16 घर को, 72 घंटा रेल को दीजिएगा... पत्नी के तानों के बीच चुप रहा थका हुआ पति, VIDEO वायरल
72 घंटे लगातार काम करने के बाद जब थका हुआ पति घर लौटा, तो उसकी पत्नी ने उसे सुनाया. पत्नी ने कहा कि '72 घंटे रेल को दे दिए, बस 16 घंटे घर को दो' और घर के सारे काम का बोझ भी अपनी तरफ फेंक दिया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, और अब काम के बोझ, पारिवारिक जिम्मेदारियों और मानसिक तनाव पर बातें हो रही हैं.

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जिसने लाखों लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर इंसान काम के बोझ और निजी जिंदगी के बीच संतुलन कैसे बनाए? वीडियो में पति चुपचाप खड़ा रहता है और दूसरी तरफ उसकी पत्नी कहते हुए सुनाई दे रही है कि 16 घंटे घर को, 72 घंटा रेल को दीजिएगा.
यह वीडियो सिर्फ एक कपल के झगड़े का नहीं, बल्कि उस थके हुए समाज का आईना है जो दिन-रात काम की दौड़ में अपनी भावनाओं और रिश्तों को पीछे छोड़ देता है.
72 घंटे की ड्यूटी, फिर भी घर में शिकवा
वीडियो में एक शख्स नजर आता है जो रेल विभाग में काम करता है. बताया जा रहा है कि वह लगातार 72 घंटे की शिफ्ट पूरी करने के बाद घर लौटा था. जैसे ही वह थका-हारा दरवाजे पर पहुंचता है, उसकी पत्नी का गुस्सा फूट पड़ता है. वह चिल्लाकर कहती है 'आ गए! 16 घंटा घर को दीजिएगा, 72 घंटा रेल को दीजिएगा. पूरा दिन का घर का काम हम ही करते रहे!' पत्नी के शब्दों में झुंझलाहट, शिकायत और दर्द सब झलकता है. लेकिन वहीं पति बिल्कुल चुपचाप खड़ा रहता है, थका हुआ, झुका हुआ, शायद इतना थका कि जवाब देने की ताकत भी नहीं बची.
थकान के पीछे की चुप्पी
वीडियो में पति की खामोशी ने सबसे ज्यादा लोगों का दिल तोड़ा. वह बस चुपचाप खड़ा अपना आई कार्ड, घड़ी और पेन निकाला है. उसके चेहरे पर थकावट साफ झलकती है, आंखों में नींद और शरीर में बोझिलपन.
सोशल मीडिया पर दो तरफा बहस
वीडियो पर इंटरनेट दो हिस्सों में बंट गया. कमेंट्स में एक यूज़र ने लिखा, “देखिए उसकी आंखों की थकान, वो सब कह देती है.” जहां एक तरफ लोगों ने पत्नी की आलोचना करते हुए कहा कि 'कम से कम उसे घर आने दो, पानी पिला दो, थोड़ा चैन लेने दो, फिर बात करो.' वहीं, दूसरी तरह कुछ लोगों ने महिला का पक्ष लेते हुए कमेंट सेक्शन में लिखा 'वो चिल्ला रही है क्योंकि उसे अपने पति की चिंता है. वो जानती है कि सिस्टम उसका शोषण कर रहा है. वो चाहती है कि उसका पति भी थोड़ा अपने लिए जिए.' इस बहस के बीच कई लोगों ने पुरुषों के मेंटल हेल्थ पर भी सवाल उठाए. उन्होंने लिखा कि पुरुष समाज के उस दबाव में जी रहे हैं जहां उनसे उम्मीद की जाती है कि वे बिना थके, बिना शिकायत किए सिर्फ कमाते रहें. लेकिन भावनात्मक थकान भी किसी बीमारी से कम नहीं होती.
दोनों का दर्द, एक ही कहानी
वीडियो जितना विवादित है, उतना ही भावनात्मक भी. पत्नी की झुंझलाहट उसकी अकेलेपन से निकली है — वह चाहती है कि उसका पति घर में थोड़ा वक्त बिताए, बच्चों के साथ रहे, उसका साथी बने. वहीं पति अपने कंधों पर घर की जिम्मेदारी का बोझ उठाए हुए है. वह जानता है कि अगर वो काम से छुट्टी लेगा तो घर का खर्च नहीं चलेगा. दोनों अपनी जगह सही हैं, लेकिन गलत है वह सिस्टम, जो इंसान को मशीन बना देता है. दिन-रात काम करो, और फिर घर लौटो तो थकावट इतनी कि रिश्ते संभालना भी मुश्किल हो जाए.