'संसद के समय को न करें बर्बाद', अडानी मुद्दे पर अपने ही क्‍यों दे रहे कांग्रेस को नसीहत?

Sharad Pawar on Adani issue to Congress: एनसीपी (SP) सांसद अमोल कोल्हे ने संसद में कहा, 'हमें इस बात की ज्यादा चिंता करनी चाहिए कि हमारे किसानों और युवाओं की आवाज यहां उठाई जाती है या नहीं, बजाय इसके कि किसी राजनीतिक नेता का कॉरपोरेट के साथ क्या रिश्ता है.';

Sharad Pawar on Adani issue to Congress
Edited By :  सचिन सिंह
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Sharad Pawar on Adani issue to Congress: कांग्रेस अब 'INDIA Bloc' में अलथ-थलग होती दिख रही है. सालों से अडानी मुद्दे पर बीजेपी को घेरने वाली कांग्रेस को अब अपने ही सहयोगी दल नसीहत दे रहे हैं और संसद का समय न बर्बाद करने की बात कह रहे हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) ने कहा कि संसद का समय किसी राजनीतिक नेता का कॉरपोरेट के साथ क्या रिश्ते को लेकर बात करने से बेहतर है कि किसानों और युवाओं के मुद्दों पर चर्चा की जाए.

लोकसभा में शुक्रवार को संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने पर बहस में हिस्सा लेते हुए शिरूर से एनसीपी (शरद पवार) सांसद अमोल कोल्हे ने कहा, 'दुर्भाग्य से कई बार हम देखते हैं कि संसद राजनीतिक युद्ध के मैदान में बदल दिया गया है. हमें इस बात की चिंता अधिक करनी चाहिए कि हमारे किसानों और युवाओं की आवाज़ यहां उठती है या नहीं, बजाय इसके कि किसी राजनीतिक नेता का कॉर्पोरेट से क्या रिश्ता है, कौन सा नेता किसी की फ्लाइट में कहां गया है या किस विदेशी नेता ने किसी स्थानीय नेता को दान दिया है. हम राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं, न कि राजनीतिक नारों पर। यह ऐसी बात है जिसका सरकार और विपक्ष दोनों को संज्ञान लेना चाहिए.'

TMC से लकेर शिवसेना तक, कांग्रेस से किनारा

कांग्रेस के अन्य सहयोगी तृणमूल कांग्रेस (TMC), शिवसेना (UBT) और समाजवादी पार्टी (SP) ने अब तक अडानी मुद्दे से दूरी बनाए रखी है, केवल कांग्रेस ही संसद में रोजाना विरोध कर रही है. TMC ने खुले तौर पर कहा है कि इंडस्ट्रियलिस्ट गौतम अडानी के खिलाफ जांच से ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए. एनसीपी (SP) की ओर से भी अडानी मुद्दे से किनारा और संसद की कार्यवाही ठीक से होने देने की नसीहत के बाद कांग्रेस पर अब दबाव बढ़ गया है.

अडानी मुद्दे से संतुष्ट नहीं सहयोगी

कांग्रेस के इंडिया ब्लॉक के सहयोगी दलों ने अडानी मुद्दे पर पार्टी के ध्यान को लेकर निराशा व्यक्त की है. उन्हें लगता है कि सरकार को बेरोजगारी और मुद्रास्फीति जैसे जनहित के कई अन्य मुद्दों पर घेरने की जरूरत है. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने बुधवार को संसद में व्यवधान के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों को दोषी ठहराया. बनर्जी ने अडानी मुद्दे पर कांग्रेस के अड़े रहने की आलोचना की.

TMC ने BJP और कांग्रेस पर साधा निशाना

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, 'हम यहां कुछ काम करने आए हैं. अडानी मुद्दा ही एकमात्र मुद्दा नहीं है. बहुत सारे मुद्दे हैं. हम मुद्दों को उठाने की स्थिति में नहीं हैं. कांग्रेस अडानी पर अड़ी हुई है और भाजपा जॉर्ज सोरोस पर अड़ी हुई है. क्या इसका मतलब यह है कि अन्य सभी मुद्दे खत्म हो जाएंगे.'

अडानी मुद्दे पर कांग्रेस में ही रार

सिर्फ इंडिया ब्लॉक के सहयोगी ही नहीं, कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग भी मानता है कि सदन में सामान्य कामकाज फिर से शुरू होना चाहिए. उनका कहना है कि इससे उन्हें एनडीए सरकार को जवाबदेह ठहराने का मौका मिलेगा. पार्टी के लोकसभा सांसदों का एक वर्ग मानता है कि पार्टी का राज्यसभा नेतृत्व ही फैसले ले रहा है. 

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