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Operation Sindoor: 'दुश्‍मन का दिमाग पढ़ने' के लिए पहली बार भारतीय सेना ने अपनाया रेड टीमिंग कॉन्सेप्ट, क्‍या है यह?

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पहली बार भारतीय सेना ने ‘रेड टीमिंग’ यानी दुश्मन की मानसिकता को समझकर उसके संभावित जवाब की पूर्व-कल्‍पना कर रणनीति बनाई. इस तकनीक को ‘विदुर वक्ता’ नाम दिया गया है, जो महाभारत के महामंत्री विदुर से प्रेरित है. पांच वरिष्ठ अधिकारियों की विशेष टीम ने इस ऑपरेशन की योजना को चुनौती दी, और इसकी रणनीति को हर कोण से कसौटी पर परखा.

Operation Sindoor: दुश्‍मन का दिमाग पढ़ने के लिए पहली बार भारतीय सेना ने अपनाया रेड टीमिंग कॉन्सेप्ट, क्‍या है यह?
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 27 May 2025 8:57 AM

भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर की गई ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के पीछे एक बेहद गोपनीय और चौंकाने वाला रणनीतिक प्रयोग सामने आया है. भारतीय सेना ने पहली बार "रेड टीमिंग" कॉन्सेप्ट को वास्तविक ऑपरेशन में उतारा है. इसका उद्देश्य था दुश्मन की मानसिकता, प्रतिक्रियाएं और रणनीति को पहले ही समझकर, अपनी योजना को उन्हीं नजरों से कसना और हर कमजोर कड़ी को पहचानकर उसे दुरुस्त करना.

क्या है रेड टीमिंग?

रेड टीमिंग एक वैश्विक सैन्य रणनीति है, जो शीत युद्ध के दौरान सोवियत रणनीतियों को समझने के लिए पश्चिमी देशों ने विकसित की थी. इसमें कुछ विशेषज्ञों की टीम दुश्मन की भूमिका निभाती है. ये टीम अपनी ही सेना की योजना को चुनौती देती है, दुश्मन के नजरिए से सोचती है और बताती है कि यदि आप ये कदम उठाते हैं तो सामने वाला किस तरह से प्रतिक्रिया देगा.

भारतीय रंग में ढली युद्ध नीति

भारतीय सेना ने इस कॉन्सेप्ट को स्वदेशी सोच से जोड़ते हुए इसे नाम दिया ‘विदुर वक्ता’, जो महाभारत के उस सलाहकार विदुर से प्रेरित है जो पांडवों को गुप्त और रणनीतिक सलाह दिया करते थे. इस ‘विदुर वक्ता टीम’ में पांच वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे, जिन्हें देश के अलग-अलग सैन्य कमांड्स से चुना गया. उन्होंने दुश्मन के नजरिए से ऑपरेशन सिंदूर की योजना को देखा और बताया कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई किस तरह की जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं.

रेड टीम बनाम REDFOR

भारत में पहले से REDFOR यूनिट मौजूद है जो कि आर्मी के ट्रेनिंग कमांड ARTRAC, शिमला के तहत काम करती है. ये वॉर गेम्स और पेपर प्लानिंग पर आधारित होती है. लेकिन REDFOR सिर्फ अभ्यास तक सीमित रहता है, जबकि रेड टीमिंग एक लाइव ऑपरेशन को चुनौती देती है, और ऑपरेशन में हर कदम पर दुश्मन के संभावित सोच और प्रतिक्रिया का आकलन करती है.

पृष्ठभूमि और भविष्य की योजना

यह रणनीति अक्टूबर 2024 की आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के बाद मूर्त रूप में आई. इसके बाद 15 अधिकारियों को रेड टीमिंग की विशेष ट्रेनिंग दी गई और इसे विभिन्न स्तरों पर परीक्षण किया गया. अब सेना अगले दो वर्षों में ‘विदुर वक्ता’ कार्यक्रम को और विस्तार देने जा रही है ताकि विदेशी विशेषज्ञों पर निर्भरता कम की जा सके और देश के भीतर ही ऐसी रणनीतिक विशेषज्ञता विकसित हो सके.

इस रणनीति का महत्व

  • रणनीतिक बढ़त: भारत ने दुश्मन की सोच को पहले ही पढ़कर उसे चौंका दिया
  • गोपनीयता और तैयारी: रेड टीमिंग ने ऑपरेशन की तैयारियों को दुश्मन के हर संभावित जवाब से बेहतर बनाया
  • नई सैन्य सोच: यह भारत की सैन्य सोच में एक बड़ा बदलाव है जो सिर्फ रिएक्टिव नहीं बल्कि प्रो-एक्टिव भी है

‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई नहीं था, यह एक रणनीतिक क्रांति थी जिसमें भारत ने पहली बार दुश्मन को उसके ही खेल में मात दी. ‘विदुर वक्ता’ जैसी पहल आने वाले समय में भारतीय सेना को न सिर्फ सीमाओं पर, बल्कि दिमागी जंग में भी अजेय बना सकती है.

ऑपरेशन सिंदूर
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