'हम गंगा-जमुनी तहजीब वाले हैं...' वक्फ संशोधन बिल पर तेजस्वी यादव का बयान, देखें- विपक्ष का रिएक्शन

Parliament Waqf Bill: मोदी सरकार आज संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करेगी. इस बिल का विपक्ष शुरू से ही विरोध करते नजर आया है. संसद की कार्रवाई शुरू होने से पहले नेताओं का इस पर बयान सामने आया है. तेजस्वी यादव ने वक्फ बिल को लेकर कहा, यह असंवैधानिक विधेयक है. हम संविधान को मानने वाले लोग हैं.;

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Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 2 April 2025 1:02 PM IST

Parliament Waqf Bill: केंद्र सरकार बुधवार 2 अप्रैल को संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने वाली है. इस बिल की एलान के समय से ही सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच काफी हंगामा देखने को मिला. विपक्षी पार्टियां बिल के खिलाफ हैं, लेकिन सरकार की कोशिश को देखकर लगता है कि आज यह विधेयक पास ही हो जाएगा.

वक्फ संशोधन बिल को लेकर विपक्ष पार्टियों के बयान सामने आए हैं, सभी ने खुल कर इसका विरोध किया है. उनका दावा है कि एनडीए कितना ही ताकत लगा ले, लेकिन हम इस संसद से पास होने से रोक देंगे. अब देश भर से नेताओं के बयान सामने आए हैं.

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तेजस्वी यादव

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने वक्फ बिल को लेकर कहा, यह असंवैधानिक विधेयक है. हम संविधान को मानने वाले लोग हैं. बीजेपी के लोग नागपुर का कानून थोपना चाहते हैं, यह हमें कतई मंजूर नहीं है. उन्होंने कहा, हम गंगा-जमुनी तहजीब में विश्वास करते हैं, हमारे देश की विविधता ही इसकी खूबसूरती है. हमने शुरू से ही संसद के दोनों सदनों के साथ-साथ बिहार विधानसभा या बिहार विधान परिषद में भी इस विधेयक का विरोध किया है. आने वाले समय में भी हम इसका विरोध करेंगे. ऐसा विधेयक हमें कभी मंजूर नहीं होगा.

प्रशांत किशोर

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध जताया. किशोर ने कहा, यह बिल लाना दुर्भाग्यपूर्ण है. अगर आप उनमें कोई बदलाव कर रहे हैं जो किसी वर्ग को प्रभावित करता है, तो ऐसे कानून बनाने से पहले उन वर्गों को विश्वास में लिया जाना चाहिए. वक्फ विधेयक से मुसलमानों का एक बड़ा वर्ग खुद को खतरे में महसूस कर रहा है. भाजपा मुसलमानों को अपना वोट बैंक नहीं मानती, लेकिन नीतीश कुमार जैसे लोग जो हर दिन मुसलमानों से कहते हैं कि वे समुदाय के हितैषी हैं, उन्हें यह जरूर सोचना चाहिए कि वे मुसलमानों के हितैषी नहीं हैं.

शादाब शम्स

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने बिल को लेकर अपने विचार रखे. शम्स ने कहा, गरीब मुसलमानों को पीएम मोदी से उम्मीदें हैं और इसीलिए हमने इस संशोधन विधेयक का नाम 'उम्मीद' रखा है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू उम्मीद की किरण हैं. पीएम मोदी सरकार ने तय किया है कि वे गरीब मुसलमानों को मुख्यधारा में लाएंगे. यह '70 साल बनाम मोदी कार्यकाल' है. विपक्ष के पास 70 साल थे और उन्होंने जो कर सकते थे, किया. उन्होंने वक्फ को लूटा. अमीरों ने गरीबों के हक को लूटा. वे मुसलमानों को यह कहकर डरा रहे हैं कि मस्जिदें छीन ली जाएंगी. जो लोग विरोध कर रहे हैं, वे मुसलमान नहीं हैं. वे कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आप और जनता दल के राजनीतिक मुसलमान हैं.

सांसद जिया उर रहमान बर्क

संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा, हम पहले से ही इस विधेयक के खिलाफ हैं. जब यह विधेयक पहली बार सदन में लाया गया था, तब हमारी पार्टी और हमारे नेता अखिलेश यादव ने इसका कड़ा विरोध किया था. इस विधेयक का विरोध करने का कारण यह नहीं है कि इसे भाजपा-NDA सरकार ला रही है, हम इस विधेयक का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इस विधेयक में कई ऐसी बातें हैं जो हमारे लोगों के अधिकारों को छीन रही हैं. जब सरकार ने इसे JPC के पास भेजा था, तो हमें थोड़ी उम्मीद थी कि शायद इसमें जो कमियां हैं, उन्हें दूर कर लिया जाएगा, लेकिन यह सिर्फ औपचारिकता थी, और रिपोर्ट सिर्फ उनकी मर्जी के मुताबिक पेश की गई. जब यह विधेयक सदन में आएगा, तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे.

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