'बंटेंगे तो कटेंगे' पर अपने ही क्यों देने लगे हिदायत? फडणवीस ने अजित पवार को दी यह सलाह

Batenge To Katenge: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में सीएम योगी का 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारा बड़ा मुद्दा बन गया है. कांग्रेस ही नहीं, बल्कि महायुति में शामिल नेताओं और खुद बीजेपी से ही ऐसी आवाजें उठ रही हैं कि यह नारा यहां नहीं चलेगा.;

( Image Source:  ANI )
Curated By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 15 Nov 2024 1:12 PM IST

Batenge To Katenge: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारा बड़ा मुद्दा बन गया है. कांग्रेस ही नहीं, महायुति में शामिल नेताओं और खुद बीजेपी से ही ऐसी आवाजें उठ रही हैं कि यह नारा महाराष्ट्र में नहीं चलेगा.आइए, इस पर विस्तार से पड़ताल करते हैं...

सीएम योगी के नारे 'बंटेंगे तो कटेंगे' को डिप्टी सीएम अजित पवार, अशोक चव्हाण और पंकजा मुंडे ने सिरे से खारिज कर दिया. उनका कहना है कि यह नारा यूपी और झारखंड में भले ही चलता हो, लेकिन महाराष्ट्र में काम नहीं करेगा. वहीं, बीजेपी चुनाव प्रचार के दौरान इस नारे का जमकर इस्तेमाल कर रही है.

अजित पवार ने जताया नारे पर ऐतराज

'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे पर ऐतराज जताने वाले नेताओं की लिस्ट में सबसे पहले बात करते हैं सूबे की डिप्टी सीएम अजित पवार की... जिन्होंने बीड में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए 9 नवंबर को कहा था कि यह नारा महाराष्ट्र में नहीं चलेगा. हम इस नारे का समर्थन नहीं करते हैं. महाराष्ट्र साधु और संतों की भूमि है. हम उन्हीं के बताए रास्तों पर चलेंगे.

देवेंद्र फडणवीस ने दी प्रतिक्रिया

अजित पवार के बयान पर बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अजित पवार दशकों तक ऐसी विचारधाराओं के साथ रहे, जो सेक्युलर और हिंदू विरोधी है. उन्हें जनता का मूड समझने में अभी थोड़ा समय लगेगा.

पंकजा मुंडे ने कहा- हम नारे का समर्थन नहीं कर सकते

इससे पहले, बीजेपी एमएलसी पंकजा मुंडे ने कहा कि था हमें ऐसे विषय महाराष्ट्र में नहीं लाने चाहिए. नेता को इस धरती पर रहने वाले हर व्यक्ति को अपना समझना चाहिए. योगी आदित्यनाथ ने ये बातें यूपी के विषय में कही थी, जहां की राजनीतिक परिस्थितियां अलग हैं. हम इस नारे का इस वजह से समर्थन नहीं कर सकते कि हम भी उसी दल से हैं.

अशोक चव्हाण ने क्या कहा? 

पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने भी 'बंटोगे तो कटोगे' नारे पर एतराज जताते हुए कहा कि इसे महाराष्ट्र की जनता पसंद नहीं करेगी. इसकी यहां कोई प्रासंगिकता नहीं है. बता दें कि चव्हाण और मुंडे नांदेड़ और बीड से आते हैं. यहां मुस्लिमों का आबादी करीब 40 फीसदी है. ये मुस्लिम पहले मराठा और ब्राह्मण थे. यही वजह है  कि हिंदू इन्हें अपने से अलग नहीं मानते हैं.

एक्सपर्ट का मानना है कि चव्हाण और मुंडे का नारे के विरोध में बोलना उनकी राजनीतिक मजबूरी है. नांदेड़ से अशोक चव्हाण की बेटी चुनाव लड़ रही हैं, जबकि बीड के परली से पंकजा मुंडे के चचेरे भाई धनंजय मुंडे चुनावी मैदान में हैं.

फडणवीस ने समझाया नारे का मतलब

देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि बंटोगे तो कटोगे नारा महाविकास आघाड़ी (MVA) के तुष्टिकरण की राजनीति का जवाब है. इन लोगों ने लोकसभा चुनाव के दौरान वोट जिहाद किया था. मस्जिदों पर पोस्टर लगाकर एक पार्टी विशेष को वोट देने की अपील की गई थी. उन्होंने कहा कि हमारे सहयोगी नारे का मतलब नहीं समझ पाए हैं. इसका मतलब है कि हमें एक साथ रहना है.

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