क्या कांग्रेस के हाथ से छिन जाएगी 'INDIA BLOC' की कमान? ममता बनर्जी के समर्थन में कई दिग्गज
INDIA bloc rift widens: 'INDIA BLOC' के नेतृत्व पर विवाद संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के बीच शुरू हुई है. नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष को किस रणनीति का पालन करना चाहिए, इस पर मतभेद उभर कर सामने आए हैं.;
INDIA bloc rift widens: 'INDIA BLOC' का बॉस कौन? अब इस सावाल पर विवाद गहराता जा रहा है. कहने को तो कांग्रेस इसे लीड कर रही है, लेकिन इसके सहयोगी दल अब कांग्रेस को साइडलाइन लगाने की तैयारी में हैं. इसमें सबसे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मोर्चा खोला है, जिन्होंने विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का स्वाद चखाया था.
सीएम ममता ने तो अपने सहयोगी दलों के सामने 'INDIA BLOC' के बॉस बनने की पेशकश भी रख दी. अब उन्हें कई पार्टियों का समर्थन भी मिला है. ऐसे में लगातार हार का सामना कर रही कांग्रेस की टेशंन बढ़ गई है. अब तो कांग्रेस के बड़े सहयोगी रहे RJD के वरिष्ठ नेता लालू प्रसाद यादव ने भी बगावत कर दी है. उन्होंने खुला एलान करते हुए ममता बनर्जी को अपना समर्थन दिया है.
क्या ममता बनर्जी होंगी 'बॉस'?
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सीएम ममता ने कहा था कि विपक्षी गुट भाजपा शासित केंद्र सरकार के खिलाफ आगे बढ़ रहा है, इसलिए सभी को साथ लेकर चलने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा, 'अगर अवसर मिला तो मैं इसका सुचारू संचालन सुनिश्चित करूंगी. मैं बंगाल से बाहर नहीं जाना चाहती, लेकिन मैं इसे यहीं से चला सकती हूं.
सीएम ममता के सपोर्ट में 'INDIA BLOC' के दिग्गज
लालू प्रसाद यादव ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करना चाहिए और इस पर कांग्रेस की आपत्ति का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा, 'हम ममता का समर्थन करेंगे...ममता बनर्जी को (इंडिया ब्लॉक का) नेतृत्व दिया जाना चाहिए.'
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि ममता बनर्जी को भारत गठबंधन का प्रमुख भागीदार होना चाहिए. वरिष्ठ नेता और एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने भी समर्थन जताया है. पवार ने कहा, 'हां, निश्चित रूप से वह गठबंधन का नेतृत्व करने में सक्षम हैं.' वहीं अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी ने भी सीएम ममता को सपोर्ट किया है.
क्या कांग्रेस से छिन जाएगा ताज?
इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों में 99 सीटें जीतकर कांग्रेस ने मुख्य विपक्षी दल के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली थी, जो 2019 के मुकाबले दोगुनी है. लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों में मिली असफलताओं ने विपक्षी खेमे में खलबली मचा दी है और गठबंधन में उसकी ताकत कम होती दिख रही है. ऐसे में सिर्फ 'INDIA BLOC' के नेतृत्व पर ही नहीं भविष्य में कांग्रेस के सहयोगी दलों का साथ मिलने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.