ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में खुलासा: 1000 मिसाइल, चीन की साजिश और अमेरिका से वार्ता, पहली बार सामने आए 5 बड़े राज़

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. पीएम मोदी ने बताया कि पाकिस्तान ने 1000 मिसाइलें दागीं, अमेरिका से बातचीत हुई और चीन ने पाकिस्तान को खुफिया मदद दी. राहुल गांधी ने चीन की भूमिका पर सवाल उठाए. सेना को खुली छूट दी गई थी और 22 अप्रैल को ही पूरा प्लान तैयार हो गया था.;

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Curated By :  नवनीत कुमार
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लोकसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का दूसरा दिन था, लेकिन यह दिन ऐतिहासिक बन गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य सांसदों की बातों के बीच कुछ ऐसे तथ्य पहली बार सार्वजनिक मंच पर सामने आए, जिनके बारे में अब तक सिर्फ अटकलें ही लगाई जा रही थीं. यह चर्चा सिर्फ सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसमें कूटनीति, अंतरराष्ट्रीय दखल, तकनीकी तैयारी और खुफिया जानकारी तक के आयाम खुलकर सामने आए.

सबसे चौंकाने वाला खुलासा अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और पीएम मोदी के बीच हुई बातचीत को लेकर था. साथ ही यह भी बताया गया कि पाकिस्तान ने हमला करने की साजिश रची थी, जिसे भारत ने पहले ही भांप लिया था और जवाब में 1000 मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया. वहीं राहुल गांधी ने चीन की भूमिका को लेकर जो आरोप लगाए, उसने चर्चा को और भी गंभीर बना दिया. आइए जानते हैं ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में सामने आए वो 5 अहम फैक्ट्स और उनसे जुड़े जवाब

जेडी वेंस से तीन बार किया फोन

पीएम मोदी ने लोकसभा में बताया कि 9 मई की रात को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने उन्हें एक घंटे में तीन बार कॉल किया. उस समय वे सेना के साथ बैठक में थे, इसलिए जवाब नहीं दे सके. बाद में उन्होंने कॉल बैक किया, जिसमें वेंस ने कहा कि पाकिस्तान बड़ा हमला करने वाला है. पीएम मोदी ने दो टूक जवाब दिया, "अगर पाकिस्तान ऐसा करेगा तो इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी." मोदी ने कहा, "हम चुप नहीं बैठेंगे, बल्कि जवाबी कार्रवाई में उससे भी बड़ा हमला करेंगे." इस बातचीत ने दिखा दिया कि भारत ने निर्णय किसी बाहरी दबाव में नहीं, बल्कि स्पष्ट रणनीति के तहत लिया.

1000 मिसाइल और ड्रोन हमला

प्रधानमंत्री ने संसद को बताया कि पाकिस्तान ने भारत पर 1000 से अधिक मिसाइलें और ड्रोन दागे, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें हवा में ही ध्वस्त कर दिया. पाकिस्तान की तरफ से झूठ फैलाया गया कि आदमपुर एयरबेस पर हमला हुआ है, जबकि अगले ही दिन पीएम मोदी खुद वहां पहुंचे और पूरी दुनिया को दिखा दिया कि भारत में कोई नुक़सान नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि यह एयर डिफेंस की तकनीकी श्रेष्ठता और तत्काल रिस्पॉन्स का प्रमाण है.

ऑपरेशन की कमान चीन के हाथ में

राहुल गांधी ने लोकसभा में आरोप लगाया कि पाकिस्तान तो सिर्फ एक चेहरा था, असली स्क्रिप्ट चीन ने लिखी. उन्होंने दावा किया कि चीन ने पाकिस्तान को सैटेलाइट इमेज, मैप और रियल-टाइम इंटेलिजेंस दी. यहां तक कि पाकिस्तान की वायुसेना के अफसर चीन में ट्रेनिंग ले रहे थे. राहुल ने कहा, "हम समझते रहे कि हम पाक से लड़ रहे हैं, जबकि असल में हम चीन-पाक दोनों से एक साथ जूझ रहे थे." इस आरोप ने चर्चा का स्वरूप बदल दिया और सरकार की रणनीतिक सोच पर सवाल उठे.

22 मिनट में लिया गया बदला

पीएम मोदी ने बताया कि भारत ने 22 अप्रैल की शाम को ही पूरी सैन्य योजना बना ली थी और महज 22 मिनट में प्रतिक्रिया भी दी. सेना को पूरी छूट दी गई थी कि वह समय और तरीका खुद तय करे. उन्होंने कहा, "हमारे पायलट उन इलाकों में भी पहुंचे, जहां आज तक कोई नहीं गया था." मोदी ने यह भी कहा कि यह न्यूक्लियर ब्लैकमेल की राजनीति को करारा जवाब था, और अब पाकिस्तान के कई एयरबेस ICU में हैं.

तीनों सेनाओं का ज्वाइंट एक्शन

प्रधानमंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य शक्ति और तालमेल का प्रतीक था. वायुसेना, थलसेना और नौसेना—तीनों को एक साथ लगाया गया. "यह पिछले दस साल की तैयारी का नतीजा था," उन्होंने कहा. टारगेटिंग, इंटेलिजेंस और एक्जीक्यूशन—तीनों में भारत ने 100% सफलता पाई. "हमने आतंक के केंद्र पर वार किया, आतंकियों की नाभि पर सीधा प्रहार किया." ऑपरेशन का उद्देश्य सिर्फ जवाब देना नहीं था, बल्कि आतंकी ढांचे को पूरी तरह ध्वस्त करना था, जो सरकार के मुताबिक पूरी तरह सफल रहा.

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