रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद पहली बार भारत आएंगे व्लादिमीर पुतिन, जानें इसके मायने

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत दौरे पर आने वाले हैं. इस दौरान वे पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे. रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद यह पुतिन का पहला भारत दौरा होगा. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि पीएम मोदी के निमंत्रण पर पुतिन भारत दौरे पर आएंगे, जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.;

( Image Source:  ANI )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 27 March 2025 6:15 PM IST

Vladimir Putin India Visit:  रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत दौरे पर आ सकते हैं. यह रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद भारत का उनका पहला दौरा होगा. इस बात की जानकारी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने दी.

TASS की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्गेई लावरोव ने रूसी अंतरराष्ट्रीय मामलों की परिषद (RIAC) की तरफ से आयोजित 'रूस और भारत: एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर' सम्मेलन में कहा कि पुतिन के भारत दौरे की तैयारियां की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि मोदी रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूस के दौरे पर आए थे. अब पुतिन के भारत दौरे की व्यवस्था की जा रही है.

पुतिन का भारत दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण है. आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं...

1. द्विपक्षीय संबंधों को मिलेगी मजबूती

भारत और रूस दशकों से घनिष्ठ रणनीतिक साझेदार रहे हैं. राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग को और गहरा करने का काम करेगी. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पुष्टि की है कि पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है और यात्रा की तैयारियां चल रही हैं.

2. वैश्विक मुद्दों पर होगी चर्चा

यूक्रेन संघर्ष के बाद यह पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी. इस दौरान, दोनों नेता वैश्विक मुद्दों, विशेषकर रूस-यूक्रेन युद्ध, पर चर्चा कर सकते हैं. भारत ने इस संघर्ष में तटस्थ रुख अपनाया है और शांति वार्ता का समर्थन किया है.

3. आर्थिक और ऊर्जा सहयोग

भारत और रूस के बीच ऊर्जा, रक्षा और व्यापार के क्षेत्रों में सहयोग महत्वपूर्ण रहा है. इस यात्रा के दौरान दोनों देश ऊर्जा सुरक्षा, व्यापारिक संबंधों के विस्तार और रक्षा साझेदारी को और सुदृढ़ करने पर विचार कर सकते हैं.

4. क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठन

भारत और रूस विभिन्न बहुपक्षीय मंचों जैसे ब्रिक्स और एससीओ में सहयोगी हैं. इस यात्रा से इन संगठनों के भीतर सहयोग को और बढ़ावा मिलने की संभावना है. बता दें कि पुतिन की यह यात्रा भारत-रूस संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगी और दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को और मजबूत करेगी.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्या कहा?

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सम्मेलन में भारत-रूस संबंधों की मजबूती पर जोर देते हुए दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया और कहा कि मौजूदा व्यापारिक असंतुलन को ठीक करने के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत और रूस को राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार करना चाहिए. 

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