क्या हैं New Pilot Roster Norms जिनकी वजह से IndiGo की 150 उड़ानें हुईं कैंसिल?
इंडिगो एयरलाइन को इस हफ्ते बड़े ऑपरेशनल संकट का सामना करना पड़ा, जिसके चलते 150 से ज्यादा उड़ानें रद्द और कई देर से संचालित हुईं. नई FDTL नॉर्म्स के बाद बढ़ी पायलट कमी, रात में लैंडिंग की सीमा, 48 घंटे साप्ताहिक आराम और लगातार नाइट ड्यूटी पर रोक से शेड्यूल असंतुलित हो गया. इसी बीच एयरबस A320 के अनिवार्य सॉफ्टवेयर पैच ने संकट और बढ़ा दिया. DGCA ने रिपोर्ट मांगी है, जबकि इंडिगो शेड्यूल में समायोजन कर स्थिति संभालने में जुटा है.;
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) इस हफ्ते भारी परिचालन संकट से जूझती नजर आई. बुधवार को अकेले कम से कम 150 उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि दर्जनों उड़ानें घंटों की देरी के बाद ऑपरेट हुईं. एयरपोर्ट्स पर यात्रियों का गुस्सा साफ झलकता दिखा - कहीं बोर्डिंग के लिए लाइन में इंतजार, कहीं गेट पर घंटों बाद कैंसिलेशन की घोषणा, तो कहीं कनेक्टिंग फ्लाइट छूटने से यात्रियों की तय योजनाएं पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गईं.
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इंडिगो ने स्थिति पर खेद जताते हुए कहा कि कंपनी अपने शेड्यूल में “Calibrated Adjustments” कर रही है ताकि सिस्टम को धीरे-धीरे नॉर्मल किया जा सके. वहीं नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने संज्ञान लेते हुए इंडिगो से पूरी रिपोर्ट मांगी है कि इतनी व्यापक स्तर पर व्यवधान की नौबत आखिर कैसे आई.
तो आखिर इंडिगो में ऑपरेशनल संकट क्यों पैदा हुआ?
इंडिगो के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले दो दिनों से पूरे नेटवर्क में परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और इसके पीछे कई कारण एकसाथ सामने आए -
- तकनीकी खामियां
- खराब मौसम
- भीड़भाड़ बढ़ने से एयर-ट्रैफिक कंजेशन
- और सबसे अहम - नई FDTL (Flight Duty Time Limitations) नॉर्म्स का लागू होना
इन सबके बीच एक और बड़ा झटका तब लगा जब Airbus A320 विमानों के लिए जरूरी सॉफ्टवेयर पैच अपडेट एकदम तत्काल लागू करना पड़ा. नवंबर 29–30 के बीच इस पैच ने A320 बेड़े की कई उड़ानें ग्राउंड कर दीं, ठीक उस समय जब इंडिगो पहले से ही नई FDTL नॉर्म्स के चलते पायलटों की कमी से जूझ रही थी.
दरअसल, यह पैच इसलिए अनिवार्य किया गया क्योंकि मेक्सिको से उड़ान भरने वाले JetBlue ऑपरेटेड A320 विमान में अचानक ऊंचाई गिरने पर तकनीकी दिक्कत आई थी, जिसके चलते 15 यात्री घायल हो गए थे. एयरबस ने अपनी विमान सुरक्षा प्रणाली के तहत आधे सक्रिय A320 बेड़े पर तुरंत अपडेट लागू करने का निर्देश दिया, जिसका सीधा असर इंडिगो पर पड़ा क्योंकि एयरलाइन के बेड़े का बड़ा हिस्सा A320 परिवार के विमानों से ही बना है.
कहा जा रहा है कि इंडिगो पहले ही कड़े नए FDTL नियमों के कारण तंग क्रू रोस्टर के बीच फ्लाइट संचालन करने की कोशिश कर रही थी, और फिर अचानक आए एयरबस पैच अपडेट ने स्थिति को सीधे संकट में बदल दिया.
क्या है नई FDTL नीति, जिसकी वजह से हुआ पायलट शॉर्टेज का संकट?
नई FDTL नॉर्म्स DGCA द्वारा पायलटों की थकान को कम करने और सुरक्षित उड़ान संचालन सुनिश्चित करने के लिए लागू किए गए हैं. ये पायलटों के ड्यूटी आवर्स, आराम, शेड्यूल और नाइट ऑपरेशंस को कड़ाई से नियंत्रित करते हैं.
