पहले दी सेना को खुली छूट, फिर तुरंत मोदी ने शाह और भागवत के साथ की बैठक; पहलगाम हमले पर बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक, यह मुलाकात पीएम कार्यालय में हुई और इसका समय भी खास था. क्योंकि ठीक इससे पहले पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर रक्षा क्षेत्र के शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी.;

By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 30 April 2025 12:35 AM IST

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद राजधानी दिल्ली में मंगलवार को सुरक्षा से जुड़ी कई अहम बैठकें आयोजित की गईं. इस हमले में पाकिस्तान से प्रशिक्षित आतंकियों ने 26 पर्यटकों की जान ले ली थी, जिसके बाद सरकार एक्शन में दिख रही है और मीटिंग पर मीटिंग कर रही है किस प्रकार पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया जाए कि वह जीवन में हमला करने से पहले चार बार सोचे.

जिसके लिए पीएम मोदी ने करीब 90 मिनट की जिसमें थलसेना, वायुसेना और नौसेना प्रमुखों के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल हुए. बैठक का फोकस पहलगाम हमले के जवाब में उठाए जाने वाले कदमों पर रहा.

पहली बार पीएम आवास पर पहुंचे मोहन भागवत

बैठक के तुरंत बाद पहली बार सुरक्षा और रणनीति को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत भी प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पहुंचे. दोनों के बीच चल रही बैठक को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई कयास लगाए जा रहे हैं. बैठक में अमित शाह भी शामिल हैं. वहीं तीनों नेताओं की साथ बैठक में कहा गया कि हमारी ओर से खुली छूट है कैसे कब क्या करना है देख लो. वहीं आज CCS की बैठक है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक, यह मुलाकात पीएम कार्यालय में हुई और इसका समय भी खास था. क्योंकि ठीक इससे पहले पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर रक्षा क्षेत्र के शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी.

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी. इस हमले ने देशभर में आक्रोश फैला दिया है और सरकार की ओर से सख्त प्रतिक्रिया की तैयारी की जा रही है. मोहन भागवत की इस मुलाकात को न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से, बल्कि रणनीतिक और वैचारिक समन्वय के लिहाज़ से भी अहम माना जा रहा है. संघ और सरकार के बीच यह संवाद आने वाले फैसलों की दिशा तय कर सकता है.

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