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सोलर रेडिएशन, सॉफ्टवेयर अपडेट या कुछ और... एयरबस के 6000 A320 विमानों को क्यों किया गया ग्राउंड? भारत की एयरलाइन्स को भी नुकसान

Airbus ने A320 फैमिली के 6,000 से अधिक विमानों को तत्काल ग्राउंड कर दिया है, क्योंकि एक गंभीर सॉफ्टवेयर खामी सोलर रेडिएशन के दौरान फ्लाइट-कंट्रोल सिस्टम को फेल कर सकती है. JetBlue की फ्लाइट के 35,000 फीट से अचानक गिरने की घटना ने खतरे की घंटी बजा दी. भारत, अमेरिका और यूरोप की कई एयरलाइनों ने अपने एयरबस विमानों को अपडेट के लिए रोस्टर से हटाना शुरू कर दिया है. इससे हज़ारों उड़ानों में देरी और कैंसिलेशन की आशंका है.

सोलर रेडिएशन, सॉफ्टवेयर अपडेट या कुछ और... एयरबस के 6000 A320 विमानों को क्यों किया गया ग्राउंड? भारत की एयरलाइन्स को भी नुकसान
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( Image Source:  X/airbus )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 29 Nov 2025 8:36 AM IST

दुनिया की सबसे भरोसेमंद मानी जाने वाली Airbus A320 फैमिली अचानक ग्लोबल एविएशन इंडस्ट्री के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गई है. एक गंभीर सॉफ्टवेयर खामी के चलते 6,000 से अधिक विमान एक झटके में ग्राउंड कर दिए गए. यह फैसला ऐसे समय आया जब छुट्टियों के सीज़न में हवाई यात्रा अपनी चरम पर होती है. लेकिन इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि इस गड़बड़ी का कारण कोई तकनीकी फेलियर नहीं बल्कि सोलर रेडिएशन बताई जा रही है, जो आधुनिक विमानों की उड़ान सुरक्षा पर अभूतपूर्व सवाल खड़ा कर रहा है.

मामला तब गंभीर हुआ जब एक JetBlue A320 फ्लाइट ने 35,000 फीट से अचानक 10,000 फीट तक खतरनाक गिरावट दर्ज की. जांच में मालूम हुआ कि सूर्य की तीव्र विकिरण ने विमान के फ्लाइट-कंट्रोल सिस्टम ELAC का डाटा करप्ट कर दिया. अब Airbus ने दुनिया भर की एयरलाइनों को आदेश दिया है कि सभी A320 विमानों को तुरंत सॉफ्टवेयर अपडेट और हार्डवेयर प्रोटेक्शन मिलना चाहिए, वरना उड़ान भरने की अनुमति नहीं मिलेगी.

क्या है असली खतरा?

Airbus की तकनीकी टीम का कहना है कि हालिया घटना में सोलर रेडिएशन ने विमान के फ्लाइट-क्रिटिकल डेटा को क्षतिग्रस्त किया, जिससे पायलट कुछ क्षणों के लिए विमान का नियंत्रण खो बैठे. EASA (यूरोपियन उड्डयन सुरक्षा एजेंसी) ने भी चेताया है कि अगर यह खामी ठीक न की गई तो "अनकमांडेड एलीवेटर मूवमेंट" हो सकता है. एक ऐसी स्थिति जो विमान की संरचनात्मक सीमाओं को पार कर सकती है.

JetBlue घटना ने दुनिया को झकझोरा

30 अक्टूबर को JetBlue की Cancun–Newark फ्लाइट के अचानक गिरने से 15 यात्री घायल हुए और विमान को फ्लोरिडा में आपात लैंडिंग करानी पड़ी. FAA ने पाया कि विमान का फ्लाइट-कंट्रोल कंप्यूटर सूर्य के विकिरण से प्रभावित हुआ था. एक ऐसा जोखिम जिसे पहले केवल स्पेस टेक्नोलॉजी में माना जाता था, न कि कमर्शियल एविएशन में.

इंडिगो से Lufthansa तक सब प्रभावित

अमेरिका, यूरोप, भारत और दक्षिण अमेरिका की एयरलाइनों में अफरा-तफरी मच गई है. American Airlines के 480 में से 340 A320 प्रभावित हैं. Lufthansa, easyJet और IndiGo ने भी विमानों को अस्थाई रूप से सेवा से हटाना शुरू किया है. Avianca ने तो दिसंबर 8 तक टिकट बिक्री रोक दी है क्योंकि उसकी 70% फ्लीट ग्राउंड हो चुकी है.

भारत पर बड़ा असर

भारत में करीब 560 A320 फैमिली विमान ऑपरेट हो रहे हैं और इनमें से 200–250 को तुरंत सॉफ्टवेयर/हार्डवेयर अपडेट की जरूरत है. IndiGo, Air India और Air India Express ने स्वीकार किया है कि इससे देशभर में फ्लाइट कैंसलेशन और बड़ी देरी हो सकती है. Air India ने कहा है कि “टर्नअराउंड टाइम बढ़ने से ऑपरेशनल डिसरप्शन अनिवार्य है.”

एयरबस का अब तक का सबसे बड़ा Recall

अपनी 55 साल की इतिहास में Airbus ने कभी इतने बड़े पैमाने पर विमानों को ग्राउंड नहीं किया. कंपनी ने AOT (Alert Operators Transmission) जारी करते हुए कहा है कि यह कदम अत्यंत आवश्यक है. Airbus ने माफी भी मांगी है लेकिन ज़ोर दिया है कि “सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.”

क्या आगे भी बढ़ेगी समस्या?

EASA ने चेताया कि अगर सुधार तुरंत लागू नहीं किए गए तो A320 परिवार के aircraft सोलर स्टॉर्म के दौरान अप्रत्याशित व्यवहार कर सकते हैं. एविएशन विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते सोलर एक्टिविटी साइकल के कारण यह खतरा भविष्य में और बढ़ सकता है तथा हवाई सुरक्षा मानकों की वैश्विक समीक्षा की जरूरत पड़ सकती है.

एयरलाइनों के सामने चुनौती

दुनिया भर में छुट्टियों का सीजन शुरू हो चुका है. ऐसे समय में हजारों उड़ानें रद्द या विलंबित हो सकती हैं. यात्रियों को एयरपोर्ट पर लंबी कतारें, रीबुकिंग की मार और भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है. एयरलाइंस के सामने बड़े पैमाने पर क्रू शेड्यूलिंग और ऑपरेशनल री-मैनेजमेंट की चुनौती खड़ी हो गई है.

एविएशन में नया खतरा: स्पेस वेदर

यह घटना इस तथ्य को उजागर करती है कि भविष्य का एविएशन केवल इंजनों या सेंसर की खामी से ही नहीं बल्कि स्पेस वेदर यानी सूर्य की गतिविधियों से भी प्रभावित हो सकता है. Airbus के इस मेगा-रिकॉल ने स्पष्ट कर दिया है कि टेक्नोलॉजी जितनी तेज़ी से बढ़ रही है, उसे सुरक्षा के नए मानकों की उतनी ही बेहद ज़रूरत है.

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