Constitution Day 2025: विकसित भारत बनाने के संकल्प को जरूर...' संविधान दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की 10 बड़ी बातें
संविधान दिवस 2025 के मौके पर संसद भवन परिसर स्थित संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की. इस दौरान उन्होंने संविधान दिवस की देशवासियों को बधाई देते हुए कई बड़ी बाते कही.;
Constitution Day 2025: संविधान दिवस 2025 के अवसर पर बुधवार को संसद भवन परिसर स्थित संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में भव्य राष्ट्रीय समारोह आयोजित किया गया. इस ऐतिहासिक अवसर की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की. कार्यक्रम में भारत के संविधान को नौ भारतीय भाषाओं में डिजिटल रूप में जारी किया गया, जिससे संविधान को देश की विविध भाषाई पहचान के अधिक निकट लाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
डिजिटल रूप से जारी की गई नौ भाषाओं में मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया शामिल हैं. इस राष्ट्रीय समारोह में उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति सी. पी. राधाकृष्ण. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री राज्यसभा और लोकसभा के सांसद भी शामिल रहें. इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी को संविधान दिवस का शुभकामनाएं दी.
संविधान दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की 10 बड़ी बातें
1. 'भारत के लोगों ने अपने संविधान को अपनाया'
अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा "आज के दिन 26 नवंबर 1949 में संविधान सभा के सदस्यों ने भारत संविधान के निर्माण का कार्य संपन्न किया था. आज के दिन उस पर हम भारत के लोगों ने अपने संविधान को अपनाया था. स्वाधीनता के बाद संविधान सभा ने भारत की अंतरिम संसद के रूप में भी कर्तव्य का निर्वाहन किया."
2. 'ये निर्णय काफी सार्थक'
उन्होंने कहा कि "बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर हमारे संविधान के प्रमुख निर्माता में से थे. बाबा साहब के 125 वीं जयंती के वर्ष में यानी 26 नवंबर 2015 में प्रतिवर्ष संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया..ये निर्णय अत्यंत सार्थक निर्णय लिया गया."
3. तीन तलाक पर क्या बोलीं राष्ट्रपति?
उन्होंने कहा "तीन तलाक से जुड़ी सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाकर, संसद ने हमारी बहनों और बेटियों के सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए. आजादी के बाद सबसे बड़ा कर सुधार, वस्तु एवं सेवा कर, देश के आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया."
4. आर्टिकल 370 पर बोलीं राष्ट्रपति
उन्होंने कहा "अनुच्छेद 370 के निरसन ने एक ऐसी बाधा को हटा दिया जो देश के समग्र राजनीतिक एकीकरण में बाधा बन रही थी. नारी शक्ति बंधन अधिनियम महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के एक नए युग की शुरुआत करेगा. इस वर्ष, 7 नवंबर से, हमारे राष्ट्रगान, वंदे मातरम की रचना के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव आयोजित किया जा रहा है."
5. 'नागरिक इससे दिशा और प्रेरणा प्राप्त करेंगे'
राष्ट्रपति ने कहा कि "मुझे विश्वास है कि सभी सदस्य और नागरिक इससे दिशा और प्रेरणा प्राप्त करेंगे. हमारा संविधान हमारी राष्ट्रीय पहचान की आधारशिला है. यह राष्ट्र को आगे बढ़ाने, औपनिवेशिक मानसिकता को राष्ट्रवादी दृष्टिकोण से बदलने का मार्गदर्शक ढांचा है."
6. राष्ट्रपति ने की श्रद्धांजलि अर्पित
उन्होंने कहा कि "मैं संविधान निर्माताओं की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए संविधान सभा के सभी सदस्यों को बधाई देता हूं. राष्ट्र की ओर से, मैं संविधान सभा के सभी सम्मानित सदस्यों को भी सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं."
7. 'भारत बनेगा विकसित राष्ट्र'
उन्होंने कहा कि "मुझे विश्वास है कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को हमारे संसद के दिशानिर्देशों में जरूर पूरी किया जाएगा."
8. 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, जो देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. संविधान राष्ट्रवादी सोच अपनाने का मार्गदर्शक दस्तावेज है.
9. हमारा संविधान प्रभावी ढांचा प्रदान करता है
उन्होंने कहा कि "संविधान को अपनाने के पक्ष में प्रस्तुत किए गए प्रबल तर्क आज भी प्रासंगिक हैं. हमारे संविधान निर्माताओं का उद्देश्य था कि इस संविधान के माध्यम से हमारी सामूहिक और व्यक्तिगत गरिमा और स्वाभिमान सुनिश्चित हो. मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि 21वीं सदी में, हमारा संविधान जन आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति के लिए एक अत्यंत प्रभावी ढांचा प्रदान करता है."
10. देश को आगे बढ़ाने में दोनों सदनों का अहम रोल
उन्होंने कहा कि "देश को सही तरीके से आगे बढ़ाने में हमारे दोनों सदनों ने अहम भूमिका निभाई है. जिससे देश का विकास लगातार हो रहा है."