उत्पन्ना एकादशी कल, जानिए किन उपायों को करने से भगवान विष्णु होते हैं प्रसन्न और खुलते हैं सौभाग्य के मार्ग

उत्पन्ना एकादशी का पवित्र अवसर कल आने वाला है, जिसे भगवान विष्णु की विशेष कृपा पाने और सौभाग्य बढ़ाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन किए जाने वाले उपाय और व्रत न केवल आध्यात्मिक लाभ देते हैं, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि के मार्ग भी खोलते हैं. पंचांग और शास्त्रों के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी का पालन करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का प्रवेश होता है.;

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By :  State Mirror Astro
Updated On : 14 Nov 2025 8:00 PM IST

हिंदू धर्म में उत्पन्ना एकादशी के व्रत का विशेष महत्व होता है. उत्पन्ना एकादशी पर व्रत करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है. हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहते हैं. इस एकादशी को प्राकट्य दिवस कहा गया है. यह तिथि भगवान विष्णु की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी गई है.

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस दिन किए गए व्रत, जप, ध्यान और पूजन से जीवन के सभी प्रकार के पाप नष्ट होते हैं और मनुष्य धन, सुख और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करता है. धार्मिक मान्यताओं में उत्पन्ना एकादशी पर कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से भगवान विष्णु की कृपा शीघ्र मिलती है और घर में स्थायी समृद्धि आती है. आइए जानते हैं इस एकादशी पर कौन-कौन से उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और भगवान विष्णु की कृपा मिल सकती है.

शंख-जल से विष्णु पूजन

एकादशी के दिन प्रातः काल भगवान श्री हरि की प्रतिमा को शंख में भरे जल से स्नान कराना अत्यंत शुभ माना जाता है. शंख-जल को पवित्रता तथा सुख-समृद्धि का वाहक कहा गया है. माना जाता है कि ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का वास बना रहता है और नकारात्मकता दूर होती है. शंख-जल से अभिषेक करते समय “ॐ वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करें.

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप

पौराणिक मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी के दिन यदि यह मंत्र 108 बार जाप किया जाए तो मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं. यह मंत्र विष्णु का बीज मंत्र माना गया है और जप के दौरान मन पूरी तरह शांत और एकाग्र हो जाता है. जप पीले आसन पर बैठकर करने से इसका प्रभाव और बढ़ जाता है.

पीला धागा अर्पित करें

इस दिन पीले रंग का धागा हल्दी से पूजा कर भगवान विष्णु के श्री चरणों में अर्पित करें. थोड़ी देर बाद उसे उठाकर दाहिने हाथ या गले में धारण करें. मान्यता है कि इससे किसी भी प्रकार की बाधा, नजर दोष या आर्थिक अटकन दूर होती है. यह उपाय सौभाग्य बढ़ाने वाला माना गया है.

तुलसी पर श्री सूक्त का पाठ

तुलसी माता को श्री हरि का प्रिय माना गया है. उत्पन्ना एकादशी की शाम तुलसी के समक्ष दीपक जलाकर श्री सूक्त का पाठ करें. इससे घर में धन की वृद्धि, दरिद्रता का नाश और लक्ष्मी कृपा बढ़ती है.

पीताम्बर अर्पण और पीताभिषेक

इस दिन विष्णु जी को पीले वस्त्र या पीताम्बर अर्पित करना अत्यंत शुभ है. यदि संभव हो तो भगवान को केसर, चंदन और हल्दी मिले जल से अभिषेक करें. इसे ‘पीताभिषेक’ कहा जाता है जो जीवन में सौभाग्य, स्वास्थ्य और धन-लाभ की वृद्धि करता है.

शुद्ध घी का अखंड दीप जलाएं

पूजा स्थान में शुद्ध घी का एक अखंड दीप जलाएं और जितना संभव हो विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. अखंड दीप से घर में दिव्य ऊर्जा का संचार होता है और ग्रह बाधाएं दूर होती हैं.

कमल या पीले फूलों की माला अर्पित करें

उत्पन्ना एकादशी पर कमल का फूल और पीले पुष्प भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय माने गए हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन भगवान विष्णु को कमल की माला चढ़ाने से धन-सौभाग्य का स्थायी योग बनता है. यदि कमल न मिले तो पीले गेंदा व पुष्प भी अर्पित किए जा सकते हैं.

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