Dussehra 2025: इस शुभ मुहूर्त में दहन करें रावण, जानें विजयादशमी से जुड़ी मान्यताएं

विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानी जाती है और इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध कर धर्म और सत्य की स्थापना की थी. इस दिन रावण दहन का विशेष आयोजन किया जाता है, जिसका सटीक शुभ मुहूर्त जानना बेहद जरूरी माना जाता है. साथ ही, दशहरे से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं भी हैं, जो इस पर्व को खास बनाती हैं;

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By :  State Mirror Astro
Updated On : 30 Sept 2025 4:57 PM IST

हिंदू धर्म में विजयादशमी जिसे दशहरे के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रमुख त्योहार माना जाता है. यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर दशहरा मनाया जाता है और इसी दिन नौ दिनों तक चलने वाले शारदीय नवरात्रि का भी समापन हो जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विजयादशमी पर भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई करके रावण का वध किया था, वहीं एक अन्य मान्यता के अनुसार मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के दैत्य का संहार किया.

रावण और महिषासुर दोनों को ही बुराई का प्रतीक माना जाता है, जिनके अंत होने पर हर साल दशहरा का त्योहार मनाया जाता है. दशहरे पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाता है. आइए जानते हैं विजयादशमी के त्योहार का महत्व, शुभ योग और रावण दहन का मुहर्त समेते अन्य जानकाारियां.

विजयादशमी तिथि 2025

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 01 अक्टूबर 2025 को शाम 07 बजकर 2 मिनट पर होगी, जिसका समापन 02 अक्टूबर को शाम 7 बजकर 10 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार विजयादशमी का त्योहार 02 अक्टूबर को है.

रावण दहन का शुभ मुहूर्त 2 अक्टूबर 2025

विजय मुहूर्त:  दोपहर 1 बजकर 56 मिनट से दोपहर 2 बजकर 44 मिनट तक.

अपराह्न पूजा मुहूर्त: दोपहर 1 बजकर 9 मिनट बजे से 3 बजकर 31 मिनट तक.

शुभ योग

इस साल दशहरा के दिन रवि योग भी रहेगा. यह रवि योग दशहरा के दिन पूरे समय तक रहेगा. इसके अलावा दशहरे पर श्रवण नक्षत्र का भी संयोग बना रहेगा. विजयादशमी पर श्रवण नक्षत्र और रवि योग का संयोग बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है. विजयादशमी के दिन श्रवण नक्षत्र पड़ने के कारण इसे बहुत शुभ माना जाता है, दरअसल दशमी तिथि और श्रवण नक्षत्र के योग में ही दशहरा मनाए जाने की परंपरा है.

विजयादशमी पर उपाय और मान्यताएं

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दशहरे पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन को बहुत ही शुभ माना जाता है. नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. ऐसी मान्यता हैं भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए पहले नीलकंठ के दर्शन किए थे. दशहरे पर नीलकंठ के दर्शन करने व्यक्ति के जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि और भाग्य का साथ मिलता है.
  • दशहरे पर शमी के पौधे की पूजा, दर्शन और दीया अर्पित करने से व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय हासिल होती हैं और जीवन में धन की कमी नहीं रहती. इसके अलावा जिन लोगों के ऊपर शनिदोष, शनि साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रकोप रहता है उससे निजात मिल जाती है.
  • विजयादशमी पर रावण दहन के बाद पान खाना और खिलाना बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन पान का बीणा खाने से कार्यों में सफलता प्राप्ति होती है. इसके अलावा रावण के दहन के बाद हनुमान जी के दर्शन और पान की बीड़ा और बूंदी का भोग लगने से आशीर्वाद की प्राप्ति होती है.

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