बार-बार चुनावों में हार के बाद होती है CWC की बैठक, किस नतीजे पर पहुंचते हैं खरगे- राहुल गांधी

महाराष्ट्र विधानसभा में हार के बाद कांग्रेस ने हार का ठीकरा एक बार फिर से ईवीएम पर फोड़ा था. इस बीच ईसीआई ने कांग्रेस को इस विषय पर विस्तार से बातचीत के लिए बैठक के लिए आमंत्रित किया है. आयोग की ओर से कांग्रेस को उनकी सभी आशंकाए दूर करने का भी आश्वासन दिया गया है.;

Edited By :  सार्थक अरोड़ा
Updated On : 30 Nov 2024 9:00 PM IST

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भले ही खत्म हो चुके हैं, लेकिन चुनाव के बाद भी शोरगुल अभी थमा नहीं. सत्ता पक्ष अभी भी राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा इसी कशमकश में जुटी हुई है. लेकिन इस बीच सत्ता पक्ष पर आरोप लगाने वाली विपक्ष ने अपनी हार स्वीकार की है. इसी क्रम में ईसीआई ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी को उनकी सभी वैलिड चिंताओं को रिव्यू करने का आश्वासन दिया.

वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ECI ने आगामी 3 दिसंबर को कांग्रेस डेलिगेशन को पत्र भेजकर मीटिंग के लिए भी आमंत्रित किया है. इस पत्र में ईसीाई ने कहा कि उन्होंने मतदान प्रक्रिया के हर चरण में उम्मीदवारों और उनके एजेंटों को शामिल करते हुए एक ट्रांसपेरंट प्रक्रिया का पालन किया है. दरअसल चुनाव के बाद इवीएम की प्रक्रिया पर विपक्ष ने एक बार फिर से सवाल उठाए थे. जिसे लेकर उन्होंने पार्टी की सभी आशंकाओं को दूर करने के लिए बैठक का आयोजन किया है.

राहुल गांधी ने की बैठक

वहीं CWC की बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी पहुंचे. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष से कहा कि खरगे चाबुक चलाईए. इस दौरान उन्होंने नेताओं को सख्ती से निर्देशों का पालन करने का भी निर्देश दिया और कहा कि पार्टी को पुराने इस बार के चुनाव से सफलता नहीं मिल सकी. राहुल गांधी ने कहा कि इस चुनाव में हमें करारी हार का सामना करना पड़ा है. यही हाल हरियाणा में भी देखने को मिला है.

लोकसभा में हमने अच्छा किया लेकिन विधानसभा में नहीं कर पाए: खरगे

इस बार भी विपक्ष ने अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर तो फोड़ा ही लेकिन इसके साथ-साथ इस हार को स्वीकार भी किया है. हाल ही में हुई CWC की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा था कि हमने लोकसभा चुनाव में तो अच्छा प्रदर्शन किया था. लेकिन विधानसभा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन चार राज्यों में हुए चुनाव में निराशाजनक रहा है.

बैठक में पार्टी की परफॉमेंस को लेकर उन्होंने ठोस कदम उठाने का भी फैसला लिया और इस पर सुधारात्मक कदम उठाने पर जोर दिया. पार्टी अध्यक्ष ने इस हार को स्वीकार करते हुए पॉजिटीव अंदाज के साथ कहा कि ये हार हमारे लिए एक संदेश है. इसलिए हमें इससे सीख लेनी चाहिए और अपनी कमियों को दूर करने पर फोकस रखना चाहिए. खरगे ने पार्टी के अंदर गुटबाजी को लेकर भी बयान दिया और कहा कि सबसे अहम बात मैं बार-बार कहता हूं कि एकता की कमी के कारण और एक दूसरे के खिलाफ बयान बाजी के कारण काफी नुकसान हुआ है.

एक होकर लड़ें चुनाव

उन्होंने कहा कि इसे हम एक होकर ही दूर कर सकते हैं. जब तक हम एक नहीं होंगे आपस में एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी के सिलसिले को खत्म नहीं करेंगे तब तक यह बंद नहीं होगा. इसी के साथ उन्होंने नेताओं से कहा कि इस तरह हम कैसे विरिधियों को मात दे पाएंगे? इसलिए सख्ती से नियम का पालन करना होगा. एकजुट होकर ही हमें रहना होगा. खरगे ने सख्त लहजे में कहा कि ये हम नहीं चाहते कि किसी को भी बंधन में डालकर रखा जाए. ये हार हम सब की हार है. पार्टी की ताकत से ही हमारी ताकत है.

हर चुनाव के बाद क्या निकलता है नतीजा?

चुनाव के दौरान विपक्ष अपनी जीत का दावा करती हैं. मतदान की प्रक्रिया नजदीक आती है और जनता अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट डालकर वापिस अपने घर लौट जाती है. लेकिन इस बीच अकसर सवाल वोटिंग प्रक्रिया से लेकर ईवीएम मशीन पर उठाया जाता है. नतीजा चाहे जो कुछ हो. जिसके पक्ष में फैसला उसके लिए ईवीएम काफी अच्छा और मतदान प्रक्रिया ठीक दिखाई देती है. लेकिन यदि फैसला उलट हो जाए तो हार का ठीकरा या तो ईवीएम या फिर सत्ता पक्ष पर थोप दिया जाता है. लेकिन सबसे ज्यादा नाम खराब किया जाता है तो वो है ईवीएम का. अकसर हार को लेकर विपक्ष पार्टी की खामियां ढूंढने के बजाए ईवीएम को खराब करार कर देती है.

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