कौन हैं Nimisha Priya जिन्हें यमन ने सुनाई मौत की सजा? बचने के लिए है केवल ये ऑप्शन

केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया को जुलाई 2017 में यमनी व्यक्ति तलाल अब्दो मेहदी की हत्या के आरोप में जेल में डाला गया था. इसके बाद उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी. अब हाल ही में यमन के राष्ट्रपति ने इस सजा के लिए मंजूरी दे दी है.;

Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 1 Jan 2025 3:17 PM IST

यमन में काम कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को साल 2020 में हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी. जहां यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने उसकी अपील को खारिज कर दिया था. अब यमन के राष्ट्रपति ने इस सजा को मंजूरी दे दी है. अब इस मामले में भारत सरकार निमिषा की मदद के लिए सामने आई है.

जहां मंगलवार के दिन विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह निमिषा के लिए हर संभव मदद करने के लिए तैयार है. अब ऐसे में चलिए जानते हैं कौन हैं निमिषा प्रिया? आखिर उन्होंने क्यों दिया हत्या को अंजाम. साथ ही, क्या इस सजा से बचने के लिए उनके पास कोई आप्शन हैं?

कौन हैं निमिषा प्रिया?

केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेंगोडे की रहने वाली निमिषा प्रिया 2008 में यमन चली गईं. इसके बाद 2011 में केरल में टॉमी थॉमस से शादी कर ली. प्रिया की यमन यात्रा 2011 में शुरू हुई, जब वह राजधानी सना में नर्स के रूप में काम करने के लिए वहां चली गई. पैसों की तंगी के कारण उसके पति और उसकी छोटी बेटी 2014 में भारत लौट आए और यमन में चल रहे गृहयुद्ध ने उन्हें फिर से एक साथ आने से रोक दिया.

निमिषा खोलना चाहती थी क्लिनिक

निमिषा प्रिया यमन में अपना खुद का क्लिनिक खोलना चाहती थी, लेकिन ऐसा करने के लिए यमन के कानून के अनुसार लोकल पार्टनर की जरूरत होती है. जहां निमिषा प्रिया काम करती थी, वहां तलाल अब्दो महदी का आना-जाना लगा रहता था. ऐसे एक दिन उन्होंने इस मामले में अब्दो से मदद मांगी और दोनों ने मिलकर एक नया क्लिनिक खोला, लेकिन कथित तौर पर अब्दो ने निमिषा प्रिया के साथ अपनी कमाई का कोई भी हिस्सा बांटने से इनकार कर दिया.

निमिषा ने लगाए ये आरोप

प्रिया के अनुसार महदी ने उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया था. इतना ही नहीं, उसके क्लिनिक से पैसे मांगे और उसे कंट्रोल करने के लिए ड्रग्स का इस्तेमाल करता था. इतना ही नहीं, उसने कथित तौर पर उसे अपनी पत्नी के रूप में पेश करने के लिए जाली डॉक्यूमेंट्स भी बनाए. इसके अलावा, निमिषा का शारीरिक और यौन शोषण भी किया. जब प्रिया ने स्थानीय अधिकारियों को इस बारे में बताया, तो उन्होंने महदी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने उसे ही गिरफ्तार कर लिया. 

हत्या करने का कारण

कथित तौर पर प्रिया ने तलाल अब्दो महदी से अपना पासपोर्ट लेना चाहती थी. इसके लिए वह नशीली दवाओं का इस्तेमाल कर उसे बेहोश करना चाहती थी, लेकिन ओवरडोज के कारण अब्दो की मौत हो गई. इसके बाद प्रिया और उसके साथ में काम करने वाली यमनी नागरिक हनान के साथ मिलकर उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और पानी की टंकी में फेंक दिया.

निमिशा के पास सजा से बचने के ऑप्शन

रिपोर्ट्स के मुताबिक शरिया कानून के अनुसार, अपराध का शिकार या उनका परिवार मौद्रिक मुआवजे के लिए अपराधी को माफ करने का ऑप्शन चुन सकता है. यह 'ब्लड मनी' या 'दीया' अपराध करने वाले व्यक्ति के लिए क्षमा है, जिससे उसकी रिहाई सुनिश्चित होती है.

देने होंगे 3 करोड़ रुपये

नवंबर 2023 में निमिषा प्रिया की ओर से बातचीत शुरू करने के लिए 30 लाख रुपये दिए गए थे. मौत की सजा को माफ करने के लिए उसके परिवार को 3 करोड़ रुपये और देने होंगे. 2020 में 'सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल' बनाया गया था. यह काउंसिल फिलहाल निमिषा की रिहाई के लिए पैसे जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.

वकील सुभाष चंद्रन ने क्या कहा?

इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में प्रिया की मां प्रेमा कुमारी के लिए पेश हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील सुभाष चंद्रन केआर ने कहा कि इस मामले में भारत सरकार के हस्तक्षेप से मौत की सजा में देरी होगी. साथ ही, पीड़ित के परिवार को समझौता करने में मदद मिलेगी. इसके आगे उन्होंने कहा कि अभी भी अब्दो महदी के परिवार के साथ बातचीत करना. साथ ही, उन्हें ब्लड मनी के बदले में प्रिया को माफ करने के लिए राजी करना और उसकी रिहाई सुनिश्चित संभव है.

भारत सरकार आदिवासी नेताओं और पीड़ित परिवार का पता लगाने और उन्हें बातचीत के लिए लाने में मदद कर सकती है. परिषद (एसएनपीआईएसी) ब्लड मनी के वित्तीय पहलुओं का ध्यान रखेगी. वहीं, सुभाष चंद्रन ने एनडीटीवी को बताया कि यमन में हौथी विद्रोहियों के कब्जे के कारण वहां ट्रैवल करना मुश्किल हो गया है.

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