कब मिलेगा BJP को नया अध्यक्ष, संघ से कैसे हैं रिश्ते? बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला को लेकर RSS ने दिया हर सवाल का जवाब
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जब आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि "चुनाव प्रक्रिया जारी है, और समय आने पर नई नियुक्ति की जानकारी दे दी जाएगी. इससे साफ होता है कि भाजपा के नए अध्यक्ष के चयन को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं की जा रही है और पार्टी अपनी आंतरिक प्रक्रिया के तहत ही यह निर्णय लेगी.;
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) की तीन दिवसीय बैठक बेंगलुरु में शुरू हुई. इस दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें भाजपा के नए अध्यक्ष के चुनाव, आरएसएस और भाजपा के बीच संबंधों और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर संघ की प्रतिक्रिया शामिल रही.
आरएसएस ने स्पष्ट किया कि चुनाव प्रक्रिया जारी है और समय आने पर घोषणा होगी. साथ ही, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की निंदा करते हुए संघ ने ठोस कार्रवाई की मांग की. इसी के साथ अरुण कुमार ने क्या- क्या बताया आइए जानते हैं...
- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जब आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि "चुनाव प्रक्रिया जारी है, और समय आने पर नई नियुक्ति की जानकारी दे दी जाएगी. इससे साफ होता है कि भाजपा के नए अध्यक्ष के चयन को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं की जा रही है और पार्टी अपनी आंतरिक प्रक्रिया के तहत ही यह निर्णय लेगी.
- जब उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा अध्यक्ष के चुनाव में देरी किसी अंदरूनी मतभेद का संकेत है? तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा, हर संगठन स्वतंत्र रूप से कार्य करता है. आरएसएस के अंतर्गत 32 से अधिक संगठन हैं और सभी की अपनी कार्यप्रणाली होती है. भाजपा भी इसी प्रक्रिया का पालन कर रही है. समय आने पर नए अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी.
- भाजपा और आरएसएस के बीच किसी भी मतभेद की खबरों को खारिज करते हुए अरुण कुमार ने कहा कि 'भाजपा और आरएसएस के संबंध विश्वास पर आधारित हैं और दोनों संगठनों के बीच किसी प्रकार की कोई खटास नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि आरएसएस एक सांस्कृतिक संगठन है, जो समाज और राष्ट्र के विकास से जुड़े मुद्दों पर काम करता है.
- आगे कहा कि, 'जबकि भाजपा एक राजनीतिक दल है और उसके अपने निर्णय लेने की प्रक्रियाएं है. इससे यह साफ हो जाता है कि भाजपा और आरएसएस के बीच किसी प्रकार की "तनातनी" नहीं है, बल्कि दोनों अपनी-अपनी भूमिकाओं में कार्यरत हैं.
- बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा पर आरएसएस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. आरएसएस के नेताओं ने बांग्लादेश सरकार से इस तरह की घटनाओं पर कड़ा संज्ञान लेने और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. संघ के अनुसार, 'बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। मंदिरों पर हमले किए जा रहे हैं और वहां की सरकार इस पर ठोस कार्रवाई करने में विफल रही है.