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कब-कब राहुल गांधी ने अपने बयानों से किया ब्लंडर, इस बार कहा - कारें बाइक से ज्यादा भारी क्यों होती हैं?

राहुल गांधी अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. कभी ‘आलू से सोना बनाने की मशीन’ तो कभी ‘भारत में जुपिटर से गैस का कनेक्शन’ को लेकर. अब उनका नया बयान – कारें बाइक से भारी क्यों होती हैं, पर अपना तर्क पेश कर खुद की बेइज्जती कराई है. उन्होंने ऐसा बयान दिया, जिससे उनकी सोशल मीडिया में किरकिरी हो रही है.

कब-कब राहुल गांधी ने अपने बयानों से किया ब्लंडर, इस बार कहा - कारें बाइक से ज्यादा भारी क्यों होती हैं?
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( Image Source:  Sora AI )

कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों दक्षिण अमेरिकी देशों के दौरे पर हैं. कोलंबिया के एक विश्वविद्यालय में उन्होंने एक अक्टूबर को स्पीच दिया. उनके स्पीच का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में वह वह छात्रों को डिसेंट्रलाइजेशन ऑफ पावर (सत्ता का विकेंद्रीकरण) समझा रहे थे. इसके लिए राहुल गांधी उदाहरण के रूप में बाइक और कार के इंजनों और वजन की तुलना कर छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन उनका यह उदाहरण सही नहीं बैठा. अब बीजेपी ने इसको लेकर कांग्रेस नेता की चुटकी ली और कहा कि हार्ले डेविडसन से लेकर टोयोटा तक के इंजीनियर उनके 'अद्भुत इंजीनियरिंग ज्ञान' को सुनकर अपनी छाती पीट रहे होंगे.

दरअसल, कोलंबिया के एनविगाडो स्थित ईआईए विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए गांधी ने बाइक और कार के वजन के अंतर को समझाते हुए सवाल किया - कारें बाइक से ज्यादा भारी क्यों होती हैं?

उन्होंने पूछा, 'अगर कार में एक यात्री चल रहा है, तो एक यात्री को ले जाने के लिए कार में 3,000 किलो मेटल की जरूरत होती है. एक मोटरसाइकिल में 100 किलो मेटल होता है और वह दो यात्रियों को ले जा सकती है. तो फिर एक मोटरसाइकिल 150 किलो मेटल के साथ दो यात्रियों को क्यों ले जा सकती है और एक कार को एक यात्री को ले जाने के लिए 3,000 किलो मेटल की जरूरत क्यों होती है?'

सेमिनार में शामिल लोगों में से किसी ने राहुल गांधी के इस सवाल का जवाब देने की कोशिश की, जिस पर कांग्रेस नेता ने कहा, 'नहीं. मेरा सवाल यह है कि कार में ऐसा क्या है कि 3,000 किलो मेटल की जरूरत पड़ती है? इसका जवाब है इंजन. क्योंकि दुर्घटना के समय कार का इंजन टक्कर लगने पर आपकी जान ले लेता है. वहीं, मोटरसाइकिल हल्की होती है. दुर्घटना के समय टक्कर लगने पर उसका इंजन अलग हो जाता है. है ना?'

उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर इस पर खूब मीम्स और चुटकुले बन रहे हैं. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'हार्ले डेविडसन से लेकर टोयोटा तक और वोक्सवैगन से लेकर फोर्ड तक, मैकेनिकल इंजीनियर राहुल गांधी के इस अद्भुत इंजीनियरिंग ज्ञान को सुनकर अपनी छाती पीट रहे होंगे. जिस किसी को भी उनके ज्ञान पर संदेह था, यह सुनने के बाद वह मिट गया होगा.' उन्होंने कहा कि मुझे अचरज होता है कि विदेशी विश्वविद्यालयों द्वारा राहुल गांधी को ही लेक्चर देने के लिए क्यों आमंत्रित किया जाता है?'

राहुल गांधी का कार-बाइक वाला बयान सामने आते ही ट्विटर और फेसबुक पर मीम्स की बाढ़ आ गई. कई यूजर्स ने तंज कसा कि "राहुल जी को विज्ञान का नया पीएचडी दे देना चाहिए."

राहुल गांधी के विवादित बयान

1. 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान? कोलार (Karnataka) में आयोजित एक रैली में उन्होंने कहा था कि 'सारे चोरों का आम तौर पर एक ही सरनेम होता है 'मोदी.' यानी वो आरोप लगा रहे थे कि मोदी नाम वाले लोग भ्रष्टाचार के मामलों से जुड़े हैं.

2. जुलाई 2016 को दिल्ली में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार सैनिकों के बलिदानों के पीछे 'खून की दलाली' कर रही है. अर्थात, सैनिकों की शहादत का राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है.

3. साल 2020 में झारखंड चुनाव रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि सरकार का Make in India अभियान है, लेकिन असलियत में 'Rape in India' की घटनाएं बहुत हो रही हैं. यानी उन्होंने यह कहा कि जहां विकास की बातें हो रही हैं, वहीं महिला-सुरक्षा व बलात्कार की घटनाएं आम हो गई है.

4. साल 2024-25 के दौरान लोकसभा के भाषण में उन्होंने कहा, 'जो खुद को हिंदू कहते हैं, वो दिनभर हिंसा और नफरत फैलाते हैं, आप हिंदू हो ही नहीं'. इस बयान से हिंदू समुदाय में भारी प्रतिक्रिया हुई, विरोधियों ने कहा कि ये धर्म-भावना को चोट पहुंचाती है, सामाजिक एकता को प्रभावित कर सकती है.

5. 2025 में दिल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी लड़ाई भारतीय राज्य के खिलाफ भी है. यानी कि सिर्फ सरकार या पार्टी नहीं, बल्कि राज्य अपनी नीतियों से भी.

6. राहुल गांधी ने 2018 में कहा था कि 'आलू से सोना बनाने की मशीन बनाऊँगा'. साल 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने कहा "भारत में जुपिटर से गैस का कनेक्शन है." नोटबंदी को उन्होंने ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहा था. एक बार उन्होंने कहा था 'भारत दो भागों में बंटा हुआ है, एक मेड इन सिलिकॉन वैली और दूसरा मेड इन सड़क.'

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