ईडी ने सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट मेंं क्यों दायर की चार्जशीट? जान लीजिए पूरा मामला

नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. इस चार्जशीट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को भी आरोपी बनाया गया है. यह कार्रवाई एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़े 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया के बाद की गई है.;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 15 April 2025 6:36 PM IST

National Herald Case: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने मंगलवार को कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया. यह चार्जशीट नेशनल हेराल्ड मामले में दाखिल की गई है. इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को भी आरोपी बनाया गया है. 

चार्जशीट विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष प्रस्तुत की गई है. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल 2025 को निर्धारित की है, जिसमें ED के विशेष वकील और जांच अधिकारी को केस डायरी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. 

संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई शुरू

इससे पहले, ईडी ने राहुल और सोनिया से जुड़ी कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई शुरू की थी.  इन संपत्तियों में दिल्ली, मुंबई और लखनऊ की प्रमुख संपत्तियां शामिल हैं. इसमें दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित प्रतिष्ठित हेराल्ड हाउस भी शामिल है. हेराल्ड के प्रकाशक एजेएल का स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है. सोनिया और राहुल की कंपनी में 38% हिस्सेदारी है.

ईडी के मुताबिक, यह कार्रवाई एजेएल मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच का हिस्सा है. यह प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 की धारा 8 और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (संपत्तियों को अटैच और फ्रीज करना) नियम 2013 के प्रावधानों के तहत किया गया है.

ईडी कार्यालय पहुंचे रॉबर्ट वाड्रा

इससे पहले आज, प्रियंका गांधी के पति व व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा हरियाणा के शिकोहपुर में एक जमीन सौदे से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में एजेंसी के समन पर ईडी कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और उस पर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया.  वाड्रा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने दावा किया कि सार्वजनिक मुद्दों पर बोलने के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.

यह मामला 2008 के एक भूमि सौदे से जुड़ा है, जिसमें वाड्रा की फर्म स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुड़गांव में करीब तीन एकड़ जमीन खरीदी थी, जिसे बाद में वाणिज्यिक विकास के लिए मंजूरी मिलने के बाद डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया गया था.

'जब मैं देश के पक्ष में बोलता हूं, तो मुझे रोक दिया जाता है'

वाड्रा ने कहा कि हमने ईडी से कहा कि हम अपने दस्तावेज जुटा रहे हैं. 23000 दस्तावेजों को जुटाना आसान नहीं है. मैं हमेशा यहां आने के लिए तैयार हूं. मामले में कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि जब मैं देश के पक्ष में बोलता हूं, तो मुझे रोक दिया जाता है. राहुल को भी संसद में बोलने से रोका जाता है. भाजपा ऐसा राजनीतिक प्रतिशोध के लिए कर रही है.

'लोग मुझे प्यार करते हैं'

वाड्रा ने कहा कि लोग मुझे प्यार करते हैं और चाहते हैं कि मैं राजनीति में शामिल हो जाऊं, लेकिन जब मैं राजनीति में शामिल होने की इच्छा व्यक्त करता हूं तो वे मुझे नीचा दिखाने और वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए पुराने मुद्दे उठाते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 20 साल में मुझे 15 बार बुलाया गया है और हर बार 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई है. 

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