बस में शख्स सुन रहा था राहुल गांधी के खिलाफ डिबेट, सुक्खू सरकार ने बैठा दी जांच; अब लिया यू-टर्न
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार अभी तक तो गायब समोसे की जांच को लेकर सुर्खियों में थी, अब एक नए मामले को लेकर वह विवादों में पड़ गई है. यह मामला है एक बस में राहुल गांधी के खिलाफ डिबेट सुनने पर ड्राइवर और कंडक्टर के खिलाफ नोटिस जारी करने का... हालांकि, मामले को बढ़ता देख अब सरकार ने यू-टर्न ले लिया है.

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार राहुल गांधी के खिलाफ एक बस में डिबेट सुनने पर ड्राइवर और कंडक्टर के खिलाफ जांच बैठाने को लेकर बैकफुट पर आ गई है. अब ड्राइवर और कंडक्टर के खिलाफ जांच को बंद कर दिया गया है. इसे लेकर सुक्खू सरकार की काफी आलोचना हुई थी. बीजेपी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था.
दरअसल, मुख्यमंत्री कार्यालय में एक शिकायत के बाद हिमाचल रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (HRTC) की बस के ड्राइवर और कंडक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. उनके खिलाफ जांच के आदेश भी दिए गए थे. इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि बस में राहुल गांधी और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी वाली डिबेट चल रही थी.
'एक परिवार' को खुश करने की कोशिश कर रही सुक्खू सरकार
बीजेपी ने कहा कि सुक्खू सरकार आम जनता की कीमत पर 'एक परिवार' को खुश करने की कोशिश कर रही है. पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि गायब समोसे के मामले में जांच के आदेश देने के बाद सरकार ने अब HRTC की बस के ड्राइवर और कंडक्टर के खिलाफ एक गैर-मुद्दे पर जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि एचआरटीसी ने ड्राइवर और कंडक्टर से तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है. इस तरह की कार्रवाई केवल कांग्रेस सरकार में ही हो सकती है, जहां नेता राजनीतिक लाभ के लिए एक परिवार की आंख मूंदकर सेवा करते हैं. ऐसे मामलों के लिए आम कर्मचारियों को क्यों परेशान किया जाए.
HRTC ने बंद की जांच
जब मामले पर राजनीति गरमाने लगी तो HRTC ने शुक्रवार को जांच बंद कर दी. उसने कहा कि जिस शिकायत पर जांच का आदेश दिया गया था, वह निराधार है. एचआरटीसी ने शिकायत दर्ज करने वाले उस अधिकारी को एडवाइजरी जारी करने का भी फैसला किया है, जिसने ड्राइवर और कंडक्टर को नोटिस जारी कर उनसे अपनी स्थिति स्पष्ट करने या अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करने के लिए कहा था.
5 नवंबर को दर्ज कराई गई थी शिकायत
अधिकारियों के अनुसार, 1 नवंबर को ढली डिपो की एक बस शिमला -संजौली रूट पर चल रही थी. बस में एक पॉलिटिकल डिबेट से संबंधित ऑडियो क्लिप तेज आवाज में बजाई गई, जिसमें राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी और तेजस्वी यादव जैसे अन्य लोगों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई थी. सैमुअल प्रकाश नाम के एक व्यक्ति ने 5 नवंबर को इस संबंध में सीएम कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई. शिकायतकर्ता ने बस का नंबर, तारीख और समय तथा यात्रा का मार्ग बताया. सीएम कार्यालय ने शिकायत को आवश्यक कार्रवाई के लिए एचआरटीसी को भेज दिया.
25 नवबंर को जारी ड्राइवर कंडक्टर के खिलाफ जारी हुआ नोटिस
ढली के एक वरिष्ठ एचआरटीसी अधिकारी ने 25 नवंबर को बस ड्राइवर टेक राज और कंडक्टर शेष राम को नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा. नोटिस में कहा गया है कि सरकारी बसों में किसी राजनीतिक नेता को बदनाम करने वाला कोई भी ऑडियो चलाने की अनुमति नहीं है. इसमें आगे कहा गया है कि वे ऑडियो चलाने से रोकने या उस पर आपत्ति जताने में विफल रहे. इसलिए उन्हें स्पष्टीकरण देना होगा या अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना होगा. वहीं, ड्राइवर और कंडक्टर ने स्पष्टीकरण देते हुए दावा किया कि उनके या किसी यात्री द्वारा बस में ऐसा कोई ऑडियो नहीं चलाया गया.
अधिकारी के खिलाफ नोटिस जारी
एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि उन्होंने इस मामले को बंद कर दिया है. उन्हें इस मामले में सीएम ऑफिस से शिकायत मिली थी. मामला संज्ञान में आने के बाद उन्होंने तथ्यों की जांच की, जिसमें सामने आया कि ड्राइवक और कंडक्टर के खिलाफ शिकायत निराधार थी. बस में कोई टेप-रिकॉर्डर, रेडियो या म्यूजिक सिस्टम नहीं है, जिसमें इस तरह का ऑडियो चलाया जा सके. उस अधिकारी को नोटिस जारी किया गया है, जिसने ऐसी शिकायत की और चालक-कंडक्टर के खिलाफ नोटिस जारी किया.