नई नीति के मुख्य बिंदु:
नियम | पहले | अब |
साप्ताहिक आराम (Weekly Rest) | 36 घंटे | 48 घंटे अनिवार्य |
नाइट लैंडिंग की सीमा | अधिकतम 6 लैंडिंग | अधिकतम 2 लैंडिंग |
लगातार नाइट ड्यूटी | कोई निश्चित सीमा नहीं | 2 रातों से अधिक नहीं |
इन बदलावों का उद्देश्य एयर सेफ्टी में सुधार लाना है ताकि पायलट पर्याप्त आराम के साथ उड़ान भरें और अत्यधिक थकान के कारण होने वाले संभावित जोखिमों से बचा जा सके.
परंतु इंडस्ट्री एनालिस्ट्स के अनुसार नई नीति के चलते एयरलाइनों को काफी अधिक पायलटों की जरूरत पड़ रही है, जबकि पहले के स्टाफ-स्ट्रक्चर में वे अधिक उड़ानों को कम क्रू के साथ मैनेज कर पाती थीं. इस वजह से अचानक रोस्टर असंतुलन पैदा हुआ और इसी का खामियाजा सबसे यदा इंडिगो को भुगतना पड़ा क्योंकि उसके नेटवर्क और उड़ानों की संख्या सबसे बड़ी है.
समस्या के बीच इंडिगो की पंक्चुअलिटी स्कोर में भारी गिरावट
समय की पाबंदी के लिए मशहूर इंडिगो के लिए यह हफ्ता रिकॉर्ड गिरावट भरा रहा. मंगलवार को ऑन-टाइम परफॉर्मेंस सिर्फ 35% रही - यानी लगभग दो-तिहाई उड़ानें तय समय पर ऑपरेट नहीं हुईं. यह स्कोर सभी भारतीय एयरलाइनों में सबसे कम रहा, जबकि इंडिगो आमतौर पर 80% से अधिक ऑन-टाइम मेंटेन करती आई है.
पायलट एसोसिएशन ने एयरलाइन की प्लानिंग पर उठाए सवाल
The Airline Pilots Association of India (ALPAI) ने इस संकट के लिए नई FDTL नीति को जिम्मेदार मानने के बजाय एयरलाइनों की खराब तैयारी पर सवाल उठाए और कहा, “क्राइसिस इसलिए नहीं आया क्योंकि FDTL नियम बदले, बल्कि इसलिए आया क्योंकि एयरलाइनों - खासकर इंडिगो - ने पायलट संसाधन की प्रैक्टिव प्लानिंग नहीं की.” कई विशेषज्ञों ने भी चेतावनी दी है कि यदि एयरलाइंस पायलट वेलबीइंग और स्टाफिंग को संख्या के बजाय मात्र लागत-प्रबंधन की नजर से देखते रहे, तो ऐसे संकट दोबारा सामने आ सकते हैं.
यात्रियों को कब मिलेगी राहत?
इंडिगो ने कहा है कि वह
- सॉफ्टवेयर पैच लग चुके विमानों को तेजी से परिचालन में ला रही है
- क्रू रोस्टरों को समायोजित किया जा रहा है
- आनुपातिक रूप से उड़ानें कम करके नेटवर्क स्थिर किया जा रहा है
हालांकि एविएशन विशेषज्ञों का मानना है कि ऑपरेशंस को पूरी तरह सामान्य होने में कुछ दिन से लेकर एक हफ्ता लग सकता है, क्योंकि क्रू शेड्यूलिंग स्वचालित रूप से तुरंत संतुलित नहीं होती.
टेक अपडेट से लेकर मौसम और ट्रैफिक भीड़ तक कई कारण एक साथ जुड़े, लेकिन इंडिगो फ्लाइट संकट की असली जड़ नई FDTL नॉर्म्स से उत्पन्न पायलट कमी और ड्यूटी रोस्टर असंतुलन रही. यह मामला संकेत देता है कि पायलट सुरक्षा को केंद्र में रखकर नॉर्म्स मजबूत करना महत्वपूर्ण है - लेकिन साथ ही एयरलाइनों को लांग-टर्म क्रू प्लानिंग और इन्वेस्टमेंट को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है, वरना भविष्य में ऐसे व्यवधान आम हो सकते हैं.