देवगुरु बृहस्पति की बदली चाल, कर्क राशि में हुए वक्री, जानिए आपकी राशि पर प्रभाव
देवगुरु बृहस्पति, जिन्हें ज्योतिष में ज्ञान, भाग्य और समृद्धि का कारक माना जाता है, अब अपनी चाल बदल चुके हैं. गुरु ग्रह कर्क राशि में वक्री हो गए हैं, जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर किसी न किसी रूप में पड़ेगा. जब बृहस्पति वक्री होते हैं, तो जीवन की दिशा, फैसले और भाग्य से जुड़ी स्थितियां एक नई करवट लेती हैं. इस परिवर्तन का असर कुछ राशियों के लिए अवसर लेकर आएगा, तो कुछ को सावधानी बरतने की जरूरत होगी. आइए जानते हैं कि बृहस्पति के वक्री होने से आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा.
देवगुरु बृहस्पति जिसे सभी ग्रहों में सबसे बड़ा और सबसे शुभ ग्रह माना जाता है. धन, वैवाहिक सुख, ज्ञान और समृद्धि के कारक ग्रह देवगुरु बृहस्पति इस समय कर्क राशि में हैं, जो अब बीते दिन 12 नवंबर को वक्री हो गए हैं. कर्क राशि में गुरु उच्च के होते हैं यानी यहां पर होने पर शुभ फलों में वृद्धि करते हैं.
आपको बता दें इस वर्ष से गुरु अतिचारी हैं और ये 11 मार्च 2026 तक वक्री रहेंगे इस बीच ये वापस मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे. गुरु वक्री अवस्था में रहते हुए 5 दिसंबर को कर्क से मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. आइए जानते हैं गुरु के वक्री होने का राशियों पर प्रभाव.
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए गुरु आपके चतुर्थ भाव में वक्री हुए हैं. ऐस में इस समय आपको पारिवारिक जीवन और माता की सेहत में ध्यान देने की जरूरत है. कार्यक्षेत्र में आपको कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. लेकिन इस बीच आपको अपनी योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने के अच्छा अनुभव मिलेगा.
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए गुरु आपके तीसरे भाव में वक्री हुए हैं. इससे आपके साहस और पराक्रम में कमी देखने को मिलेगा. इस बीच आपको कार्यो में असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है.
मिथुन राशि
देवगुरु बृहस्पति आपकी राशि से दूसरे भाव में वक्री हुए हैं. इससे आपके धन में वृद्धि के योग बनेंगे. साथ ही आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा. इस दौरान आपकी वित्तीय स्थिति अच्छी रहेगी.
कर्क राशि
कर्क राशि में देवगुरु बृहस्पति वक्री हुए हैं ऐसे में यह आपके पहले भाव यानी लग्न में ही है. ऐसे में आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा और आय से स्त्रोतों में इजाफा होगा. इस दौरान आपको खर्चो में कटौती करनी पड़ सकती है.
सिंह राशि
गुरु के कर्क राशि में वक्री होने ये सिंह राशि वालों के लिए उनके 12वें भाव में हैं. ऐसे में आपका रूझान धर्म और आध्यात्म की तरफ रहेगा. आपका कहीं से अटका हुआ धन वापस मिल सकता है.
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए गुरु उनकी कुंडली के 11वें भाव में वक्री हैं. ऐसे में आपको मान-सम्मान में इजाफा, भाग्य में वृद्धि और करियर में प्रगति के योग बन रहे हैं. इस दौरान आपको किसी पुराने निवेश से लाभ मिलेगा.
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए देवगुरु बृहस्पति दशम भाव में वक्री हुए हैं. ऐसे में इस भाव में रहने पर गुरु आपके कर्म के क्षेत्र को प्रभावित करेंगे. इस दौरान आपको अपने लक्ष्यों पर ध्यान देना होगा. कार्यक्षेत्र में नए संबंध बन सकते हैं.
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए गुरु आपके नवम भाव में वक्री हुए हैं. इस तरह से वृश्चिक राशि वालों के लिए गुरु आपके भाग्य और धर्म भाव में प्रभाव डालेगा. इस दौरान उच्च शिक्षा के क्षेत्रों में आपको सफलता मिल सकती है. अचानक धन लाभ या फिर धन हानि की संभावना है.
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए गुरु का वक्री होना अच्छा संकेत नहीं है. आपके आठवें भाव में गुरु वक्री होकर कर्जों से संबंधित परेशानियों को दूर करेंगे. इस दौरान आपको जोखिम भरे फैसले लेने से बचें. पारिवारिक रिश्तों में भी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए गुरु का वक्री आपके सातवें भाव में हुआ है. ऐसे में यह आपके वैवाहिक जीवन और व्यापार में साझेदारी पर प्रभाव डालेंगे. इस दौरान आपके कुछ पुराने मतभेद उभर सकते हैं. धैर्य और संयम से साथ आपको कई तरह की चुनौतियों का सामना करना होगा.
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए गुरु का वक्री होना आपके रोग और शुत्रओं की संख्या में वृद्धि करा सकता है. कुंभ राशि वालों के लिए गुरु छठे भाव में वक्री होंगे. इस दौरान छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे लोगों को सफलता मिलेगी.
मीन राशि
मीन राशि में गुरु आपके पंचम भाव में वक्री हुए हैं. पंचम भाव से शिक्षा, संतान और प्रेम का विचार किया जाता है. ऐसे में गुरु का गोचर आपके प्रेम संबंधों में रिश्तों को मजबूत करेगा.





