जुड़वा बहनों के जुड़वा रिजल्‍ट! गुजरात की इन Twin Sisters के क्‍या कहने, 10वीं से लेकर NEET-UG तक दी बेस्ट परफोर्मेंस

Ahmedabad News: वडोदरा के GMIRS मेडिकल कॉलेज में रीबा और राहिन हफीजी ने MBBS की परीक्षा दी और दोनों ही पास हो गईं. दोनों के परी7ा में एक समान अंक आए हैं. एग्जाम में 935 अंक हासिल किए हैं, जो 66.8 फीसदी है. इससे परिवार बहुत खुश है और बेटियों की हर कोई तारीफ कर रहा है. खास बात यह है कि 10 से लेकर NEET-UG तक दोनों ने एक जैसा और अच्छा प्रदर्शन किया.;

( Image Source:  META AI )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 28 Nov 2025 1:54 PM IST

Ahmedabad News: गुजरात के अहमदाबाद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां जुड़वा बहनों ने एक साथ MBBS की परीक्षा दी और दोनों ही पास हो गईं. सूरत की रीबा और राहिन हफीजी के एक ही जैसे नंबर आए हैं. परीक्षा में एक समान अंक आना थोड़ा अजीब है. खास बात यह है कि बहनें एक ही कॉलेज में एडमिशन भी लेना चाहती हैं.

जुड़ावा बहनों ने MBBS एग्जाम में एक जैसे नंबर लाने के बाद चर्चा में आई हैं. हर कोई उनकी बातें कर रहा है. कुछ लोगों ने समान अंक पर सवाल भी उठाएं हैं. हालांकि परिवार का कहना है कि दोनों बहनें दिन-रात पढ़ती थीं और अपनी मेहनत से उन्होंने यह परिणाम हासिल किया है. वडोदरा के GMIRS मेडिकल कॉलेज में उन्होंने परीक्षा दी थी.

कितने आए परीक्षा में नंबर?

रीबा और राहिन हफीजी के एग्जाम में 935 अंक हासिल किए हैं, जो 66.8 फीसदी है. दोनों बहनों की उम्र 24 साल है और परिवार उनकी उपलब्धि से बहुत खुश नजर आ रहा है. उनकी मां गुलशाद बानू एक टीचर हैं. उन्होंने अकेले ही अपनी बेटियों की परवरिश की है. राहिन का कहना है कि हम परिवार में पहली डॉक्टर हैं. मेरे मामा एक डॉक्टर हैं, जिन्होंने हमें एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया. हमारे एक जैसे नंबर इसलिए आए क्योंकि हम दोनों एक साथ परीक्षा की तैयारी करते थे.

10वीं कक्षा का रिजल्ट भी एक जैसा

जानकारी के अनुसार, 10वीं कक्षा में रीबा की 99 परसेंट और राहिन की 98.5 परसेंट नंबर आए थे. कक्षा 12वीं में 98.2 और 97.3 फीसदी रिजल्ट रहा. दोनों ने कोई कोचिंग नहीं ली और उसके बाद भी अच्छे नंबरों से पास होती रहीं. दोनों बहनों ने NEET-UG में अच्छी प्रदर्शन किया, जिसमें रीबा के 97 प्रतिशत और राहिन ने 97.7 प्रतिशत स्कोर किया. मां का कहना है कि मेरी बेटियां शुरू से ही पढ़ने में बहुत होशियार हैं.

संघर्ष से भरा रहा बचपन

राहिन ने कहा कि हमने अपने जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव देखे हैं. मेरी मां और दादा-दादी हमेशा हम बहनों की ताकत बनें. हमें खुशी है कि हम उनके सपनों को पूरा कर पाए. अब हम बिना किसी स्पेशल सहायता के कॉलेज अपने दम पर जा सकते हैं. राहिन ने कहा, प्रसूति और स्त्री रोग जैसी सर्जिकल में आगे जाऊंगी जबकि रीबा आंतरिक चिकित्सा में रुचि रखती हैं. लेकिन हम आगे की पढ़ाई के लिए एक ही कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते हैं.

Similar News