ट्रंप की चेतावनी बेअसर! टैरिफ दबाव के बीच भारत आएंगे पुतिन, PM मोदी से होगी अहम मुलाकात; SCO समिट से पहले तय हुआ दौरा

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत की आधिकारिक यात्रा पर आएंगे. इससे पहले वे चीन के तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. यह दौरा ऐसे समय में तय हुआ है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से भारत की बढ़ती तेल खरीद पर नाराजगी जताते हुए भारतीय सामानों पर टैरिफ लगाया है. पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद भारत और रूस ऊर्जा और रक्षा सहयोग को मजबूत कर रहे हैं, जिसे दोनों देश रणनीतिक मित्रता मानते हैं.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 29 Aug 2025 10:23 PM IST

Vladimir Putin India Visit 2025: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल दिसंबर में भारत की आधिकारिक यात्रा पर आएंगे. क्रेमलिन ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की. यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई वाले अमेरिकी प्रशासन ने भारत पर 50 फीसदी व्यापारिक टैरिफ लगाए हैं और भारत-रूस संबंध एक बार फिर वैश्विक फोकस में आ गए हैं.

पुतिन सोमवार को चीन के तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. क्रेमलिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने एएफपी को बताया कि दोनों नेता 'दिसंबर दौरे की तैयारियों' पर चर्चा करेंगे.

रूस से तेल खरीद को लेकर ट्रंप ने भारत पर लगाया टैरिफ 

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाते हुए कहा था कि नई दिल्ली द्वारा रूस से बड़े पैमाने पर तेल की खरीद वॉशिंगटन की नीतियों के खिलाफ है. अमेरिका रूस की ऊर्जा आय को कम करना चाहता है, क्योंकि यह मॉस्को के बजट और यूक्रेन युद्ध को फंड करने का बड़ा जरिया है.

भारत ने रूस के साथ बढ़ाया ऊर्जा सहयोग

हालांकि, भारत ने रूस के साथ ऊर्जा सहयोग को और बढ़ाया है. रूस भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता भी बना हुआ है. शीतयुद्ध के दौर से शुरू हुई भारत-रूस की यह साझेदारी दोनों देशों के लिए एक 'रणनीतिक मित्रता' मानी जाती है. फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से पश्चिमी देशों ने रूस की आय कम करने के लिए पाबंदियां और व्यापारिक प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन भारत और रूस के संबंध लगातार मज़बूत बने हुए हैं.

भारत-रूस रिश्तों की कहानी

भारत और रूस (पहले सोवियत संघ) के रिश्ते दशकों से बेहद गहरे और रणनीतिक रहे हैं. शीत युद्ध के दौर से ही दोनों देशों के बीच सहयोग की नींव पड़ी थी। 1971 में भारत-सोवियत मैत्री संधि ने रिश्तों को मज़बूत किया और तब से रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा साझेदार रहा. 

ऊर्जा और हथियार सहयोग

रूस आज भी भारत का प्रमुख हथियार सप्लायर है और परमाणु ऊर्जा से लेकर तेल-गैस तक कई क्षेत्रों में भारत को सहयोग देता है. रूस से भारत ने रक्षा क्षेत्र में सुखोई लड़ाकू विमान, एस-400 मिसाइल सिस्टम, पनडुब्बी और कई आधुनिक हथियार खरीदे हैं.

यूक्रेन युद्ध के बाद हालात

फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद पश्चिमी देशों ने मॉस्को पर कड़े प्रतिबंध लगाए. अमेरिका और यूरोपीय देश चाहते हैं कि भारत रूस से तेल और हथियारों की खरीद कम करे, लेकिन भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देते हुए रूस से सस्ती दरों पर कच्चा तेल खरीदना जारी रखा.

कुल मिलाकर, यह दौरा इस बात का संकेत है कि भारत-रूस साझेदारी अभी भी मज़बूत है और अमेरिकी दबाव के बावजूद नई दिल्ली और मॉस्को अपने रिश्तों को 'रणनीतिक मित्रता' की तरह आगे बढ़ा रहे हैं.

Similar News