बनना चाहते थे संन्यासी... कौन हैं BJP सांसद प्रताप सारंगी, जो राहुल गांधी पर लगा रहे 'धक्का' देने का आरोप?
Pratap Chandra Sarangi: प्रताप सारंगी ने दावा किया कि राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया जो मेरे ऊपर गिर गया, जिसके बाद मैं नीचे गिर गया. उन्होंने कहा, 'मैं सीढ़ियों के पास खड़ा था तभी राहुल गांधी आए और एक सांसद को धक्का दिया, जो फिर मेरे ऊपर गिर गया.';
Pratap Chandra Sarangi: आंबेडकर विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद प्रताप चंद्र सारंगी का नाम अचानक से सुर्खियों में आ गया. उनका आरोप है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन्हें धक्का दिया, जिसके बाद वह घायल हो गए. फिलहाल वह अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है.
संसद के बाहर 'मकर द्वार' के सामने इंडिया ब्लॉक और भाजपा सांसदों के बीच चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच यह घटना हुई. इस घटना ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. सारंगी ने दावा किया कि जब वह सीढ़ियों पर खड़े थे तो एक अन्य सांसद उन पर गिर गए, जिससे उनके सिर में चोट लग गई. सारंगी ने कहा, 'मैं सीढ़ियों के पास खड़ा था. तभी राहुल गांधी आए और एक सांसद को धक्का दिया जो फिर मेरे ऊपर गिर गया.'
कौन हैं BJP सांसद प्रताप सारंगी?
प्रताप चंद्र सारंगी का जन्म 4 जनवरी 1955 को बालासोर जिले के नीलगिरि के गोपीनाथपुर में हुआ था. वह दिवंगत गोबिंदा चंद्र सारंगी के बेटे हैं. सारंगी ओडिशा के बालासोर निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद हैं. वह एक ब्राह्मण परिवार से आते हैं.
सादगी से जीने वाले सारंगी बनना चाहते थे संन्यासी
69 वर्षिय सारंगी का जीवन बेहद सादगी भरा रहा है. उन्हें बचपन से ही संन्यासी बनने का मन था, जिसके लिए वह कई बार रामकृष्ण मठ गए. हालांकि, उन्हें वहां से लौटा दिया गया और कहा गया कि अभी आपकी मां जिंदा है और अपको उनकी सेवा करनी चाहिए. सारंगी ने उत्कल यूनिवर्सिटी के फकीरमोहन कॉलेज से आर्ट में बैचलर की डिग्री ली है, जो उन्होंने 1975 में पूरी की थी.
अध्यात्म से है गहरा नाता
सारंगी शुरूआत में अपने गांव के लोगों को अध्यात्म से जोड़ते थे और उन्हें राम और रामायण की कथा सुनाते थे. वो शुरू से ही RSS, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से जुड़े थे. वो बीजेपी के हिंदूवादी नीति से काफी प्रभावित थे. यहीं कारण था कि उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया. उन्होंने 80 के दशक में गांव के बच्चों की शिक्षा के लिए कई एक शिक्षक वाले स्कूल भी खोले थे.
2004 में बने थे पहली बार MLA
सारंगी ने ओडिशा के बालासोर और मयूरभंज जिले में गण शिक्षा मंदिर योजना के अंतर्गत सैकड़ों आदिवासी गांवों में स्कूल खोले. सारंगी ने नीलगिरि से अपनी राजनीतिक करियर की शुरूआत की, जहां से वो दो बार 2004 और 2009 में विधायक रहें.
2019 से है बालासोर के सांसद
इसके बाद 2014 में बीजेपी ने उन्हें बालसोर सीट से लोकसभा चुनाव के लिए उतारा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, 2019 में उन्होंने जीत हासिल की. इसके बाद 2024 में भी उन्होंने जनता का भरोसा जीता और बालासोर से जीत गए. जुलाई 2021 में उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय का केंद्रीय राज्य मंत्री नियुक्त किया गया था.