Online Gaming Act 2025 क्या है? रियल मनी गेमिंग पर लग सकता है बैन, 10 अहम बातें

केंद्र सरकार ने 'Promotion and Regulation of Online Gaming Act, 2025' के तहत भारत में रियल मनी ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा है. इस पर अमल के लिए सरकार ने ऑनलाइन मनी गेम्स के नियमों को और सख्त करने की योजना बनाई है. प्रस्तावित नियमों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति या कंपनी इन नियमों का उल्लंघन करती है तो यह गैर-जमानती अपराध माना जाएगा.;

( Image Source:  Sora AI )

Online Gaming Law 2025: केंद्र सरकार नए ऑनलाइन गेमिंग कानून को सख्ती से लागू करने को लेकर एक्शन मोड में दिखाई दे रही है. सरकार ने पैसे आधारित ऑनलाइन गेमिंग नियमों के उल्लंघन को गैर-जमानती अपराध बनाने और उल्लंघन में मदद करने के लिए कंपनी के सभी कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराने का प्रस्ताव रखा है. फिलहाल, सरकार ने इस गेमिंग अधिनियम को लेकर लोगों से फीडबैक मांगे गए हैं. सरकार यह जानना चाहती है कि नए नियमों को लेकर देश के लोगों की राय क्या है?

केंद्र सरकार की ओर से 2 अक्टूबर को जारी ड्राफ्ट रूल्स के मुताबिक, किसी भी अधिकृत अधिकारी को किसी भी स्थान, चाहे वह भौतिक हो या डिजिटल, में एंट्री करने और ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन एवं विनियमन (पीआरओजी) अधिनियम 2025 के तहत किसी भी अपराधी या संदिग्ध व्यक्ति की बिना वारंट के तलाशी लेने और गिरफ्तार करने इजाजत होगी.

ऑनलाइन गेमिंग कानून में सरकार ने प्रस्ताव किया गया है, "भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में निहित प्रावधानों के बावजूद, धारा पांच और धारा सात के तहत अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे. मसौदा नियमों के तहत धारा पांच संस्थाओं को ऑनलाइन मनी गेम्स और ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं की पेशकश, सहायता, प्रोत्साहन या उनमें शामिल होने से रोकती है.

ऑनलाइन गेमिंग कानून के प्रावधान

1. संसद द्वारा 21 अगस्त 2025 को पारित ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक 2025, नागरिकों को ऑनलाइन मनी गेम्स के खतरे से बचाने के साथ-साथ अन्य प्रकार के ऑनलाइन गेम्स को बढ़ावा देने और विनियमित करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम है.

2. यह कानून उन हंटिंग गेमिंग प्लेटफॉर्म की लत, वित्तीय बर्बादी और सामाजिक संकट को रोकने के लिए बनाया गया है जो त्वरित धन कमाने के भ्रामक वादों पर फलते-फूलते हैं. यह डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुरक्षित और रचनात्मक विकास की ओर ले जाते हुए परिवारों की सुरक्षा के सरकार के संकल्प को दर्शाता है.

3. केंद्र सरकार ने ऑनलाइन मनी गेमिंग नियमों के उल्लंघन को गैर-जमानती अपराध बनाने और इसमें शामिल पूरी कंपनी के स्टाफ को जिम्मेदार ठहराने का प्रस्ताव रखा है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस संबंध में गुरुवार को मसौदा नियम जारी कर दिए हैं.

4. गेमिंग नियमों को लेकर तय मसौदे के अनुसार किसी भी अधिकृत अधिकारी को भौतिक या डिजिटल स्थान पर प्रवेश करने, तलाशी लेने पर बिना वारंट के ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार होगा, जिस पर अपराध करने या गैरकानूनी गतिविधि में शामिल होने या प्रतिबंधित खेल को अंजाम देने की आशंका हो. नियमों में यह भी प्रावधान है कि कानून के तहत तलाशी और जांच करने वाले अधिकृत अधिकारियों को किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा मिलेगी. मंत्रालय ने मसौदा नियमों पर सुझाव और टिप्पणियां 31 अक्टूबर तक आमंत्रित की हैं.

5. इस अधिनियम के तहत रियल मनी ऑनलाइन गेम्स (Money-based games) पर दांव लगाने वाले गेम्स और नकद पुरस्कार वाले गेम्स आदि प्रतिबंधित किए जाएंगे.

6. केंद्र सरकार के इस कानून से Fantasy sports (जैसे Dream11) अब नकद स्वरूप में नहीं चला सकेंगे. Poker, Rummy जैसे कार्ड गेम्स यदि नकद दांव पर हों, बैन होंगे. अन्य ऑनलाइन गेम्स नकद लेन-देन वाले प्रतिबंधित माने जाएंगे, लेकिन purely “skill-based/non-monetary/ casual games, उन्हें नकद दांव नहीं हों, वे कानूनी दायरे में बने रह सकते हैं.

7. इस अधिनियम के तहत एक राष्ट्रीय ऑनलाइन गेमिंग आयोग बनाना प्रस्तावित है, जो लाइसेंस जारी करेगा, संचालन को नियंत्रित करेगा और उल्लंघन पर कार्रवाई करेगा. अब सभी प्लेटफॉर्म संचालकों के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है.

8. उपयोगकर्ता की पहचान (KYC), आयु सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है. आत्म-बहिष्कार, नित्य समय सीमाएं और जमा सीमा लागू हो सकती हैं. प्लेटफार्मों को उपयोगकर्ता को शिकायत निवारण (grievance redressal) सुविधा देनी होगी. डेटा सुरक्षा, धोखाधड़ी रोकथाम, धनशोधन नियंत्रण (anti-money laundering) प्रणाली को भी अनिवार्य कर दिए गए है.

9. बिना लाइसेंस संचालन करने वालों को भारी जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है. गलत विज्ञापन या प्रमोशन करने पर दंड (50 लाख रुपये तक) भी तय किया जा सकता है. उल्लंघन को गैर-बॉम्बे (non-bailable) बनाया जा सकता है.

10. बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों को प्रतिबंधित गेमिंग प्लेटफार्मों से जुड़े लेन-देन को मंजूरी नहीं होगी. यूजर जमा राशि अलग (segregated) खाते में रखने के लिए अलग से योजना बनाने होंगे. धनशोधन रोकने के लिए निगरानी एवं रिपोर्टिंग प्रणाली भी अनिवार्य कर दिए गए हैं.

नए नियम के फायदे

गैर-मूल्यांकन (non-monetary) गेम्स, सामाजिक गेम्स, शिक्षा आधारित गेम्स को बढ़ावा मिलेगा. Esports को कानूनी रूप से मान्यता मिलेगी और उनके विकास को समर्थन मिलेगा. गेमिंग प्लेटफार्म अपने व्यवसाय मॉडल को सदस्यता आदि मॉडल पर डेवलप कर सकते हैं. यूजर्स को वैकल्पिक मनोरंजन विकल्प, जागरूकता अभियान, वित्तीय शिक्षा आदि पर जोर देना होगा.कानून लागू होते ही इसकी समय-समय पर समीक्षा की जाएगी.

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