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शिव आराधना में रुद्राभिषेक से लेकर बेलपत्र के अर्पण का क्या है धार्मिक महत्व, जानिए सबकुछ

हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना को अत्यंत पवित्र माना गया है. शिवलिंग की स्थापना, रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र का जाप, बेलपत्र अर्पण और शिव पुराण पाठ - ये सभी शिव उपासना के प्रमुख अंग हैं. मान्यता है कि शिव की पूजा से मृत्यु भय दूर होता है, वास्तु दोष मिटते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. सोमवार के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र और जल अर्पित करना सबसे शुभ माना गया है.

शिव आराधना में रुद्राभिषेक से लेकर बेलपत्र के अर्पण का क्या है धार्मिक महत्व, जानिए सबकुछ
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( Image Source:  Sora AI )
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Updated on: 11 Nov 2025 6:30 AM IST

हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व होता है. शास्त्रों में शिवजी को संहार और पुनर्निर्माण का देवता माना जाता है. सभी देवताओं में शिवजी एक मात्र ऐसे देवता हैं जो मात्र एक लोटा जल और एक बेलपत्र को अर्पित करने में खुश होते हैं.

शिवजी की उपासना और उनका आशीर्वाद पाने के लिए भक्त शिवलिंग की स्थापना-पूजा, रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र का जाप, बेलपत्र अर्पण, धूप और दीप का उपयोग, शिव पुराण का पाठ और शिव चालीसा का पाठ नियमित रूप से करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवजी की उपासना करने से मृत्यु का भय दूर होता है और साथ ही वास्तु संबंधी कई तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं शिव उपासना का महत्व.

1. शिवलिंग स्थापना और उपासना

हिंदू धर्म में शिव उपासना के लिए शिवलिंग का विशेष महत्व होता है. वास्तु दोष को दूर करने के लिए घर पर शिवलिंग की स्थापना करना बहुत ही शुभ माना जाता है. शिवलिंग को घर के उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना सबसे अच्छा माना जाता है. इस दिशा में शिवलिंग स्थापित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. घर पर शिवलिंग की स्थापना करने के बाद इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि शिवलिंग पर रोजाना जल अर्पित करें और उसकी पूजा करें.

2. रुद्राभिषेक का महत्व

शिवजी की पूजा-पाठ और उपासना में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक एक विशेष पूजा विधि है. शिव जी की पूजा में शिवलिंग पर शुद्ध जल, दूध, शहद, दही, घी और गंगाजल को अर्पित किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राभिषेक करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है और घर में मौजूद वास्तु दोष दूर होता है.

3. महामृत्युंजय मंत्र

हिंदू धर्म में मंत्रों के जाप का विशेष स्थान दिया गया है. शास्त्रों में भगवान शिव की आराधना के लिए महामृत्युंजय मंत्र मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाला माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से मृत्यु पर विजय प्राप्त की जा सकती है. महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है.

4. शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पण करने का महत्व

शिवजी की पूजा-उपासना में बेलपत्र को बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव को बेलपत्र बहुत ही प्रिय होता है. शिवलिंग पर नियमित रूप से बेलपत्र अर्पित करने से जीवन में सुख-समृद्धि और वास्तु दोष समाप्त होता है. बेलपत्र को अर्पित करने का सबसे शुभ दिन सोमवार होता है. शिवलिंग पर बेलपत्र को 'ॐ नमः शिवाय' लिखकर अर्पित करें.

5. शिव पुराण और शिव चालीसा पाठ का महत्व

शिवजी की पूजा-आराधना में शिव पुराण का विशेष महत्व होता है. शिव पुराण का नियमित पाठ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. शिव पुराण का पाठ सोमवार या प्रदोष व्रत के दिन करना विशेष रूप से फलदायी होता है. इसके अलावा शिव चालीसा का पाठ घर में सुख- शांति और समृद्धि लाता है. शिव चालीसा और शिव पुराण का पाठ प्रतिदिन सुबह और शाम के समय करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है.

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