West Bengal SIR 2.0 : 32 लाख वोटर्स को किन-किन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत, कब और कैसे कराएं वोट वेरिफाई?

West Bengal SIR 2.0 के तहत 32 लाख वोटर्स का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होगा. इस प्रक्रिया के दौरान चुनाव आयोग के अधिकारी लोगों से जरूरी डॉक्यूमेंट मुहैया कराने को कह सकता है. जानिए किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी, कब से सुनवाई शुरू होगी और वोट वेरीफाई कराने की पूरी प्रक्रिया.;

( Image Source:  ANI )
Curated By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 27 Dec 2025 12:25 PM IST

पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है. SIR 2.0 (Special Intensive Revision) के तहत 32 लाख वोटर्स की पहचान और दस्तावेजों की जांच की प्रक्रिया आज (27 दिसंबर) से शुरू हो गई है. चुनाव आयोग के निर्देश पर शुरू हो रही इस प्रक्रिया का मकसद मतदाता सूची को में व्याप्त कमियों को दूर करना है. इसे लेकर राजनीतिक विवाद भी तेज है. सवाल यह है कि किसे वेरिफिकेशन कराना होगा, किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी और पूरी प्रक्रिया क्या है?

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पश्चिम बंगाल में चुनावी लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का दूसरा चरण में चुनाव आयोग (ECI) राज्य भर में एक करोड़ से ज्यादा वोटर्स के लिए सुनवाई करने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए ECI ने माइक्रो-ऑब्जर्वर को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है, जो सुनवाई प्रक्रिया की निगरानी करेंगे. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार दूसरे चरण का एसआईआर (SIR) प्रभावी हो सके.

कमी को रिकॉर्ड में लेने का आदेश

इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) या असिस्टेंट ERO (AERO) द्वारा किसी भी गड़बड़ी को रिकॉर्ड करने का निर्देश दिया गया है. अगर अलर्ट के बावजूद अनियमितताएं बनी रहती हैं, तो माइक्रो-ऑब्जर्वर को सीधे ECI को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है.

हर विधानसभा क्षेत्र में 11 सुनवाई टेबल

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 11 सुनवाई टेबल लगाई जाएंगी, जिसमें हर टेबल पर एक ERO या AERO और एक माइक्रो-ऑब्जर्वर तैनात होगा. इससे राज्य के 294 निर्वाचन क्षेत्रों में कुल टेबल की संख्या 3,234 हो जाएगी. जरूरत पड़ने पर यह संख्या बढ़ाई जा सकती है  और माइक्रो-ऑब्जर्वर की तैनाती 4,000 से ज्यादा हो सकती है.

बुधवार को जारी एक निर्देश में ECI ने सुनवाई की प्रक्रिया बारे में डिटेल जानकारी दी. साथ ही कहा, “जिन मामलों में ERO द्वारा वोटर्स को नोटिस जारी किए जा रहे हैं, संबंधित वोटर्स को पात्रता दिखाने के लिए निर्धारित डॉक्यूमेंट जमा करने की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें पिछले SIR में मैपिंग भी शामिल है. डॉक्यूमेंट्स को ERO की जांच के लिए BLO ऐप के माध्यम से अपलोड किया जाएगा.”

5 दिनों के अंदर वेरीफाई होगा अपलोड डॉक्यूमेंट्स

इसमें आगे कहा गया है कि वोटर्स द्वारा जमा किए गए डॉक्यूमेंट्स को जारी करने वाले अधिकारियों द्वारा डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर (DEO) के माध्यम से ECINet प्लेटफॉर्म पर अपलोड होने के पांच दिनों के भीतर वेरीफाई किया जाएगा. यदि कोई डॉक्यूमेंट राज्य के भीतर किसी अन्य जिले में जारी किया गया है, तो DEO इसे ECINet के माध्यम से संबंधित जिले को वेरिफिकेशन के लिए भेजेगा. जिन मामलों में डॉक्यूमेंट्स पश्चिम बंगाल के बाहर के अधिकारियों द्वारा जारी किए गए हैं. DEO वेरिफिकेशन अनुरोध को चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर (CEO) के माध्यम से संबंधित राज्य के CEO को भेजें.

