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दिल्ली एयरपोर्ट पर 15 घंटे तक आखिर कैसे ठहर गईं 700 से ज्‍यादा उड़ानें? AAI ने बताई पूरी सच्चाई

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर शुक्रवार को तकनीकी खराबी के चलते हवाई संचालन ठप हो गया. ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) फेल होने से 700 उड़ानें प्रभावित हुईं और हजारों यात्री फंसे रहे. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने 15 घंटे बाद सिस्टम बहाल किया. साइबर अटैक की अफवाहों को सरकार ने खारिज किया. हालांकि उड़ानें धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं, लेकिन इस घटना ने देश की एविएशन टेक्नोलॉजी पर सवाल खड़े कर दिए.

दिल्ली एयरपोर्ट पर 15 घंटे तक आखिर कैसे ठहर गईं 700 से ज्‍यादा उड़ानें? AAI ने बताई पूरी सच्चाई
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 8 Nov 2025 10:31 AM IST

शुक्रवार का दिन दिल्ली एयरपोर्ट के इतिहास में दर्ज हो गया, जब देश का सबसे व्यस्त हवाईअड्डा अचानक ठहर गया. सुबह से लेकर देर रात तक रनवे पर खड़े विमानों की कतारें, भीड़ में परेशान यात्री और एयरपोर्ट लाउंज में अफरातफरी का माहौल देखने को मिला. लगभग 700 उड़ानें प्रभावित हुईं और कई यात्रियों को घंटों फंसे रहना पड़ा.

शुरुआत में इसे एटीसी सिस्टम की गड़बड़ी बताया गया, लेकिन जांच में सामने आया कि दिक्कत असल में ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) में आई थी. यानी वही सिस्टम जो हर विमान के उड़ान भरने और उतरने की जानकारी नियंत्रित करता है. इस एक तकनीकी त्रुटि ने देश की सबसे बड़ी हवाई यातायात प्रणाली को झटका दे दिया.

क्या हुआ था दिल्ली एयरपोर्ट पर?

शुक्रवार सुबह अचानक उड़ानों के संचालन में दिक्कतें आने लगीं. कई विमानों को टेकऑफ़ की मंजूरी नहीं मिल रही थी. यात्रियों को पहले तकनीकी कारणों से देरी की सूचना दी गई. एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के सर्वर में समस्या बताई गई, लेकिन बाद में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने बताया कि AMSS सिस्टम फेल हुआ था, जिसके चलते फ्लाइट डेटा का ट्रांसमिशन बाधित हो गया.

क्या है AMSS सिस्टम और कैसे बिगड़ा?

AMSS यानी Automatic Message Switching System, वो तकनीकी नेटवर्क है जो उड़ान से जुड़ी हर सूचना. जैसे कि फ्लाइट प्लान, मौसम रिपोर्ट, और हवाई मार्ग एयर ट्रैफिक कंट्रोल तक पहुंचाता है. यह सिस्टम बंद हुआ तो पूरा कम्युनिकेशन स्लो पड़ गया. हालांकि शुरुआती अफवाहें साइबर अटैक की थीं, लेकिन सरकार ने इसे खारिज कर तकनीकी खराबी बताया.

कैसे बहाल हुई सेवाएं?

करीब 15 घंटे की जद्दोजहद के बाद रात 9 बजे AAI ने घोषणा की कि सिस्टम बहाल कर दिया गया है. इस दौरान कंट्रोलर मैन्युअली फ्लाइट प्लान प्रोसेस कर रहे थे, जिससे देरी बढ़ गई. AAI ने एक्स (X) पर पोस्ट किया, “सिस्टम अब वापस चालू हो चुका है, लेकिन पेंडिंग डेटा के कारण उड़ानों में कुछ देरी बनी रहेगी.”

कितना हुआ असर?

इस तकनीकी गड़बड़ी का असर करीब 700 उड़ानों पर पड़ा जिनमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों शामिल थीं. आमतौर पर दिल्ली एयरपोर्ट से प्रति घंटे 60 फ्लाइट उड़ान भरती हैं, लेकिन शुक्रवार को यह संख्या घटकर 10-15 प्रति घंटा रह गई. फ्लाइट देरी के कारण टर्मिनल-3 पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई. कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर एयरपोर्ट की तस्वीरें और शिकायतें साझा कीं.

बाकी शहरों पर भी असर

दिल्ली में आई इस गड़बड़ी का असर देश के अन्य हवाईअड्डों पर भी देखने को मिला. मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और हैदराबाद में कई उड़ानें लेट हो गईं क्योंकि दिल्ली से आने-जाने वाली कनेक्टिंग फ्लाइट्स अटक गईं. एयरलाइनों ने स्थिति संभालने के लिए अतिरिक्त ग्राउंड स्टाफ लगाया.

विशेषज्ञों ने क्या कहा?

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, कैप्टन शरत ने बताया कि “हर उड़ान से पहले फ्लाइट प्लान सबमिट होता है, जो अब मैन्युअल प्रोसेस से किया जा रहा था. यही वजह है कि रनवे से टेकऑफ़ में समय लग रहा था.” वहीं कैप्टन सी.एस. रंधावा ने कहा कि अगर सिस्टम समय पर बहाल नहीं होता, तो “फ्लाइट कैप लगाना” पड़ सकता था यानी कुछ घंटों के लिए सभी उड़ानें रोकनी पड़तीं.

यात्रियों के लिए सलाह

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी एयरलाइन से लगातार संपर्क में रहें और फ्लाइट स्टेटस की अपडेट जांचते रहें. AAI का कहना है कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, लेकिन अगले कुछ घंटों तक मामूली देरी बनी रह सकती है. दिल्ली एयरपोर्ट पर यह घटना यह साबित करती है कि एक छोटी तकनीकी गड़बड़ी भी देश की पूरी एविएशन प्रणाली को हिला सकती है. हालांकि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर साइबर सुरक्षा और बैकअप सिस्टम की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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