अग्निवीरों के लिए खुशखबरी! BSF कॉन्स्टेबल भर्ती में मिलेगा 50% आरक्षण, गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला
सीमा सुरक्षा बल (BSF) में कांस्टेबल भर्ती को लेकर सरकार ने बड़ा बदलाव किया है. गृह मंत्रालय द्वारा जारी नई अधिसूचना के तहत अब हर भर्ती वर्ष में 50 प्रतिशत पद पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित रहेंगे. इसके साथ ही पूर्व सैनिकों को 10 प्रतिशत आरक्षण और कॉम्बैटाइज्ड कांस्टेबल (ट्रेड्समैन) के समायोजन का भी प्रावधान किया गया है. यह फैसला अग्निपथ योजना के तहत सेवा दे चुके युवाओं के लिए स्थायी करियर के नए अवसर खोलेगा और BSF को प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध कराएगा.;
अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं के मन में सबसे बड़ा सवाल हमेशा यही रहा है. चार साल की सेवा के बाद आगे क्या? अब इसी सवाल का जवाब सरकार ने एक बड़े फैसले के साथ दिया है. सीमा सुरक्षा बल में कांस्टेबल भर्ती से जुड़ा नया नोटिफिकेशन अग्निवीरों के लिए न सिर्फ राहत है, बल्कि एक स्थायी भविष्य का भरोसा भी देता है.
देश की सीमाओं की सुरक्षा करने वाले बल में अब वे युवा भी बड़ी संख्या में शामिल हो सकेंगे, जिन्होंने अग्निवीर के तौर पर पहले ही अनुशासन, प्रशिक्षण और सेवा का अनुभव हासिल किया है. यह बदलाव केवल भर्ती नियमों का नहीं, बल्कि सुरक्षा बलों की सोच और रणनीति में आए बदलाव का संकेत भी है.
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अग्निवीरों के लिए बड़ा ऐलान
Border Security Force में कांस्टेबल भर्ती को लेकर सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है. अब BSF में हर साल होने वाली सीधी कांस्टेबल भर्ती में 50 प्रतिशत पद पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित रहेंगे. यह फैसला हजारों युवाओं के लिए स्थायी सरकारी नौकरी का रास्ता खोलता है.
गृह मंत्रालय की अधिसूचना
इस बदलाव को लेकर Ministry of Home Affairs ने आधिकारिक अधिसूचना जारी की है, जिसे भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया जा चुका है. नोटिफिकेशन के अनुसार, यह नई व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू हो चुकी है और आने वाली सभी भर्तियों पर इसका असर दिखेगा.
कानून के तहत किया गया संशोधन
सरकार ने यह संशोधन Border Security Force Act, 1968 के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए किया है. नए नियमों को Border Security Force, General Duty Cadre (Non-Gazetted) Recruitment (Amendment) Rules, 2025 नाम दिया गया है, जो 18 दिसंबर 2025 से प्रभावी हैं.
पूर्व सैनिकों और ट्रेड्समैन को भी मौका
नए नियमों में केवल अग्निवीर ही नहीं, बल्कि पूर्व सैनिकों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण भी सुनिश्चित किया गया है. इसके अलावा करीब 3 प्रतिशत पद कॉम्बैटाइज्ड कांस्टेबल (ट्रेड्समैन) के समायोजन के लिए रखे गए हैं, ताकि अनुभवी कर्मियों को आगे बढ़ने का अवसर मिल सके.
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अग्निपथ योजना को मिलेगा बल
इस फैसले को Agnipath Scheme को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. सरकार का मानना है कि पहले से प्रशिक्षित, फिट और अनुशासित अग्निवीरों को सुरक्षा बलों में शामिल करने से बल की कार्यक्षमता और तैयारी दोनों मजबूत होंगी.
भर्ती प्रक्रिया होगी ज्यादा पारदर्शी
संशोधित नियमों से भर्ती व्यवस्था में स्पष्टता आएगी. अब अलग-अलग श्रेणियों के लिए आरक्षण तय होने से भ्रम और विवाद की गुंजाइश कम होगी. उम्मीदवारों को पहले से पता होगा कि उनके लिए कितने पद और किस प्रक्रिया के तहत उपलब्ध हैं.
अग्निवीरों की सैलरी और प्रशिक्षण
अग्निवीरों को चार साल की सेवा के दौरान चरणबद्ध वेतन मिलता है. पहले वर्ष ₹30,000, दूसरे वर्ष ₹33,000, तीसरे वर्ष ₹36,500 और चौथे वर्ष ₹40,000. इस दौरान उन्हें सैन्य प्रशिक्षण, अनुशासन और स्किल सर्टिफिकेट भी मिलता है, जो आगे की नौकरियों में मददगार साबित होता है.
चार साल बाद क्या-क्या फायदे?
सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को BSF, CRPF, CISF जैसे CAPF बलों में आरक्षण, राज्य पुलिस में प्राथमिकता और प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के बेहतर अवसर मिलते हैं. BSF में 50 फीसदी आरक्षण का यह फैसला साफ संकेत देता है कि सरकार अग्निवीरों के भविष्य को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध है.