वेतन को तरसे जम्मू-कश्मीर के विधायक, सैलरी मिलने में कहां फंसा है पेंच?

जब नवंबर 2018 में तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य की विधानसभा भंग कर दी गई थी, तो विधायकों को प्रति वर्ष 3 करोड़ रुपये का सीडीएफ मिलता था, साथ ही 1.6 लाख रुपये मासिक भत्ते मिलते थे, जिसमें 80,000 रुपये का वेतन और समान भत्ते शामिल थे. सरकार वर्तमान में अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सीडीएफ दिशा-निर्देशों का अध्ययन कर रही है, जल्द ही एक आदेश आने की उम्मीद है.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 24 Dec 2024 6:19 PM IST

जम्मू कश्मीर में जब से सरकार बनी है तब से लेकर अभी तक विधायकों को पहली सैलरी मिलने का इंतजार है. अगस्त 2019 में आर्टिकल-370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर की जो शासन-व्यवस्था बदली है, उस वजह से कुछ तकनीकी पेच के चलते विधायक को वेतन नहीं मिला है.

सैलरी मिलने की देरी की जानकारी मिलने पर विधानसभा अध्यक्ष ने औपचारिक रूप से जम्मू-कश्मीर सरकार को पत्र लिखकर विधायकों के वेतन से संबंधित कानूनी प्रावधानों पर स्पष्टीकरण मांगा है. बताया जाता है कि स्पीकर का पत्र विधि, न्याय और संसदीय मामलों के विभाग के प्रशासनिक सचिव को भेजा गया है, जिसमें इस मुद्दे पर तत्काल स्पष्टता मांगी गई है.

एलजी से है डिसीजन की उम्मीद

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 31 के अनुसार, जब तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा इस मामले पर अपना कानून नहीं बना लेती, तब तक एलजी को विधायकों के वेतन का निर्धारण करेंगे. विधायकों के वेतन और भत्तों में बदलाव का प्रस्ताव देने का अधिकार विधानसभा के पास है.

आर्टिकल 370 से पहले कितना मिलता था भत्ता

जब नवंबर 2018 में तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य की विधानसभा भंग कर दी गई थी, तो विधायकों को प्रति वर्ष 3 करोड़ रुपये का सीडीएफ मिलता था, साथ ही 1.6 लाख रुपये मासिक भत्ते मिलते थे, जिसमें 80,000 रुपये का वेतन और समान भत्ते शामिल थे. सरकार वर्तमान में अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सीडीएफ दिशा-निर्देशों का अध्ययन कर रही है, जल्द ही एक आदेश आने की उम्मीद है. चूंकि विधायकों को पहले से ही सालाना 3 करोड़ रुपये का सीडीएफ मिलता है, इसलिए इसके समान रहने या बढ़ने की संभावना है.

विधायकों ने की शिकायत

विधायकों के वेतन और भत्ते 10 अक्टूबर से मिलने शुरू हो गए थे, जब चुनाव आयोग ने निर्वाचित सदस्यों के नाम अधिसूचित किए थे. हालांकि, कुछ विधायकों ने डीएच को बताया कि उन्हें अभी तक कोई वेतन या भत्ता नहीं मिला है. सरकार की ओर से इस बारे में कोई सूचना नहीं दी गई है. विधायकों ने कहा कि हमें 4-8 नवंबर तक आयोजित पांच दिवसीय सत्र के लिए यात्रा या बैठक भत्ता भी अभी तक नहीं मिला है.

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