'हमने गलत डाटा शेयर किया, Sorry'; महाराष्ट्र चुनाव विवाद पर Side हुए संजय कुमार और उलझ गए राहुल- BJP ने साधा निशाना

महाराष्ट्र चुनाव को लेकर जारी विवाद में सीएसडीएस के संजय कुमार ने मान लिया कि उन्होंने गलत डाटा शेयर किया था, इस गलती के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी बैकफुट पर आ गए और भाजपा ने उन पर तीखा हमला बोला. भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि राहुल और कांग्रेस जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.;

भारत की चुनावी प्रक्रिया को लेकर छिड़े घमासान के बीच लोकनीति–सीएसडीएस (Lokniti–CSDS) के सह-निदेशक और राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार का ट्वीट और फिर उनकी सार्वजनिक माफी सियासी बहस का नया मुद्दा बन गया है. महाराष्ट्र की चार विधानसभा सीटों से जुड़े वोटर आंकड़ों में भारी उतार-चढ़ाव दिखाते हुए किए गए उनके पोस्ट कांग्रेस नेताओं के हाथ बड़ा हथियार बनते, लेकिन जैसे ही उन्होंने गलती स्वीकार की, बीजेपी ने इसे विपक्ष के खिलाफ पलटवार का मौका बना लिया.

संजय कुमार ने अपने ट्वीट्स में दावा किया था कि महाराष्ट्र की दो सीटों पर वोटरों की संख्या में भारी कमी आई है और दो सीटों पर अचानक बड़ा उछाल देखने को मिला है. कांग्रेस ने इन आंकड़ों का सहारा लेते हुए चुनाव आयोग (EC) पर 'वोट चोरी' के आरोप तेज किए, लेकिन कुछ ही घंटों बाद कुमार ने ट्वीट डिलीट कर गलती मानते हुए लिखा कि यह डेटा टीम की “misreading” थी. इस माफी ने विपक्ष की रणनीति को कमजोर किया और बीजेपी को विपक्ष पर फर्जी नैरेटिव फैलाने का मौका मिल गया.

संजय कुमार ने क्या पोस्ट किया था?

संजय कुमार ने ‘Some information of Maharashtra election’ शीर्षक से दो ट्वीट किए. इनमें उन्होंने चार सीटों के आंकड़े शेयर किए. रामटेक में वोटरों की संख्या 4.66 लाख से घटकर 2.86 लाख बताई गई, यानी 38.45% की गिरावट. देवला‍ली में वोटर 4.56 लाख से घटकर 2.88 लाख, यानी 36.82% की कमी. नाशिक वेस्ट में उल्टा उछाल दिखाया गया, जहां वोटर 3.28 लाख से बढ़कर 4.83 लाख यानी 47.38% बढ़े. हिंगणा में भी वोटरों की संख्या 3.14 लाख से बढ़कर 4.50 लाख, यानी 43.08% बढ़ोतरी बताई गई.

बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट करते हुए माफी मांगी और कहा कि 'मैं महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े अपने किए गए ट्वीट्स के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं. 2024 लोकसभा और विधानसभा चुनाव के आंकड़ों की तुलना करते समय गलती हुई. हमारी डेटा टीम से पंक्तियों को पढ़ने में त्रुटि हो गई. ट्वीट को हटा दिया गया है. मेरा किसी भी प्रकार की गलत जानकारी फैलाने का कोई इरादा नहीं था.'

विपक्ष बनाम चुनाव आयोग

यह मामला उस समय सामने आया है जब विपक्ष लगातार चुनाव आयोग पर 'vote chori' यानी वोट चोरी के आरोप लगा रहा है. राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं ने बार-बार टर्नआउट डेटा, देर रात अचानक वोटिंग में उछाल और मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के मुद्दे उठाए हैं.

शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने तो पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए शिंदे गुट को असली शिवसेना का दर्जा और चुनाव चिन्ह सौंपा. वहीं, मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ये केवल 'राजनीतिक अफवाहें' हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों के आठ महीने बाद तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई, जिससे उनके दावों की विश्वसनीयता और कम हो जाती है.

बीजेपी का पलटवार

संजय कुमार के माफी मांगने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस और विपक्ष को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा. पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि, उन्होंने आरोप लगाया कि संजय कुमार ने निष्पक्ष विश्लेषक की तरह नहीं, बल्कि कांग्रेस के नैरेटिव को मजबूत करने का काम किया.

मालवीय ने उन्हें योगेंद्र यादव का शिष्य बताते हुए कहा कि उनकी हर बार की भविष्यवाणियां बीजेपी के खिलाफ होती हैं, जो उनके “bias” को साबित करती हैं. बीजेपी का कहना है कि यह पूरा घटनाक्रम दिखाता है कि विपक्ष और उसके सहयोगी जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया की साख पर सवाल उठाते हैं और आंकड़ों का गलत इस्तेमाल कर जनता को गुमराह करते हैं.

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