वक्फ को लेकर कितना जलेगा बंगाल? हिंसा पर हाईकोर्ट का आया ये आदेश, बाप-बेटे समेत 3 की गई जान- Updates
Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ विवाद ने अब हिंसक और खूनी मोड़ ले लिया है. सुती, जंगीपुर, धुलियान, शमशेरगंज और जाफराबाद, ये इलाके अब उबाल पर हैं. सड़कों पर बवाल, पुलिस पर पथराव और अब दो लोगों की बेरहमी से हत्या की खबरे भी सामने आई है. यानी बंगाल से जलने की बू आ रही है.;
Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ विवाद ने अब हिंसक और खूनी मोड़ ले लिया है. सुती, जंगीपुर, धुलियान, शमशेरगंज और जाफराबाद, ये इलाके अब उबाल पर हैं. सड़कों पर बवाल, पुलिस पर पथराव और अब दो लोगों की बेरहमी से हत्या की खबरे भी सामने आई है. यानी बंगाल से जलने की बू आ रही है.
शनिवार को शमशेरगंज में उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक ही परिवार के दो सदस्यों हरगोविंद दास (74) और उनके बेटे चंदन दास (40) की लहूलुहान लाशें उनके घर से बरामद हुईं. वहीं पुलिस के मुताबिक तीन लोगों के मारे जाने की खबर है जिसके साथ ही 118 लोगों के हिरासत में लिए जाने की जानकारी भी बताई जा रही है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय बलों की तैनात किया जाए.
स्थानीयों के मुताबिक, हथियारबंद बदमाशों का एक गिरोह लूटपाट के इरादे से घर में घुसा और विरोध करने पर धारदार हथियारों से हमला कर दोनों की निर्मम हत्या कर दी. इलाके में चीख-पुकार मच गई लेकिन पुलिस मौके पर देर से पहुंची. परिजनों का आरोप है कि उन्होंने कई बार पुलिस को कॉल किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. घटना के बाद पूरे शमशेरगंज और आसपास के इलाकों में तनाव और आक्रोश का माहौल है. बड़ी संख्या में RAF और पुलिस बल तैनात किया गया है, लेकिन लोग सवाल पूछ रहे हैं. कानून कहां था जब मासूमों की जान ली जा रही थी?
इधर, सुती के साजुर चौराहे पर गोली से घायल हुए 21 साल के एजाज अहमद की भी मौत हो गई है. युवक का शव मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में रखा गया है. काशिमनगर के साजुर मोड़ इलाके में रहने वाले एजाज को कल प्रदर्शन के दौरान गोली लगी थी. मुर्शिदाबाद अब सुलग रहा है. हालात बेकाबू हैं और लोग डरे हुए हैं. सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रशासन सो रहा था? और सबसे बड़ा सवाल – क्या ये वक्फ का विवाद है या इसके पीछे कोई और साजिश?
इस वीडियो में कई सवाल?
BJP आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जोरदार हमला बोला है. अपने X (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में उन्होंने ममता पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा कि यह जनसांख्यिकीय आक्रमण है. ममता बनर्जी को जोगेंद्रनाथ मंडल से सीख लेनी चाहिए, जिन्होंने कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए पूर्वी पाकिस्तान का रुख किया था, लेकिन अंत में उन्हें ठुकरा दिया गया और गुमनामी में मौत हुई. ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल को दूसरा बांग्लादेश बनाना चाहती हैं. लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे.
इसके अलावा, एक अन्य पोस्ट में अमित मालवीय ने राज्य में जारी हिंसा को लेकर भी ममता सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि, 'पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर राज्य-प्रायोजित हिंदू विरोधी दंगे भड़कने के 24 घंटे से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन ममता बनर्जी ने अब तक केंद्रीय बलों की मांग नहीं की है. कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है और इस खूनखराबे, सार्वजनिक और निजी संपत्तियों की बर्बादी की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ ममता बनर्जी की है'
हिंसा पर क्या बोली बंगाल की मुख्यमंत्री?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा कि, 'सभी धर्मों के लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि कृपया शांत और संयमित रहें. धर्म के नाम पर किसी भी अधार्मिक व्यवहार में शामिल न हों. हर इंसान की जान कीमती है, राजनीति के लिए दंगे मत भड़काओ. जो लोग दंगा कर रहे हैं वे समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं. याद रखिए, हमने वह कानून नहीं बनाया है जिसे लेकर बहुत से लोग नाराज हैं. यह कानून केन्द्र सरकार द्वारा बनाया गया था. इसलिए जो जवाब आप चाहते हैं, वह केंद्र सरकार से मांगा जाना चाहिए. हमने इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है.
आगे लिखा कि, हम इस कानून का समर्थन नहीं करते हैं. यह कानून हमारे राज्य में लागू नहीं किया जाएगा. तो फिर दंगा किस बात पर है? यह भी याद रखें कि हम दंगे भड़काने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे. हम किसी भी हिंसक गतिविधि का समर्थन नहीं करते हैं. कुछ राजनीतिक दल राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं. उनके बहकावे में मत आइए. मेरा मानना है कि धर्म का अर्थ है मानवता, दया, सभ्यता और सद्भाव। सभी लोग शांति और सद्भाव बनाए रखें - यही मेरी अपील है'.