DEO और ERO गाइड लाइन पर सख्ती से करें अमल  

ECI ने पश्चिम बंगाल के CEO को यह भी निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि निर्देशों का पालन सभी DEO, ERO और रोल ऑब्जर्वर द्वारा सख्ती से किया जाए. कमीशन के अनुसार, पहले फेज में लगभग 10 लाख वोटर्स को सुनवाई के लिए नोटिस जारी किए गए हैं. जांच के दायरे में कुल वोटरों की संख्या 1.67 करोड़ है. इनमें 1.36 करोड़ ऐसे वोटर्स हैं जिनके रिकॉर्ड में लॉजिकल गड़बड़ियां हैं और 31 लाख ऐसे वोटर्स हैं जिनके रिकॉर्ड की कोई मैपिंग नहीं है. सुनवाई उन 31 लाख वोटर्स से शुरू होगी जिनकी एंट्री में मैपिंग की कमी है.

ECI ने सुनवाई प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक खास सॉफ्टवेयर भी डेवलप किया है. इस सिस्टम के तहत हर वोटर का एक अलग अकाउंट होगा जिसमें सुनवाई के दौरान जमा किए गए डॉक्यूमेंट्स की जानकारी और स्कैन की गई कॉपी स्टोर होंगी.

वोटर्स को इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत

  • ECI के अनुसार, सुनवाई के लिए बुलाए गए वोटर्स को इनमें से कोई भी डॉक्यूमेंट जमा करने की जरूरत हो सकती है. 
  • राज्य या केंद्र सरकार के कर्मचारी या पेंशन धारक के रूप में पहचान पत्र.
  • 1987 से पहले पोस्ट ऑफिस, बैंक, LIC या लोकल अथॉरिटी द्वारा जारी किए गए डॉक्यूमेंट्स.
  • जन्म प्रमाण पत्र और पासपोर्ट.
  • माध्यमिक या अन्य एजुकेशनल क्वालिफिकेशन सर्टिफिकेट.
  • राज्य सरकार की अथॉरिटी द्वारा जारी किया गया निवास प्रमाण पत्र.
  • वन अधिकार प्रमाण पत्र, और जाति प्रमाण पत्र.
  • लोकल एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा रखा गया फैमिली रजिस्टर.
  • सरकार द्वारा जारी किया गया जमीन या घर का अलॉटमेंट सर्टिफिकेट.
  • कमीशन ने साफ किया है कि आधार कार्ड को अकेले पहचान डॉक्यूमेंट के तौर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा.

इस बीच, बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने वोटर रिकॉर्ड में स्पेलिंग और टाइपिंग की गलतियों को ठीक करना शुरू कर दिया है. वोटर्स को सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स के साथ बुलाया जा रहा है, जिसके बाद BLO एप्लीकेशन पर जमा किए गए डिक्लेरेशन के जरिए सुधार किए जा रहे हैं.

 वोटरों की संख्या 7.08 करोड़

16 दिसंबर 2025 को ECI ने SIR के पहले फेज के पूरा होने के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पब्लिश की. 58 लाख से ज्यादा नाम हटाए जाने के बाद वोटरों की संख्या 7.66 करोड़ से घटकर 7.08 करोड़ हो गई. ऑफिशियल डेटा के अनुसार,58,08,232 एन्यूमरेशन फॉर्म BLO एप्लीकेशन पर अपलोड नहीं किए गए थे. इनमें 24,18,699 मृत वोटर्स, 12,01,462 ऐसे वोटर्स जिनका पता नहीं चल सका, 19,93,087 ऐसे वोटर्स जो स्थायी रूप से शिफ्ट हो गए थे. 1,37,475 ऐसे वोटर्स जो कई जगहों पर रजिस्टर्ड थे और 57,509 अन्य शामिल थे.

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