Deepika Padukone थी काली..Dhruv Rathee के इस बयान से मचा बवाल, जानें क्या है स्किन लाइटनिंग ट्रीटमेंट
सोशल मीडिया पर एक बयान ने अचानक से हलचल मचा दी, जब कंटेंट क्रिएटर और पॉलिटिकल कमेंटेटर ध्रुव राठी ने एक वीडियो में दीपिका पादुकोण की स्किन टोन को लेकर कमेंट किया है. ध्रुव ने कहा कि एक्ट्रेस ने स्किन लाइटनिंग ट्रीटमेंट करवाया है, जिसे लेकर दीपिका के फैंस भड़क गए हैं.;
ध्रुव राठी एक बार फिर से चर्चा में हैं, लेकिन धुरंधर मूवी के रिव्यू के लिए नहीं बल्कि उन्होंने बॉलीवुड एक्ट्रेसेस को लेकर कुछ ऐसा बोला है, जिसको लेकर बवाल हो गया है. दरअसल, अपनी एक वीडियो में ध्रुव ने कहा कि बॉलीवुड में कई एक्ट्रेस हैं, जिन्होंने अपनी स्किन को गोरा करवाया है. यानी उन्होंने स्किन लाइटनिंग ट्रीटमेंट करवाया है. इसमें उन्होंने बिपाशा बसु, शिल्पा शेट्टी, काजोल, प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण का नाम लिया है.
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जहां दीपिका के फैंस इस बात को लेकर ध्रुव राठी को ट्रोल कर रहे हैं. जहां एक यूजर ने एक्ट्रेस के लिए बोलते हुए कमेंट किया 'लाइटिंग से मदद मिलती है और एडिटिंग भी फाइनल कट में होती है. मुझे नहीं लगता कि उन्होंने कोई ट्रीटमेंट करवाया है.' ऐसे में अब लोग जानना चाहते हैं कि आखिर स्किन लाइटनिंग ट्रीटमेंट होता क्या है, और इसमें किया क्या जाता है?
स्किन लाइटनिंग क्या होती है?
स्किन लाइटनिंग का मतलब स्किन का रंग पूरी तरह बदलना नहीं होता, जैसा कि अक्सर लोग समझ लेते हैं. यह एक तरह का स्किन केयर ट्रीटमेंट है, जिसका मकसद त्वचा पर मौजूद काले धब्बे, पिग्मेंटेशन, मुंहासों के निशान, मेलाज़्मा और असमान स्किन टोन को कम करना होता है. आसान शब्दों में कहें तो यह त्वचा की नैचुरल चमक को वापस लाने और उसे साफ़ व एकसार बनाने का प्रोसेस है.
मेलेनिन का क्या है रोल?
हमारी त्वचा का रंग मेलेनिन नाम के पिग्मेंट पर डिपेंड करता है. जब किसी कारण से मेलेनिन का प्रोडक्शन ज्यादा हो जाता है, तो स्किन पर कालापन, धब्बे या पैच दिखने लगते हैं. स्किन लाइटनिंग ट्रीटमेंट का काम इसी एक्सट्रा मेलेनिन की एक्टिविटी को कंट्रोल करना होता है, ताकि त्वचा ज्यादा साफ और बैलेंस दिखे.
स्किन लाइटनिंग में कौन-कौन से तरीके अपनाए जाते हैं?
आज के समय में स्किन लाइटनिंग के लिए कई मेडिकल और कॉस्मेटिक ऑप्शन मौजूद हैं. ये सभी डॉक्टर या स्किन एक्सपर्ट की सलाह से ही किए जाते हैं.
मेडिकेटेड क्रीम और सीरम
स्किन लाइटनिंग के लिए खास तरह की क्रीम और सीरम का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें ऐसे तत्व होते हैं जो मेलेनिन के असर को धीरे-धीरे कम करते हैं. इनका इस्तेमाल आमतौर पर पिग्मेंटेशन, डार्क स्पॉट्स और हल्के दाग-धब्बों के लिए किया जाता है. सही मात्रा और समय तक इस्तेमाल करने पर त्वचा की रंगत निखरी हुई नजर आने लगती है.
केमिकल पील क्या होता है?
केमिकल पील एक प्रोफेशनल ट्रीटमेंट है, जिसमें त्वचा पर एक खास तरह का एसिड सॉल्यूशन लगाया जाता है. इससे त्वचा की ऊपरी डेड स्किन धीरे-धीरे हट जाती है और नीचे से नई, साफ त्वचा सामने आती है.
- लाइट पील: यह मामूली दाग और रूखी त्वचा के लिए होता है. इसमें ज्यादा आराम की जरूरत नहीं पड़ती.
- मीडियम पील: यह गहरे दाग-धब्बों और असमान स्किन टोन के लिए किया जाता है. इसमें कुछ दिन तक लालिमा या हल्की पपड़ी आ सकती है.
- डीप पील: यह ज्यादा गंभीर समस्याओं के लिए होता है और इसमें लंबा रिकवरी टाइम लगता है.
लेज़र थेरेपी क्या है?
लेज़र स्किन लाइटनिंग एक आधुनिक तकनीक है, जिसमें त्वचा पर तेज़ रोशनी की किरणें डाली जाती हैं. ये किरणें एक्सट्रा पिग्मेंट को तोड़ देती हैं, जिसे शरीर धीरे-धीरे खुद ही साफ कर लेता है. इस ट्रीटमेंट से न सिर्फ डार्क स्पॉट्स कम होते हैं, बल्कि स्किन की बनावट भी बेहतर होती है और कोलेजन बढ़ने में मदद मिलती है.
क्या यह ट्रीटमेंट सेफ है?
अगर स्किन लाइटनिंग सही डॉक्टर या स्किन स्पेशलिस्ट की निगरानी में कराई जाए, तो यह आमतौर पर सेफ मानी जाती है. हालांकि हर हर किसी की स्किन अलग होती है, इसलिए बिना सलाह के कोई भी ट्रीटमेंट करना नुकसानदायक हो सकता है. कुछ मामलों में जलन, लालिमा या सूजन जैसी साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं.