कलाई काटी, शरीर पर घाव... लेस्बियन रिश्ते में थी मां, बच्चे को लगी भनक तो उतारा मौत के घाट

इंसान अपने रिश्तों को छुपाने के लिए कुछ भी कर सकता है. यहां तक कि एक मां हत्यारन भी बन सकती है. हुगली से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक मां लेस्बियन रिश्ते में थी, जब इस बात का पता उसके बेटे को चला, तो उसने अपने ही बेटे की हत्या कर दी.;

( Image Source:  ca )
Edited By :  हेमा पंत
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कुछ अपराध इतने खौफनाक होते हैं कि समय बीत जाने के बाद भी उनकी परछाइयां मिटती नहीं हैं. महीनों, बल्कि सालों बाद भी वे ज़ख्म ताज़ा कर देते हैं और इंसान को सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि इंसानियत किस हद तक अंधेरे में डूब सकती है. पश्चिम बंगाल के हुगली ज़िले से जुड़ा एक मामला ऐसा ही है, जिसने समाज को अंदर तक हिला दिया.

जहां एक मां ने अपने बेटे को ही मौत के घाट उतार दिया. उसकी कलाई काटी, शरीर पर चाकू से कई वार किए. क्योंकि वह जान चुका था कि उसकी मां एक-दूसरी महिला के साथ रिश्ते में हैं. 

बेटे ने मां को लेस्बियन पार्टनर के साथ देखा 

फरवरी पिछले साल की एक रात कन्ननगर, हुगली की तंग गलियों में कोई नहीं जानता था कि एक घर के अंदर कैसी साजिश बुनी जा रही है. इस घर में आठ साल का मासूम श्रेयांशु शर्मा अपने ही घर में मौत का शिकार बनने वाला था. उसकी मां, शांता शर्मा और उसकी प्रेमिका इशरत परवीन उर्फ़ गुड्डी ने एक ऐसी साजिश रची, जिसने रिश्तों की सारी मर्यादाएं तोड़ दीं. पुलिस के मुताबिक, मासूम श्रेयांशु ने अपनी मां और उसकी प्रेमिका को एक ऐसी स्थिति में देख लिया था जिसे वे किसी कीमत पर सामने नहीं लाने देना चाहती थीं. डर और अपराधबोध ने उन्हें इतना अंधा बना दिया कि उन्होंने अपने ही बेटे को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया.

दोनों महिलाओं का शादी के बाद अफेयर

जांच में सामने आया कि शांता और इशरत कई सालों से एक-दूसरे के बेहद करीब थीं. शादी के बाद भी उनका रिश्ता जारी रहा. शांता की शादी 2012 में हुई थी और इशरत ने 2018 में ब्याह रचाया था. लेकिन कुछ ही महीनों बाद इशरत अपने पति का घर छोड़ आई. दोनों परिवारों को उनके नज़दीकी रिश्ते की भनक थी, मगर उन्होंने इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया. शांता का पति भी इस संबंध से वाकिफ़ था लेकिन उसने चुप्पी साध ली. लेकिन मासूम श्रेयांशु जब इस रहस्य को जान गया तो उसकी मासूमियत ही उसकी मौत की वजह बन गई. मां ने अपने बेटे को ही अपने "प्यार" की राह का रोड़ा मान लिया.

हत्या की क्रूर साजिश

पुलिस रिपोर्ट में दर्ज भयानक डिटेल आज भी रूह कंपा देते हैं. श्रेयांशु का शव जिस हाल में मिला, उसने पूरे इलाके को दहला दिया. उसके सिर पर चोट के गहरे निशान थे, कलाई की नसें काटी गई थीं और शरीर पर कई बार चाकू से वार किया गया था. उतरपाड़ा थाने में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीसीपी ने बताया कि"इकलौता गवाह घर का पालतू कुत्ता शैडो था. यही कुत्ता उन पलों में वहां मौजूद था जब मासूम की जिंदगी छीनी जा रही थी.

ऐसे खुला सच

इस जघन्य हत्या की गुत्थी सुलझाना आसान नहीं था. पुलिस ने फॉरेंसिक सबूत जुटाए, सीसीटीवी फुटेज खंगाले और मोबाइल टॉवर लोकेशन का विश्लेषण किया. धीरे-धीरे पूरी कहानी सामने आने लगी. सबूत साफ़-साफ़ इशारा कर रहे थे कि हत्या में मां और उसकी प्रेमिका दोनों शामिल थीं. पुलिस ने दावा किया कि दोनों महिलाएं पहले से लेस्बियन रिश्ते में थीं और डरती थीं कि श्रेयांशु उनकी इस सच्चाई को सभी को बता देंगा. इसी डर ने उन्हें हत्या जैसा जघन्य कदम उठाने पर मजबूर कर दिया.

गिरफ्तारी और समाज का सवाल

जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने शांता शर्मा और इशरत परवीन को गिरफ्तार कर लिया. यह खबर सामने आते ही पूरे हुगली जिले में सनसनी फैल गई. पड़ोसी और जान-पहचान वाले लोग हैरान थे कि एक मां इतनी निर्दयी कैसे हो सकती है कि अपने ही खून की बलि दे दे. यह केस सिर्फ एक हत्या की कहानी नहीं है, बल्कि यह समाज के सामने कई सवाल छोड़ जाता है. क्या रिश्तों का दबाव और सामाजिक भय इंसान को इतना अंधा कर सकता है कि वह अपने ही बच्चे की जान ले ले? और क्या ऐसे अपराध कभी माफ़ किए जा सकते हैं?

मासूमियत की कीमत

श्रेयांशु की मौत ने यह साबित कर दिया कि अपराध जब घर की चारदीवारी के भीतर होता है तो वह और भी डरावना हो जाता है. यह कहानी सिर्फ एक अपराध की नहीं, बल्कि रिश्तों की उस विफलता की है, जहां एक मां अपनी जिम्मेदारियों और संवेदनाओं को भूलकर अंधे प्यार की गिरफ्त में आ गई.

आज भी इस केस की चर्चा लोगों को सिहरन में डाल देती है. क्योंकि इस कहानी में सिर्फ एक मासूम का खून नहीं बहा, बल्कि मां और बेटे के रिश्ते की पवित्रता भी टूटकर बिखर गई.

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