मोदी सरकार लाई कानून तो 'मझधार' में फंसी टीम इंडिया, Dream 11 के बाद अब कौन होगा टीम इंडिया का नया स्‍पॉन्‍सर?

ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के बाद ड्रीम11 ने भारतीय क्रिकेट टीम की स्पॉन्सरशिप से हाथ खींच लिया है. इससे टीम इंडिया एशिया कप 2025 से पहले बिना लीड स्पॉन्सर के रह गई है. बीसीसीआई ने पुष्टि की है कि वह अब किसी गेमिंग कंपनी से करार नहीं करेगा और जल्द नया टेंडर जारी करेगा. संभावित नए स्पॉन्सर्स में टाटा, रिलायंस, अडानी और बड़ी एफएमसीजी कंपनियों के नाम चर्चा में हैं.;

( Image Source:  ANI )

ऑनलाइन गेमिंग बिल के आने के बाद गेमिंग इंडस्ट्री को हिलाने वाली एक और बड़ी ख़बर आई है. तीन दिन पहले गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म MPL ने अपने सभी रियल मनी गेम्स को बंद करने का फ़ैसला लिया था और Dream 11 और Zupee ने भी अपने-अपने प्लेटफ़ॉर्म से रियल मनी वाले सभी गेम्स को हटाने का फ़ैसला किया था. ड्रीम 11 ने अपने ऐप नोटिफ़िकेशन में बताया था कि वो अपने सभी Pay to Play गेम्स को हटा रहा है. अब ड्रीम 11 ने भारतीय क्रिकेट टीम के स्पॉन्सरशिप अनुबंध को ख़त्म कर दिया है. तो भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने भी ड्रीम 11 से अपने सभी करार तोड़ दिए हैं.

बीसीसीआई सेक्रेटरी देवजीत सैकिया ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड भविष्य में कभी ऐसे संगठनों के साथ कोई साझेदारी नहीं करेगा. दरअसल, बीसीसीआई ने यह क़दम पिछले गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में 'प्रमोशन ऐंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑनलाइन गेमिंग बिल' के पेश और पारित किए जाने के बाद उठाया है.

ड्रीम 11 से करार तोड़ने का मतलब ये भी है कि 9 सितंबर से होने वाले एशिया कप के लिए फ़िलहाल बीसीसीआई के पास कोई टाइटल स्पॉन्सर नहीं होगा. ड्रीम 11 एशिया कप में टीम इंडिया का आधिकारिक लीड स्पॉन्सर भी था और टीम के खिलाड़ियों की जर्सी पर भी इसका लोगो लगा हुआ था, जिसे अब दो हफ़्ते में बदलना होगा और साथ ही नया टाइटल स्पॉन्सर भी ढूंढना होगा. अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़ नए स्पॉन्सर की तलाश के लिए बीसीसीआई जल्द ही नया टेंडर जारी करेगा. साथ ही यह भी बताया गया कि ड्रीम 11 के इस अनुबंध से अचानक हटने के बावजूद उस पर कोई आर्थिक दंड नहीं लगाया जाएगा क्योंकि यह करार भारत सरकार के क़ानून में बदलाव होने की वजह से टूटा है लिहाजा ड्रीम 11 को दंड स्वरूप कोई भी रक़म अदा नहीं करनी होगी.

क्या है ड्रीम 11 की कहानी?

ड्रीम 11 को 2018 में स्थापित किया गया था. फ़ैंटेसी गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म ड्रीम इलेवन 2020 में इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर बन गया. उससे पहले वीवो आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर था, जिसने 2018 में इसे 2199 करोड़ रुपये में ख़रीदा था. लेकिन चीन के साथ गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद इस चीनी कंपनी (वीवो) का करार रद्द कर दिया गया था. ड्रीम11 ने आईपीएल के तेरहवें संस्करण की पहली बार स्पॉन्सरशिप की थी. उसने इसे वीवो के मुक़ाबले बहुत सस्ते में 222 करोड़ रुपये प्रति सीज़न के दर से ख़रीदा था. तब देश की बड़ी कंपनियों में से एक टाटा भी इसकी रेस में थी लेकिन उसने अंतिम बोली नहीं लगाई थी. हालांकि बाइजूस ने 201 करोड़ और अनएकेडमी ने 170 करोड़ की बोली लगाई थी पर ड्रीम11 ने उनसे कहीं अधिक बोली लगाकर यह अधिकार ख़रीदा था.

हालांकि तब अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने ये ख़बर छापी थी कि ड्रीम11 को भी चीन की कंपनी टेनसेंट होल्डिंग्स लिमिटेड से सहायता मिलती रही है.

