जाइए... साथ में डिनर कीजिए और कॉफी पीजिए! सुप्रीम कोर्ट ने बच्ची की कस्टडी की मांग पर लड़े रहे कपल को दी सलाह

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एक पति-पत्नी और उनकी बच्ची की कस्टडी मामले की सुनवाई की. जिसमें विदेश जाने के लिए महिला ने 3 साल तीन की बेटी को साथ ले जाने की परमिशन मांगी थी, लेकिन पति राजी नहीं थी. इस पर कौर्ट ने कहा कि आप दोनों को डिनर और कॉफी पर मिलकर बात सुलझानी चाहिए.;

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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 3 साल के बच्ची की कस्टडी मामले की सुनवाई की. इस दौरान बच्ची के माता-पिता को आपसी लड़ाई और तनाव को खत्म करने के लिए सलाह दी. कोर्ट ने कहा, आप दोनों कॉफी और डिनर पर बात करें. कपल साल 2023 में अलग हो गए थे और अब बच्चे की कस्टडी के लिए लड़ रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने एक महिला की याचिका पर दिया, जिसमें उसने अपनी तीन 3 साल की बेटी के साथ विदेश यात्रा की अनुमति मांगी थी. तब कोर्ट ने कहा आप दोनों को डिनर और कॉफी पर मिलकर बात सुलझानी चाहिए.

क्या है मामला?

महिला अपनी 3 साल की बेटी के साथ यूरोप की यात्रा करने के लिए अदालत से अनुमति चाहती है, जबकि पति ने यात्रा दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. उसने कहा, अगर उसने पत्नी को बच्चे को विदेश ले जाने की अनुमति दी गई तो वे गायब हो जाएंगे. पति ने कहा, वह बच्चे के पासपोर्ट की कस्टडी चाहता है जिससे बच्चा भारत वापस आ सके. उसने यह भी तर्क दिया कि पत्नी अपने परिवार के साथ यात्रा कर सकती है. वहीं बच्ची मुंबई में अपने नाना-नानी के साथ रह सकती है.

कोर्ट ने कपल को दी सलाह

सिनवाई के दौरान कोर्ट ने कह, आपके पास तीन साल का बच्चा है. पक्षों के बीच अहंकार क्या है? हमारी कैंटीन शायद इसके लिए उपयुक्त नहीं होगी. हम आपको एक रूम प्रदान करेंगे. आज डिनर पर मिलें. एक कप कॉफी के दौरान बहुत कुछ हो सकता है. न्यायालय ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस मुलाकात से सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे.

इसके अलावा कोर्ट ने दंपति से अतीत को भूल भविष्य के बारे में सोचने को कहा. जस्टिल ने कहा अतीत को एक कड़वी गोली की तरह निगलने और भविष्य के बारे में सोचें. अब इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार 27 मई को होगी. न्यायालय ने कहा, याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि महिला को उसके नाबालिग बच्चे के साथ यात्रा की अनुमति देने के लिए की गई प्रार्थना पर, हमने दोनों पक्षों को एक-दूसरे से बातचीत करने और कल अदालत में लौटने का निर्देश दिया है.

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