आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू, SIR पर घमासान तय; सरकार–विपक्ष में होगा टकराव, जानें कौन-कौन से बिल होंगे पास

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है और शुरुआत से ही हंगामे के संकेत मिल रहे हैं. विपक्ष ने SIR को “लोकतंत्र पर हमला” बताते हुए इस पर तत्काल चर्चा की मांग की है, जबकि सरकार सत्र को सुचारू चलाने की अपील कर रही है. INDIA गठबंधन आज रणनीति तय करेगा, वहीं कई बड़े आर्थिक बिल भी पेश होने हैं. दिल्ली ब्लास्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी संसद में जोरदार टकराव देखने को मिल सकता है.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 1 Dec 2025 7:57 AM IST

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है, लेकिन कार्यवाही के शुरू होने से पहले ही माहौल गर्म हो चुका है. SIR (Special Intensive Revision) को लेकर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और साफ कहा है. अगर चर्चा नहीं हुई तो सत्र चलने नहीं देंगे. दूसरी ओर सरकार सत्र को सुचारू रखने के लिए बातचीत का हवाला दे रही है, लेकिन राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ रहा है.

कांग्रेस, तृणमूल, समाजवादी पार्टी और INDIA गठबंधन के कई दलों ने SIR को “लोकतंत्र पर हमला” बताते हुए संसद में जमकर घेरने की तैयारी कर ली है. वहीं, केंद्र सरकार विपक्ष को “ठंडे दिमाग” से काम लेने की नसीहत दे रही है. इस भिड़ंत के बीच कई बड़े आर्थिक बिल भी पेश होने हैं, लेकिन संसद चलेगी या नहीं यह सवाल सबसे बड़ा बना हुआ है.

कौन-कौन से बिल होंगे पेश

शीतकालीन सत्र में सरकार बीमा कानून संशोधन, तंबाकू-उपकर, उत्पाद शुल्क बिल, प्रतिभूति बाजार संहिता, जन विश्वास विधेयक, IBC संशोधन सहित नौ बड़े आर्थिक बिल लाने जा रही है. सबसे विवादित है- बीमा क्षेत्र में FDI को 74% से बढ़ाकर 100% करने का प्रस्ताव, जिस पर विपक्ष तीखा हमला बोल सकता है.

  1. बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025: बीमा सेक्टर में FDI सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने का प्रस्ताव, नई पीढ़ी के वित्तीय सुधारों का हिस्सा.
  2. केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025: तंबाकू उत्पादों पर नए उत्पाद शुल्क लगाने का प्रावधान, GST क्षतिपूर्ति उपकर के बदले नई व्यवस्था.
  3. स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025: पान मसाला, सुपारी आदि पर लगने वाले मुआवजा उपकर की जगह नया उपकर, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य खर्च के लिए फंड जुटाने का उद्देश्य.
  4. प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक, 2025: एक एकीकृत सिक्योरिटी मार्केट कोड तैयार करने का प्रस्ताव, निवेशकों के लिए नियम सरल और स्पष्ट होंगे.
  5. जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025: 2023 में पेश किए गए बिल का अपडेटेड संस्करण, पुराने कानूनों में डिक्रीमिनलाइज़ेशन और सुधार का प्रस्ताव.
  6. दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक, 2025 (IBC Amendment): दिवाला समाधान प्रक्रिया को और तेज़ और प्रभावी बनाने की दिशा में संशोधन.
  7. मणिपुर GST (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025: मणिपुर में GST संरचना के तकनीकी अपडेट और सुधार से जुड़ा संशोधन.
  8. राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) विधेयक, 2025: नेशनल हाईवे प्रबंधन, विस्तार और निर्माण से जुड़े कानूनी प्रावधानों में सुधार.
  9. कॉर्पोरेट कानून (संशोधन) विधेयक, 2025: कॉर्पोरेट गवर्नेंस को मजबूत करने, कंपनियों पर अनुपालन बोझ कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने का प्रस्ताव.

SIR को लेकर हंगामे के संकेत, विपक्ष हमलावर

सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने एक सुर में कहा कि SIR की प्रक्रिया मतदाता सूची को प्रभावित कर रही है और इस पर तुरंत चर्चा जरूरी है. कई दलों ने SIR को “बैकडोर NRC” करार दिया और कहा कि हजारों मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं. विपक्ष के तेवर देखते हुए सत्र की शुरुआत से ही गतिरोध तय मानी जा रही है.

ठंडे दिमाग से सत्र चलने दें: सरकार

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों को गोलमोल करते हुए कहा कि “यह शीतकालीन सत्र है, सबको ठंडे दिमाग से काम करना चाहिए.” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है और सत्र को व्यवस्थित ढंग से चलाना चाहती है.

INDIA गठबंधन आज बनाएगा रणनीति

सत्र शुरू होने से ठीक पहले INDIA गठबंधन के फ्लोर लीडर्स की बैठक होगी, जिसमें तय होगा कि विपक्ष किस मुद्दे पर कितना आक्रामक होगा. कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि SIR में BLO की मौतें हो रही हैं और चुनाव आयोग “एजेंट” की तरह काम कर रहा है. वहीं इमरान मसूद ने पूछा, “46 लाख लोग वोटर लिस्ट से कैसे गायब हो गए?”

लोकतंत्र खत्म कर दिया गया: कांग्रेस

कांग्रेस नेता उदित राज ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सत्र छोटे किए जा रहे हैं ताकि चर्चा न हो पाए. उन्होंने कहा कि “सबसे बड़ा संकट SIR है,” और सरकार इस मुद्दे को दबाने की कोशिश कर रही है. विपक्ष का आरोप है कि इस तरह चुनावों की पारदर्शिता खत्म हो रही है.

सुरक्षा, महंगाई, प्रदूषण और विस्फोट, इन मुद्दों पर भी होगी टक्कर

विपक्ष सिर्फ SIR ही नहीं, बल्कि दिल्ली ब्लास्ट, नेशनल सिक्योरिटी, वायु प्रदूषण, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी सरकार को घेरने की तैयारी में है. सर्वदलीय बैठक में 36 दलों ने हिस्सा लिया और अधिकांश ने कहा कि यह सत्र बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि देश चुनौतियों के दौर से गुजर रहा है.

EC पर दबाव, लोगों का हक छीना जा रहा है: विपक्ष

कई दलों ने कहा कि SIR प्रक्रिया में गरीबों, प्रवासियों, महिलाओं और कमजोर समुदायों के वोटर कार्ड हटाए जा रहे हैं. TMC और SP ने कहा कि यह सीधा-सीधा लोकतांत्रिक अधिकारों में दखल है और इसे संसद के भीतर मुद्दा नंबर-1 बनाया जाएगा.

क्या संसद चलेगी या पूरा सत्र SIR पर अटक जाएगा?

सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा, लेकिन पहले ही दिन से घमासान तय है. क्या सरकार चर्चा के लिए तैयार होगी? क्या विपक्ष लगातार विरोध करेगा? क्या नौ महत्वपूर्ण आर्थिक बिल अटक जाएंगे? यह सत्र सिर्फ विधायी प्रक्रिया नहीं बल्कि सरकार बनाम विपक्ष की प्रतिष्ठा का सवाल भी बन चुका है.

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