Bengaluru: स्टार्टअप या स्किल की कमी! कंपनी ने मैसेज कर कर्मचारी को नौकरी से क्यों निकाला?
Bengaluru: बेंगलुरू में एक युवा सॉफ्टवेयर डेवलपर को 2.5 महीने बाद अचानक एक स्टार्टअप से निकाल दिया गया, क्योंकि उसे फुल-स्टैक जिम्मेदारियों का बोझ उठाना पड़ा. डेवलपर को नौकरी से निकाले जाने की खबर मैसेज के जरिए आई.
Bengaluru: आज किसी भी क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों को लेकर स्किल एक बड़ा चैलेंज बनता जा रहा है. ऐसे में लाजमी है कि कंपनी अपने प्रॉफिट और कर्माचारी की ओर से मिल रहे काम के आधार पर उनकी नौकरी तय करे. नौकरी जाने की ऐसी ही अनोखी खबर बेंगलुरु से आ रही है, जहां एक युवा सॉफ्टवेयर डेवलपर को मात्र 2.5 महीने बाद मैसेज कर नौकरी से निकाल दिया गया.
घटना स्टार्टअप वातावरण में काम करने के तरीकों के बारे में बढ़ती चिंताओं को दिखाता है. डेवलपर को फ्रंटएंड डेवलपर के रूप में काम पर रखा गया था, लेकिन जल्द ही उसे अप्रत्याशित फुल-स्टैक जिम्मेदारियां दी गई. उसके पास छह महीने का इंटर्नशिप अनुभव था.
कर्मचारी ने सुनाई नौकरी जाने की कहानी
Reddit के 'DevelopersIndia' कम्यूनिटी पर कर्मचारी ने अपना अनुभव शेयर किया. उन्होंने बताया कि पहले सप्ताह में मुझे एक प्रोजेक्ट सौंपा गया था, जिसमें 70% कार्य बैकएंड से संबंधित थे.' उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें बैकएंड डेवलपमेंट में कोई भी अनुभव नहीं था. सीखने की उनकी इच्छा के बावजूद काम करने का लोड लगातार बढ़ाया गया.
डेवलपर ने आगे बताया, 'मैंने कंपनी के मुताबिक प्रोजेक्ट के स्लैक चैनल में आने वाली हर समस्या के बारे में सीनियर से बात की. हालांकि, कभी-कभी जवाब मिलता था, लेकिन अक्सर चुपचाप छोड़ दिया जाता था. पुल रिक्वेस्ट रिव्यू 3-4 दिनों तक खींची गई, जिससे वर्कफ़्लो में रुकावट भी आई.'
मैसेज में आई नौकरी जाने की खबर
प्रेशर के बाद भी सब ठीक चल रहा था, लेकिन एक दिन बोर्ड के एक सदस्य की ओर से अचानक एक टेक्स्ट मैसेज आया. इसमें नौकरी से फायर करने की बात कही गई. कंपनी ने पहले से कोई वार्निंग नहीं दी थी, जिससे वह दूसरी नौकरी ढूंढ सके.
यूजर्स की प्रतिक्रिया
कर्माचारी के साथ हुई घटना पर यूजर्स अपना रिएक्शन भी दे रहे हैं. एक यूजर ने कहा, 'यह आपकी गलती नहीं थी. यह कंपनी के प्रबंधन पर एक खराब प्रतिबिंब है.' एक दूसरे यूजर ने कहा, 'स्टार्टअप अव्यवस्थित हो सकते हैं. हमेशा शामिल होने से पहले नौकरी की भूमिका स्पष्ट करें.' वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, 'दुर्भाग्य से कुछ स्टार्टअप लागत कम करने के लिए नए लोगों का शोषण करते हैं.'