इसके बावजूद ड्रीम 11 का कारोबार बढ़ता गया और ये साल 2023 में बीसीसीआई की लीड स्पॉन्सर कंपनी बन गई. तब इसने बाइजूस को पीछे छोड़ते हुए बीसीसीआई से 358 करोड़ रुपये में तीन साल के लिए करार किया था. भारतीय टीम के अलावा इसने महेंद्र सिंह धोनी, रोहित शर्मा, हार्दिक पंड्या, ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह जैसे सीनियर प्लेयर्स को अपना ब्रांड एंबेसेडर बनाया और आज उसकी उपस्थिति कई विदेशी लीग में भी है. ड्रीम 11 कैरिबियाई प्रीमियर लीग की आधिकारिक फ़ैंटेसी पार्टनर है तो सुपर स्मैश की टाइटल स्पॉन्सर भी है. यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया के घरेलू क्रिकेट बिग बैश लीग और महिला बिग बैश लीग में भी उसकी मौजूदगी है. तो क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में यह बड़े पैमाने पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर चुका है. यह इंडियन सुपर लीग का आधिकारिक फ़ैंटेसी पार्टनर हैं तो प्रो कबड्डी लीग और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ से भी जुड़ा हुआ है. आज ड्रीम 11 अकेले 800 करोड़ रुपये की कंपनी बताई जाती है.

ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 में क्या ख़ास है?

एक अनुमान के मुताबिक़ भारत में गेमिंग इंडस्ट्री का बाज़ार क़रीब 31 हज़ार करोड़ रुपये का है. जिसके 2029 तक 78 हज़ार करोड़ पहुंचने की संभावना जताई जा रही थी. पर केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 लाकर इसके तहत खेले जाने वाले कई गेम को जुए की कैटेगरी में रखते हुए उसे प्रतिबंधित कर दिया है. चलिए छह पॉइंट्स से जानते हैं कि ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 में क्या ख़ास है.

  • ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के तहत बेटिंग गेम को प्रतिबंधित किया गया है. बिल की धारा 2(जी) के मुताबिक़ जिस गेम में खिलाड़ी फ़ीस, पैसा या स्टेक लगाता है और जीतने पर उसे पैसे या किसी भी तरह के पैसों का फ़ायदा होता है, वो सभी गेम प्रतिबंधित होंगे.
  • जिन ऑनलाइन गेम को प्रतिबंधित किया गया है उन्हें बैंक और यूपीआई सपोर्ट नहीं करेंगे.
  • बिल में यह बताया गया है कि स्किल पर आधारित खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा न कि 'गेम ऑफ़ चांस' को यानी इन गेम्स को जुआ की कैटेगरी में रखते हुए प्रतिबंधित किया गया है.
  • हालांकि इस बिल के अनुसार गेम खेलने वालों पर मामला दर्ज नहीं किया जाएगा, लेकिन बेटिंग गेम बनाने वालों और प्रचार करने वालों को सज़ा होगी
  • सज़ा का प्रावधानः 3 से 5 सात तक की जेल और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
  • वहीं, वो लोग जो इस तरह के गेम को बढ़ावा देते हैं, जैसे कि सेलिब्रिटी जो प्रचार करते हैं, उन्हें दो साल तक की जेल या पचास लाख रुपये जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं. ये भी संभव है कि उन पर मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक क़ानून 2002 की धाराएं भी लगाई जाएं.

कौन हो सकता है टीम इंडिया का अगला मुख्य स्पॉन्सर?

अब जबकि ड्रीम 11 एशिया कप में टीम इंडिया का लीड स्पॉन्सर नहीं है और बीसीसीआई ने कहा है कि वो नए स्पॉन्सर के लिए आधिकारिक प्रक्रिया करने वाली है तो इसमें समय भी लग सकता है और यह भी संभावना बन रही है कि फ़िलहाल भारत को एशिया कप में बिना किसी लीड स्पॉन्सर के ही उतरना होगा. वहीं उसे अपने खिलाड़ियों के टीशर्ट पर लगे ड्रीम 11 के लोगो को भी हटाना होगा. हालांकि साथ ही कुछ उन नामों पर भी चर्चा हो रही है जो टीम इंडिया के संभावित लीड स्पॉन्सर हो सकते हैं. इन नामों में टोयोटा मोटर कॉरपोरेशन, टाटा ग्रुप, रिलायंस, अडानी, कई फ़िनटेक कंपनियां और एफ़एमसीजी कंपनियां शामिल हैं.

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