सोनम वांगचुक को सुप्रीम कोर्ट से तत्काल राहत नहीं, 14 अक्टूबर को अगली सुनवाई, केंद्र को नोटिस, 10 बातें
सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने 3 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. गुरुवार को याचिका पर सुनवाई हुई. गीतांजलि अंगमो ने अपने पति की हिरासत को चुनौती देते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग शीर्ष अदालत से की थी.;
लद्दाख के प्रसिद्ध पर्यावरणविद और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, लेकिन उन्हें तुरंत कोई राहत नहीं मिली. अदालत ने सुनवाई 14 अक्टूबर तक टालते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने उनकी सुरक्षा और अधिकारों से जुड़ी याचिका दाखिल की थी, जिस पर अब अगली सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार ( 6 अक्टूबर) को कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी द्वारा एनएसए के तहत उनकी हिरासत के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की और केंद्र से जवाब मांगा. शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार, लद्दाख प्रशासन और जोधपुर जेल को नोटिस जारी किया.
सोनम वांगचुक केस - 10 बातें
1. सुप्रीम कोर्ट ने सोनम वांगचुक को तत्काल कोई राहत नहीं दी है.
2. अब इस मसले पर सुनवाई 14 अक्टूबर 2025 को होगी.
3. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब तलब किया है और नोटिस जारी किया है.
4. सोनम वागचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की थी. एनएसए की तहत पति की गिरफ्तारी को विरोध करते हुए तत्काल रिहाई की मांग की थी.
5. गीतांजलि की याचिका में आरोप लगाया गया कि लद्दाख में वांगचुक को आंदोलन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से रोका जा रहा है.
6. सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो का दावा है कि प्रशासनिक आदेशों के जरिए उन्हें मनमाने तरीके से रोका जा रहा है.
7. सोनम वांगचुक लद्दाख की विशेष स्थिति को देखते हुए पर्यावरण संरक्षण और जनहित से जुड़े मुद्दों पर लंबे अरसे से सवाल उठाते आए हैं.
8. फिलहाल, कोर्ट ने कोई सख्त टिप्पणी नहीं की, लेकिन केंद्र से जवाब मांगा है.
9. सोनम वांगचुक की आवाज को स्थानीय लोग लद्दाख की स्वायत्तता और पर्यावरण सुरक्षा के लिए बड़ा आंदोलन मानते हैं.
10. अब 14 अक्टूबर को केंद्र का पक्ष सुनने के बाद ही तय होगा कि कोर्ट वांगचुक को राहत देगा या नहीं.
हम नजरबंदी के खिलाफ
हालांकि, वांगचुक की पत्नी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि न तो वांगचुक और न ही उनके परिवार को नजरबंदी के आधार की प्रति मिली है. उन्होंने कहा, "हम नजरबंदी के खिलाफ हैं."
इस पर जस्टिस अरविंद कुमार ने कहा, "पत्नी को निश्चित रूप से पहुंच मिलेगी." बता दें कि वांगचुक को 26 सितंबर को लेह के उपायुक्त द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) की धारा 3(2) के तहत गिरफ्तार किया गया था. यह गिरफ्तारी लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की हिंसा के दो दिन बाद हुई थी.
इस अफरा-तफरी में चार लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए. दो दिन बाद वांगचुक को हिरासत में लेकर राजस्थान के जोधपुर स्थित केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया.