मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी-स्टाइल’ मस्जिद को लेकर हाई अलर्ट, कोर्ट ने हस्तक्षेप से किया इनकार; TMC मनाएगी 6 दिसंबर को ‘समाहति दिवस’
मुर्शिदाबाद के बेलडांगा और रेजीनगर क्षेत्रों में 6 दिसंबर को निलंबित TMC विधायक हुमायूं कबीर द्वारा ‘बाबरी मस्जिद प्रतिकृति’ के भूमि-पूजन कार्यक्रम से पहले हाई अलर्ट जारी किया गया है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने कार्यक्रम पर रोक लगाने से इनकार करते हुए राज्य सरकार को कानून-व्यवस्था बनाए रखने का पूरा निर्देश दिया है. इलाके में RAF, BSF और 3,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जबकि कार्यक्रम में सऊदी काज़ियों सहित हजारों लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. उधर TMC इस दिन को “समाहति दिवस” के रूप में मनाएगी, जबकि वाममोर्चा इसे “ब्लैक डे” घोषित करेगा.;
मुर्शिदाबाद के बेलडांगा और रेजीनगर इलाके में सुरक्षा एजेंसियों ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है. निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा 6 दिसंबर को ‘बाबरी मस्जिद’ के लिए भूमि-पूजन करने के ऐलान के बाद प्रशासन ने किसी भी संभावित तनाव को रोकने के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था लागू की है. 6 दिसंबर की तारीख बाबरी विध्वंस की बरसी के कारण संवेदनशील मानी जाती है, ऐसे में राज्य और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां पूरी सतर्कता बरत रही हैं.
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कबीर द्वारा भूमि-पूजन रोकने की मांग को लेकर दायर याचिका पर शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने सुनवाई की, लेकिन अदालत ने कार्यक्रम पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल और न्यायमूर्ति पार्थसारथी सेन की खंडपीठ ने कहा कि फिलहाल न्यायालय हस्तक्षेप नहीं करेगा, पर राज्य सरकार को कानून व्यवस्था बनाए रखने की पूरी जिम्मेदारी निभानी होगी. अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार की अराजक स्थिति नहीं बननी चाहिए और केंद्र राज्य को हर संभव सहायता देगा.
पूरे इलाके के लिए विशेष सुरक्षा योजना लागू
राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि पूरे क्षेत्र के लिए विशेष सुरक्षा योजना लागू कर दी गई है. वहीं केंद्र सरकार ने सूचित किया कि अप्रैल में हुए साम्प्रदायिक दंगों के बाद से क्षेत्र में तैनात केंद्रीय सशस्त्र बलों की 19 कंपनियां अब भी मौजूद हैं और किसी भी अप्रिय स्थिति पर त्वरित एक्शन के लिए तैयार हैं.
6 दिसंबर को टीएमसी मनाएगी “समाहति दिवस”
इस बीच, टीएमसी ने खुद को हुमायूं कबीर के फैसले से सार्वजनिक रूप से अलग कर लिया है और पार्टी ने 6 दिसंबर को “समाहति दिवस” यानी एकता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है. राज्यभर में साम्प्रदायिक सौहार्द के संदेश के साथ रैलियाँ और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. सरकार ने इस दिन राज्य में सरकारी अवकाश भी घोषित किया है. वहीं वाममोर्चा बाबरी विध्वंस की याद में इसे “ब्लैक डे” के रूप में मनाएगा.
सुरक्षा के तहत पूरा इलाका हाई-सिक्योरिटी जोन में बदला
शनिवार को होने वाले कार्यक्रम में भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए रेजीनगर और बेलडांगा को ‘हाई सुरक्षा क्षेत्र’ घोषित किया गया है. पुलिस, RAF और BSF की अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं, वहीं कुल 3,000 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण की जिम्मेदारी दी गई है. नेशनल हाइवे-12 को खुला रखने के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है ताकि कार्यक्रम से ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित न हो.
कार्यक्रम में सऊदी धर्मगुरु होंगे शामिल, 40,000 बिरयानी पैकेट तैयार
हुमायूं कबीर ने दावा किया है कि कार्यक्रम में सऊदी अरब से दो इस्लामी काज़ी शामिल होंगे, जो शनिवार सुबह कोलकाता से विशेष काफिले के साथ पहुंचेंगे. कुल 400 विशेष अतिथियों के लिए मंच और बैठक व्यवस्था बनाई गई है, जबकि 40,000 लोगों के लिए बिरयानी पैकेट तैयार करने के लिए सात केटरिंग कंपनियां लगाई गई हैं. 20,000 स्थानीय लोगों के लिए भी भोजन की व्यवस्था की गई है. कार्यक्रम पर स्टेज निर्माण के लिए 10 लाख रुपये और भोजन के लिए 30 लाख रुपये का बजट तय बताया जा रहा है.
कबीर ने कहा है कि यह केवल मस्जिद निर्माण का कार्यक्रम नहीं बल्कि 125 करोड़ रुपये के एक बड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत है, जिसमें कॉलेज, अस्पताल और रेस्ट हाउस भी शामिल होंगे. उन्होंने 22 दिसंबर को नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करने की भी बात कही है.
6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में कानून-व्यवस्था के लिहाज से एक बड़ी परीक्षा मानी जा रही है. जहां राजनीतिक और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की आशंका है, वहीं प्रशासन का दावा है कि सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य है. अब नजर इस बात पर है कि मस्जिद भूमि-पूजन का कार्यक्रम शांति के बीच संपन्न होता है या हालात किसी नए तनाव की ओर बढ़ते हैं.