बदलापुर का 'बदला' पूरा: एनकाउंटर में अक्षय शिंदे ढेर, क्यों मचा सियासी बवाल?

महाराष्ट्र में बदलापुर में पिछले महीने हुए यौन उत्पीड़न मामले में मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे की 23 सितंबर को पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई है. इस एनकाउंटर के दौरान एक पुलिस इंस्पेक्टर भी घायल हो गया जिस पर अब राजनीति शुरू हो गई है. विपक्षी दलों ने इसे "फर्जी मुठभेड़" बताते हुए न्यायिक जांच की मांग की है. आइए जानते हैं पूरा मामला.;

Akshay Shinde Pic Credit- Social Media
By :  प्रिया पांडे
Updated On : 24 Sept 2024 3:59 PM IST

Badlapur Encounter: महाराष्ट्र के बदलापुर में पिछले महीने दो 4 साल की लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोपी अक्षय शिंदे को 23 सितंबर को पुलिस एनकाउंटर में मार दिया गया. इस घटना में एक पुलिस इंस्पेक्टर घायल हो गया, जिसके बाद सरकार और विपक्ष के बीच बहस छिड़ गया है. प्रशासन ने इस एनकाउंटर को "आत्मरक्षा" का मामला बताया, जबकि विपक्ष ने इसे "फर्जी मुठभेड़" करार देते हुए न्यायिक जांच की मांग की है.

यह घटना तब हुई जब 23 वर्षीय अक्षय को उसकी पूर्व पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए नए मामले की जांच के लिए तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था. एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, उसकी पूर्व पत्नी ने उस पर दुर्व्यवहार और बलात्कार का आरोप लगाया था. इसी दौरान, पुलिस कस्टडी के दौरान अक्षय ने कथित तौर पर सहायक पुलिस इंस्पेक्टर नीलेश मोरे की सर्विस गन छीन ली और तीन राउंड फायर किए. मोरे को पैर में गोली लगी, जिसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में अक्षय पर गोली चलाई, जिससे उसकी मौत हो गई.

परिवार का आरोप: पुलिस और स्कूल की साजिश

अक्षय के परिवार ने पुलिस और स्कूल प्रशासन पर साजिश रचने का आरोप लगाया है. आरोपी के पिता अन्ना शिंदे ने अपने बेटे की हत्या की जांच की मांग की. अक्षय की मां ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके बेटे को जानबूझकर मारा गया और स्कूल प्रबंधन की भी जांच होनी चाहिए. उनका दावा है कि अक्षय किसी भी तरह से इतना साहसी नहीं था कि पुलिस पर गोली चला सके.

राजनीतिक विवाद और विपक्ष की प्रतिक्रिया

इस एनकाउंटर ने राजनीतिक माहौल को भी गरमा दिया है. विपक्षी दलों ने इसे "फर्जी मुठभेड़" बताते हुए न्यायिक जांच की मांग की है. कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए इसे संदेहास्पद करार दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्षी नेता शरद पवार ने इसे सरकार की कमजोरी बताते हुए गृह विभाग की लापरवाही पर सवाल उठाए.

आत्मरक्षा में हुई कार्रवाई

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस का समर्थन किया है, इसे आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई बताया है. मुख्यमंत्री ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि पहले ये दल अक्षय को फांसी देने की मांग कर रहे थे, और अब उसकी मुठभेड़ पर सवाल उठा रहे हैं.

SIT का गठन

ठाणे पुलिस ने घटना की जांच के लिए आठ सदस्यीय समिति गठित की है. इसके साथ ही, यौन उत्पीड़न मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का भी गठन किया गया है, जो स्कूल की भूमिका और अन्य पहलुओं की जांच करेगा.

बदलापुर यौन उत्पीड़न मामला

यह मामला तब सामने आया जब अक्षय पर दो नाबालिग बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा. इस घटना ने लोगों में गुस्से को बढ़ाया, जिससे कई लोगों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया. अदालत और पुलिस पर मामले की जांच में ढिलाई का भी आरोप लगा है.

Similar News