सॉल्ट पैन के बीच बना था ‘मौत का अड्डा’ , बेसमेंट बना गैस चैंबर- वेंटिलेशन तक नहीं; गोवा के नाइटक्लब में यूं ही नहीं लगी थी आग

गोवा के अरपोरा इलाके में स्थित Birch by Romeo Lane नाइटक्लब में शनिवार रात भीषण आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई. जांच में सामने आया कि यह क्लब एक सॉल्ट पैन (नमक के दलदल) के बीच बिना पर्याप्त सुरक्षा इंतजामों के बनाया गया था। बेसमेंट में वेंटिलेशन की व्यवस्था नहीं थी, एक निकास द्वार स्थायी रूप से बंद था, जबकि पहले फ्लोर पर भी केवल एक ही एग्जिट चालू था. संकरी गलियों और सीमित रास्तों के कारण राहत एवं बचाव कार्य में भारी बाधा आई। अब क्लब के निर्माण, सेफ्टी क्लियरेंस और संचालन को लेकर कानूनी जांच शुरू कर दी गई है.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 8 Dec 2025 9:39 AM IST

Goa Fire Tragedy: गोवा के अरपोरा इलाके में स्थित Birch by Romeo Lane नाइटक्लब में शनिवार देर रात लगी भीषण आग ने 25 लोगों की जान ले ली. हादसे के बाद अब क्लब के निर्माण, उसकी लोकेशन और सुरक्षा इंतजामों को लेकर चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं. यह नाइटक्लब, जिसे ‘गोवा का पहला आइलैंड क्लब’ बताकर प्रचारित किया गया था, वास्तव में एक नमक के दलदल (सॉल्ट पैन) के बीच बनाया गया था, जहां पहुंचना ही अपने आप में बड़ी चुनौती है. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से चारों को 6 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है. 

यह नाइटक्लब राजधानी पणजी से करीब 16 किलोमीटर दूर एक ऐसे इलाके में स्थित है, जहां चारों ओर पानी भरा रहता है. क्लब का मुख्य गेट सड़क से करीब 50 मीटर भीतर है और वहां तक पहुंचने के लिए केवल एक संकीर्ण रास्ता ही इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि क्लब के पास दो प्रवेश मार्ग बताए गए हैं, लेकिन सामान्य स्थिति में सिर्फ एक बेहद तंग लेन ही चालू रहती है, जिससे आपातकालीन स्थिति में राहत कार्य बेहद मुश्किल हो गया.

बेसमेंट बना ‘मौत का जाल’, न हवा का रास्ता, न निकासी की सुविधा

क्लब के बेसमेंट की स्थिति बेहद खतरनाक बताई जा रही है. यहां मोटी कंक्रीट की दीवारों से घिरा ढांचा बनाया गया था, जिसमें रसोई, स्टाफ चेंजिंग रूम और बार काउंटर मौजूद थे. इस बेसमेंट में एक निकासी द्वार स्थायी रूप से बंद था, जबकि बाकी तक पहुंचने के लिए केवल दो संकीर्ण सीढ़ियां थीं.

सबसे चिंताजनक बात यह है कि बेसमेंट में पर्याप्त वेंटिलेशन की कोई व्यवस्था नहीं थी, जबकि वहां बड़ी संख्या में किचन स्टाफ मौजूद रहता था. आग लगने के बाद जब राहत और बचाव दल मौके पर पहुंचे, तो उन्हें बेसमेंट तक पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. संकरी सीढ़ियों और रास्तों के कारण कई लोगों को समय पर बाहर निकालना संभव नहीं हो सका.

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पहला फ्लोर भी बना खतरे की जगह

क्लब का पहला फ्लोर लाइव परफॉर्मेंस और बड़े इवेंट्स के लिए इस्तेमाल किया जाता था. यह हिस्सा मोटी कांच की दीवारों से पूरी तरह घिरा हुआ था, जिससे वेंटिलेशन लगभग ना के बराबर था. यहां भले ही दो निकास द्वार बने हुए थे, लेकिन घटना के वक्त इनमें से सिर्फ एक ही चालू था. यहां अक्सर 200 से ज्यादा लोग मौजूद रहते थे. खुले बैठने की व्यवस्था और तेज म्यूजिक के बीच आग जैसी आपात स्थिति में लोगों को बाहर निकलने का रास्ता बेहद सीमित हो गया.

फायर डिपार्टमेंट का खुलासा: तीन में से सिर्फ एक निकास द्वार चालू था

गोवा फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज के निदेशक नितिन रैकर ने बताया, “क्लब में कुल तीन निकास द्वार होने चाहिए थे, लेकिन राहत कार्य के दौरान केवल एक ही निकास द्वार खुला मिला. यही वजह रही कि बचाव कार्य में भारी रुकावट आई.”

दलदल के बीच बना क्लब, राहत कार्य में आई भारी बाधा

क्लब की लोकेशन भी इस त्रासदी को और भयावह बना गई. सॉल्ट पैन के बीच बने होने और सिर्फ एक पतले रास्ते से जुड़े होने के कारण दमकल गाड़ियां, एंबुलेंस और अन्य राहत वाहन मौके पर समय पर और पर्याप्त संख्या में नहीं पहुंच पाए. यही वजह रही कि आग तेजी से फैलती गई और जान-माल का नुकसान कई गुना बढ़ गया.

अब कानूनी शिकंजे में क्लब प्रबंधन

हादसे के बाद अब Birch by Romeo Lane क्लब के सुरक्षा मानकों, भवन डिजाइन और निर्माण की वैधानिक मंजूरी को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. प्रशासन ने क्लब के खिलाफ कानूनी जांच शुरू कर दी है, और यह भी जांच की जा रही है कि क्या इसे बिना पर्याप्त सेफ्टी क्लियरेंस के संचालित किया जा रहा था. 

गोवा पुलिस ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार

रेस्टोरेंट में लगी भीषण आग में 25 लोगों की मौत के मामले में गोवा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है. अंजुना पुलिस स्टेशन की टीम ने तीन जनरल मैनेजर और एक बार मैनेजर को हिरासत में लिया है. सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें छह दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है. गिरफ्तार आरोपियों में राजीव मोदक (चीफ जनरल मैनेजर), प्रियांशु ठाकुर (गेट मैनेजर), राजवीर सिंघानिया (बार मैनेजर) और विवेक सिंह (जनरल मैनेजर) शामिल हैं. पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और लापरवाही के एंगल से पूछताछ जारी है.

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