स टेस्ट में रिकॉर्ड 456 रन (333 रन और 123 रन) बनाए थे.

हेडिंग्ले के पहले टेस्ट मैच में ऋषभ पंत ने दोनों पारियों में शतक जमाया था, अब गिल ने एजबेस्टन में दोनों पारियों में वही कारनामा किया है. भारत के केवल ये ही दो क्रिकेटर हैं जिन्होंने इंग्लैंड में टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जमाया है. गिल ने अब तक इस टेस्ट सिरीज़ में एक दोहरे शतक और दो शतकों की बदौलत 585 रन बटोर लिए हैं. यह किसी भी टेस्ट सिरीज़ के पहले दो टेस्ट मैचों में बनाया गया दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है. गिल से आगे केवल दक्षिण अफ़्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ हैं जिन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ ही 2003 में 621 रन बनाए थे.

गिल के 430 रनों और अन्य बल्लेबाज़ों के कीमती रनों की बदौलत भारत ने एजबेस्टन में 1014 रन बनाए जो एक टेस्ट मैच में भारत की ओर से बनाया गया एक नया रिकॉर्ड है. भारत ने 21 साल पहले 2004 में सिडनी टेस्ट में 916 रनों को पीछे छोड़ा. वहीं विश्व क्रिकेट में यह केवल छठा ऐसा मौक़ा है जब किसी टीम ने 1000+ रन बनाए हों.

पांचवें दिन इंग्लैंड की नीति क्या होगी?

जैसा कि मैंने ऊपर बताया है कि इंग्लैंड पिछले तीन सालों से अपनी चौथी पारी में आक्रामक बल्लेबाज़ी को तरजीह देता आया है और अधिकांश मौक़े पर यह टीम इसी रणनीति के दम पर मैच जीतने की स्थिति में आती रही है. तो एजबेस्टन में भी यह टीम पांचवें दिन तेज़ बल्लेबाज़ी पर ही फ़ोकस करेगी. लेकिन शुभमन गिल ने जिस तरह दूसरी पारी देर से घोषित कर इंग्लैंड की टीम को 608 रन चेज़ करने के लिए बहुत कम समय दिया उसने बैज़बॉल की संभावना को बहुत हद तक धूमिल कर दिया है. इंग्लैंड के पास यहां से मैच को किसी तरह बचाने का विकल्प ही नज़र आता है, बशर्ते कि टीम इंडिया ओली पोप, हैरी ब्रूक, जेमी स्मिथ और कप्तान बेन स्टोक्स को पिच पर टिकने न दें. पर पूरे दिन बल्लेबाज़़ी करके मैच बचाना क्या इंग्लैंड के हाल की बल्लेबाज़ी शैली के ठीक विपरीत नहीं है?

शुभमन गिल ने एक बड़ा लक्ष्य रख कर और बैज़बॉल प्रहार के लिए इंग्लैंड को बहुत अधिक वक़्त नहीं देकर अपनी जबरदस्त दूरदर्शिता दिखाई है. सूझबूझ भरा यह फ़ैसला इतना बड़ा है कि मैच जीतने के बाद इसकी तारीफ़ होना तय है. अब पांचवें दिन टीम इंडिया निर्णायक वार के लिए तैयार है, जो बहुत संभव है रनों के मामले में विदेश में एक सबसे बड़ी जीत भी साबित हो सकती है.

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